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यूनिफॉर्म सिविल कोड पर आगे बढ़ा केंद्र, मांगी लॉ कमीशन से राय

Rishi
Published on: 1 July 2016 11:19 PM GMT
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर आगे बढ़ा केंद्र, मांगी लॉ कमीशन से राय
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नई दिल्लीः मोदी सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी सबके लिए एक जैसे पर्सनल लॉ पर लॉ कमीशन से राय मांगी है। देश के संविधान में कहा गया है कि सरकार को यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की दिशा में काम करना चाहिए, लेकिन 68 साल से तमाम सरकारों ने इस पर चुप्पी साध रखी थी।

लॉ कमीशन क्या करेगा?

-मोदी सरकार ने कमीशन से सभी पहलुओं पर गौर करने को कहा है।

-लॉ मिनिस्ट्री ने कमीशन से यूनिफॉर्म सिविल कोड से जुड़े डॉक्युमेंट्स भी मांगे हैं।

-कमीशन एक्सपर्ट्स से बातचीत करने के बाद अपनी राय सरकार को देगा।

यूनिफॉर्म सिविल कोड क्या है?

-यूनिफॉर्म सिविल कोड देश के सभी नागरिकों के लिए एक जैसा पर्सनल लॉ होगा।

-संविधान के अनुच्छेद 44 के मुताबिक, यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है।

-फिलहाल हिंदू और मुसलमानों के लिए अलग पर्सनल लॉ हैं।

-इसमें प्रॉपर्टी, शादी, तलाक और उत्तराधिकार के मामले आते हैं।

- बीजेपी हमेशा से इसके पक्ष में रही है, जबकि कांग्रेस ने इसका विरोध किया है।

कब उछला मामला?

-1985 में शाहबानो मामले के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चर्चा शुरू हुई थी।

-सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो के पूर्व पति को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था।

-सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होना चाहिए।

-तत्कालीन राजीव सरकार ने फैसले को पलटने के लिए संसद में बिल पास कराया था।

कांग्रेस ने साधा निशाना

-कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बीजेपी की यह घटिया राजनीति है।

-जब भी इलेक्शन आते हैं बीजेपी आर्टिकल 370, कॉमन सिविल कोड जैसे मुद्दों को उठाने लगती है।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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