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मोदी का सिंगापुर में स्वागत: प्रेसिडेंट हलीमा से की मुलाकात

shalini
Published on: 1 Jun 2018 10:21 AM IST
मोदी का सिंगापुर में स्वागत: प्रेसिडेंट हलीमा से की मुलाकात
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सिंगापुर : तीन देशों के दौरे पर पीएम नरेंद्र मोदी का आज 1 जून शुक्रवार को सिंगापुर में दूसरा दिन है। शुक्रवार को प्रेसिडेंशियल पैलेस में उनका औपचारिक स्वागत किया गया। उन्होंने सिंगापुर की राष्ट्रपति हलीमा याकूब से शिष्टाचार भेंट की।

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इसके बाद मोदी सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग से बातचीत करेंगे और दोनों देशों के बीच कई समझौते किए जाएंगे और एक साझा प्रेस कांफ्रेंस भी आयोजित की जाएगी। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने मोदी के सम्मान में लंच भी रखा है। मोदी शांगरी-ला डायलॉग में स्पीच भी देंगे। यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस सम्मेलन को संबोधित करेगा। गुरुवार को मोदी सिंगापुर में व्यापार और समुदाय से जुड़े कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

मोदी शांगरी-ला डायलॉग में क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों तथा क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता कायम रखने के बारे में भारत के विचार रख सकते हैं। इस कार्यक्रम में 40 देशों के रक्षा मंत्री, सेना प्रमुख और शीर्ष अधिकारी भाग ले रहे हैं । शांगरी-ला डायलॉग के बाद सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने सभी मेहमानों के लिए डिनर रखा है।

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पीएम मोदी सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी जाएंगे। यहां वो 'ट्रांसफॉर्मिंग एशिया थ्रो इनोवेशन' विषय पर संबोधित करेंगे। साथ ही कई एमओयू पर हस्ताक्षार करेंगे। यहां वे यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष और बोर्ड मेंबर से भी मुलाकात करेंगे।

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भारत और सिंगापुर ने पीएम मोदी की यात्रा के दौरान 14 उद्योग से उद्योग (बी 2 बी) और उद्योग से सरकार (बी 2 जी) करारों की घोषणा की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में भारत और सिंगापुर के बीच 14 बी 2 बी और बी 2 जी दस्तावेजों की घोषणा की गई।

नरेंद्र मोदी बुधवार को इंडोनेशिया में इस्तिकलाल मस्जिद और सेंट्रल जकार्ता में रथ पर सवार अर्जुन की मूर्ति देखने पहुंचे थे। 1978 में बनी इस्तिकलाल मस्जिद दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है। इस्तिकलाल का मतलब होता है आजादी। इंडोनेशिया की सांस्कृतिक विविधता का पता इसी बात से चलता है कि इस मस्जिद को एक ईसाई आर्किटेक्ट फ्रेडरिक सिलाबान ने डिजाइन किया था।

इस्तिकलाल मस्जिद जाने का बाद मोदी, विदोदो के साथ अर्जुन का रथ देखने पहुंचे। महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण अर्जुन के सारथी बने थे। एक चट्टान पर बनी कलाकृति में कृष्ण-अर्जुन को इसी रूप में दिखाया गया है।

अर्जुन के रथ में 8 घोड़े जुते हुए हैं, जावा के दर्शन के मुताबिक इन्हें अष्टव्रत नाम दिया गया है। ये आठ घोड़े किस्मा (धरती), सूर्य, अग्नि, कार्तिक (तारे), वरुण (जल का देवता), समीरन (वायु), तीर्त (बारिश) और केंद्रा (महीने) का प्रतीक हैं। इस कलाकृति को 1987 में बनाया गया था। भारत से जकार्ता जाने वाले पर्यटकों के लिए ये आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।

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