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समंदर पार से इंडिया के लिए जो कहा गया, वही पहचान है हमारी

Rishi
Published on: 7 Feb 2018 5:04 PM GMT
समंदर पार से इंडिया के लिए जो कहा गया, वही पहचान है हमारी
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माले : मालदीव के निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने चीन को दो टूक जवाब देते हुए बुधवार को फिर भारत से मालदीव के ताजा घटनाक्रम में दखल देने की गुहार लगाई। नशीद ने कहा कि उनके देशवासी नई दिल्ली से सकारात्मक भूमिका की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि 1988 में संकट के समय भारत ने अपना प्रभुत्व नहीं जमाया था, बल्कि मुक्तिदाता की भूमिका निभाई थी। नशीद का यह बयान चीन की ओर से भारत को मालदीव के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं देने की चेतावनी की अस्वीकारोक्ति है, जिसमें चीन की ओर कहा गया कि इससे स्थिति जटिल बन जाएगी।

इससे पहले मंगलवार को ब्रिटेन में निर्वासित जीवन जी रहे नशीद ने अपने द्विपीय राष्ट्र में बढ़ते संकट का समाधान करने के लिए भारत से सैन्य हस्तक्षेप की मदद मांगी थी। मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है।

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मंगलवार को नशीद ने ट्वीट में कहा, "मालदीव के लोगों की ओर से हम भारत से सैन्य ताकत के साथ राजदूत भेजने का निवेदन करते हैं, ताकि न्यायाधीशों और राजनीतिक बंदियों को मुक्त कराया जाए। हम भारत की वहां उपस्थिति का अनुरोध करते हैं। साथ ही अमेरिका से मालदीव सरकार के नेताओं को अमेरिकी बैंकों के जरिए होने वाले सारे वित्तीय लेन-देन बंद करने का आग्रह करते हैं।"



भारत ने सख्त रुख जाहिर करते हुए कहा कि वह मालदीव के हालात से 'व्यथित' है, जहां सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश व अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों को जेल में डालकर आपातकाल घोषित कर दिया गया है। यामीन ने पिछले गुरुवार को शीर्ष अदालत के फैसले के बाद देश में आपातकाल घोषित कर दिया था। अदालत ने नशीद समेत नौ राजनीतिक बंदियों को मुक्त करने और सत्ताधारी पार्टी से बगावत करने के लिए बर्खास्त किए गए 12 सांसदों की शक्ति दोबारा बहाल करने और सर्वोच्च न्यायालय की ओर से विपक्ष में मतदान करने पर पूर्व में लगाए गए प्रतिबंध को रद्द करने का आदेश दिया था।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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