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RSS: इन शर्तों के साथ RSS की शाखा में शमिल हो सकते हैं मुस्लिम, मोहन भागवत ने कह दी बड़ी बात

RSS on Muslims: मुसलमानों के संघ में शामिल होने को लेकर मोहन भगवत ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जायेंगें। आइये जानते हैं कौन सी शर्तों के साथ शामिल हो सकते हैं सभी संघ में।

Shweta Srivastava
Published on: 7 April 2025 11:52 AM IST
Muslims Can Join RSS
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Muslims Can Join RSS (Image Credit-Social Media)

Muslims Can Join RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत इस समय वाराणसी के दौरे पर हैं। वो आज मलदहिया के लाजपत नगर पार्क की शाखा पहुंचे जहां से उन्होंने स्वयंसेवकों के कुछ सवालों के जवाब दिए इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए। आइये जानते हैं आखिर ऐसा क्या कहा उन्होंने।

RSS की शाखा में शमिल हो सकते हैं मुस्लिम

दरअसल, उनसे एक सवाल पूछा गया कि क्या आरएसएस की शाखा में क्या कोई भी आ सकता है? इस पर संघ प्रमुख ने जो कहा वह सुनकर वहां खड़े सभी लोग हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि आरएसएस की शाखा में किसी भी मत, संप्रदाय, जाति, पंथ और भाषा के आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं है। साथ ही साथ उन्होंने कहा कि जो भी भारत माता की जय बोलेगा उसको शाखा में आने से कोई नहीं रोक सकता। इसके आगे उन्होंने कहा कि," संघ की शाखा में सभी का स्वागत है। इसके बाद उन्होंने कहा कि, "लेकिन उन लोगों को छोड़कर जो खुद को औरंगजेब के वंशज मानते हैं।"

आपको बता दें कि संघ के स्वयंसेवक का सवाल था कि," क्या हम अपने मुस्लिम भाइयों को भी शाखा में ला सकते हैं?" इस पर मोहन भागवत ने कहा कि," संघ की शाखा के दरवाजे उन सभी के लिए खुले हैं जो भारत माता की जय बोलते हैं और भगवा ध्वज का सम्मान करते हैं। आरएसएस की विचारधारा में पूजा पद्धति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता।

बताया, किसकी RSS में नहीं एंट्री

इसके बाद उन्होंने कहा कि," उन लोगों को छोड़कर सभी यहां आ सकते हैं जो खुद को औरंगजेब का वंशज मानते हैं। संघ की शाखा में पूजा पद्धति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता हमारा संप्रदाय, जाति और भाषा अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन संस्कृति एक है। इसके बाद उन्होंने कहा कि," किसी भी पंथ या समुदाय के लोगों का संघ की शाखा में स्वागत है।"

मोहन भागवत ने इस दौरान अखंड भारत की अवधारणा पर बात करते हुए कहा कि," कुछ लोगों को लगता है कि अखंड भारत का विचार व्यावहारिक नहीं है लेकिन सच यह है कि ऐसा संभव है आज सिंध प्रांत की हालत देखिए भारत से जिन हिस्सों को अलग किया गया था उनके साथ आज भेदभाव की स्थिति है। संघ में कभी भी किसी से भेदभाव नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी शाखों में हमेशा से सब की एंट्री रही है।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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