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Mohan Bhagwat Vijyadashmi Rally: नागपुर में RSS की दशहरा रैली, रोजगार और जनसंख्या नियंत्रण पर बोले भागवत

Mohan Bhagwat Vijyadashmi Rally: कार्यक्रम में केंद्रीय परिवहन मंत्री और स्थानीय सांसद नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस भी शामिल हुए हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 5 Oct 2022 11:20 AM IST
RSS chief Mohan Bhagwat
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RSS प्रमुख मोहन भागवत: Photo - Social Media

Mohan Bhagwat Vijyadashmi Rally: आज दशहरा है। देश की सबसे बड़ी सांस्कृतिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के लिए आज का दिन काफी मायने रखता है। क्योंकि इसी दिन सन् 1925 में इस संगठन की नींव पड़ी थी। नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में विजयादशमी उत्सव के मौके पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। पहली बार आयोजन में एक महिला को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया है। पद्मश्री संतोष यादव दो बार दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाली एकमात्र महिला हैं।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय परिवहन मंत्री और स्थानीय सांसद नितिन गडकरी और नागपुर से ही ताल्लुक रखने वाले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस भी शामिल हुए हैं। दशहरे पर आरएसएस में शस्त्र पूजन की परंपरा रही है, जिसे इसबार भी निभाया गया। मोहन भागवत ने संघ मुख्यालय में शस्त्र पूजन में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित किया। उनके संबोधन में रोजगार और जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा हावी रहा।

रोजगार पर क्या बोले भागवत

भारत में बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़ों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रोजगार पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि रोजगार का मतलब नौकरी है और नौकरी के पीछे ही लोग भागेंगे और वह भी सरकारी। यदि ऐसे सब लोग दौड़ेंगे तो नौकरी कितने लोग दे सकते हैं ? किसी भी समाज में सरकारी से लेकर निजी मिलाकार अधिक से अधिक 10,20 या 30 प्रतिशत नौकरी होती है। बाकी सब को अपना काम करना पड़ता है। इसके बाद हमें स्वयं कोशिश करनी पड़ेगी। इस दिशा में स्टार्टअप बढ़िया पहल है।

जनसंख्या असंतुलन पर चेताया

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बढ़ती आबादी और जनसंख्या असंतुलन के खतरे पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, जनसंख्या जितना अधिक होगा बोझ उतना ही अधिक होगा। हमको यह देखना होगा कि हमारा देश 50 साल बाद कितने लोगों को खिला और झेल सकता है। इसलिए जनसंख्या पर एक पॉलिसी बने और वह सब पर एक समान रूप से लागू हो। मोहन भागवत ने आगे कहा, धर्म आधारित जनसंख्या असंतुलन ऐसा विषय है, जिसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।

जनसंख्या असंतुलन से भौगोलिक सीमाओं में परिवर्तन होता है। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि एक भूभाग में जनसंख्या में संतुलन बिगड़ने का परिणाम है कि इंडोनेशिया से ईस्ट तिमोर, सूडान से साउथ सूडान और सर्बिया से कोसोवो नाम से नए देश बन गए।

बता दें कि आरएसएस प्रमुख हर साल दशहरा पर संघ के सालभर के आयोजन और कार्यक्रमों की जानकारी देते हैं। यहीं वजह है कि उनके इस भाषण पर मीडिया की काफी नजर रहती है। मालूम हो कि सन् 1925 में दशहरे के दिन ही डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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