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ब्लू व्हेल के बाद अब मोमो चैलेंज ले रहा जान
नयी दिल्ली: ब्लू व्हेल की तर्ज पर फेसबुक से शुरू होने वाला मोमो चैलेंज ऐसा जानलेवा खेल है जिसके तहत खासकर युवाओं को कठिन ऑनलाइन चुनौतियां दी जाती हैं। इसका अंत संबंधित खिलाड़ी की आत्महत्या से होता है। हाल के दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में व्हट्सएप के जरिए लोगों को इसका लिंक और न्योता भेजा जा रहा है। इसमें खिलाडिय़ों को जापानी कलाकार मिदोरी हयाशी की एक कलाकृति भेजी जा रही है। इसमें एक कुरूप दिखने वाली महिला की आंखें बाहर निकलती नजर आ रही हैं। यह आंखें मोमो जैसी लगती हैं।
इस खेल के लिए अज्ञात नंबरों से जिन युवाओं को न्योता भेजा जा रहा है उनमें कई निर्देश होते हैं। अगर वह उनको नहीं मानते तो उनको और हिंसक तस्वीरें भेजने की धमकी दी जाती है। पश्चिम बंगाल में ऐसे कम से कम दो मामले सामने आए हैं जिनमें एक युवक और एक युवती ने संभवत: मोमो चैलेंज के कारण आत्महत्या कर ली। राजधानी कोलकाता की एक कामकाजी महिला को भी व्हट्सएप के जरिए इसका न्योता भेजा गया है। इसी तरह जलपाईगुड़ी जिले की एक छात्रा को इसका न्योता मिला। इन दोनों ने पुलिस के साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है।
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पश्चिम बंगाल सरकार अब इस खतरे से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठा रही है। दार्जीलिंग जिले के कर्सियांग में 18 साल के मनीष सारकी और 26 साल की अदिती गोयल ने आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को संदेह है कि यह दोनों मोमो चैलेंज खेल में फंसे थे। पश्चिम बंगाल सरकार के गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं, 'तमाम जिलों में स्थित थानों को जरूरी निर्देश भेजने के साथ ही प्रशासन ने शैक्षणिक संस्थानों से भी छात्रों के व्यवहार में आने वाले किसी बदलाव का ध्यान रखने को कहा है।'
बीते 21 अगस्त को जलपाईगुड़ी की कविता राई को भी मौत का यह खेल खेलने का न्योता मिला था। उसने इस बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। कोलकाता में एक आईटी पेशेवर और एक बच्चे की मां ने भी ऐसा ही न्योता मिलने के बाद कोलकाता पुलिस के साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है। राजश्री उपाध्याय नामक यह महिला बताती हैं, 'मैंने अपने दोस्त की सलाह पर इस न्योते का कोई जवाब नहीं दिया था। मुझे इस खेल के खतरे के बारे में जानकारी है। इसलिए मैंने डर के मारे पुलिस को इसकी सूचना दे दी।'
दूसरी ओर मुंबई पुलिस ने भी अब इस खतरनाक खेल के प्रति ट्विटर और सोशल नेटवर्किंग साइटों की सहायता से लोगों में जागरूकता फैलाने का काम शुरू कर दिया है। मुंबई पुलिस के एक साइबर विशेषज्ञ कहते हैं, 'इस खेल का न्योता लोगों को चुन-चुन कर भेजा जा रहा है। इसके स्रोत का पता लगाना मुश्किल है। पुलिस ने लोगों से अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान रखने की सलाह दी है।
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि ई-मेल खातों और सोशल नेटवर्किंग साइटों का पासवर्ड नियमित अंतराल पर बदलना जरूरी है। अगर किसी को कहीं से कोई संदिग्ध लिंक मिलता है, तो उस नंबर को फौरन ब्लॉक कर देना चाहिए। अपनी कॉन्टेक्ट लिस्ट में वही नंबर सेव करें जो आपके परिचित के हों। बच्चों के फोन में पेटर्न लॉक करके रखें। जिसको आप जानते न हों, उनसे नंबर एक्सचेंज न करें। अपने फोन को एंटी वायरस से प्रोटेक्ट करें। ऐसा करने पर जब आप किसी लिंक को ओपन करेंगे तो पॉप-अप आ जाएगा। यही नहीं, वो आपके वाट्सऐप, एसएमएस, और फेसबुक मैसेंजर को प्रोटेक्ट करेगा।