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मनी लॉन्ड्रिंग केस: ED के सवाल पर वाड्रा का जवाब- 'लंदन में नहीं है किसी तरह की प्रॉपर्टी'
रॉबर्ट वाड्रा अमेरिका से दिल्ली वापस लौटने के बाद आज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए थे। वाड्रा के साथ उनकी पत्नी प्रियंका गांधी भी उनके साथ ईडी दफ्तर आईं थीं लेकिन वो वहां वाड्रा को छोड़कर चलीं गईं। ईडी दफ्तर में रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ अभी भी जारी है।
नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों की करीब 4 तक चली पूछताछ अब खत्म हो चुकी है। लेकिन कल सुबह 10.30 बजे एक बार फिर से इसी मामले में पूछताछ होगी। बुधवार को हुई इस पूछताछ में वाड्रा ने कुछ सवालों के जवाब दिए थे। वाड्रा ने ईडी अधिकारियों से लंदन में किसी भी तरह की प्रॉपर्टी होने से इन्कार किया है। इसके अलावा उन्होंने मनोज अरोड़ा को जानने की बात कही है।
वाड्रा ने कहा कि मनोज अरोड़ा मेरा कर्मचारी था। हालांकि, उन्होंने संजय भंडारी और सुमित चड्ढा से किसी भी तरह के संबंधों से इन्कार किया है। बतादें कि वाड्रा अमेरिका से दिल्ली वापस लौटने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी के सामने पेश हुए हैं। ईडी के संयुक्त निदेशक के नेतृत्व में उप निदेशक और पांच अन्य अधिकारी वाड्रा से पूछताछ कर रहे हैं। इससे पहले, वाड्रा के साथ उनकी पत्नी प्रियंका गांधी भी उनके साथ ईडी दफ्तर आईं थीं लेकिन, वो इसके बाद वहां से लौट गईं।
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बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा को छह फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। हालांकि, मनी लांड्रिंग के मामले में कोर्ट ने 16 फरवरी तक के लिए अंतरिम जमानत मिल गई है।
वाड्रा की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने अदालत को भरोसा दिया था कि वे जांच में पूरा सहयोग करेंगे। वाड्रा अपनी मां के इलाज के सिलसिले में देश से बाहर हैं। अदालत ने कहा कि अंतरिम राहत दी जा रही है, लेकिन वाड्रा को जांच में शामिल होना होगा।
यह है पूरा मामला
साल 2009 में एक पेट्रोलियम सौदे में वाड्रा की अहम भूमिका बताई जा रही है। इसकी जांच की जा रही है। वहीं, एजेंसी को यह भी सूचना मिली है कि लंदन में कई प्रॉपर्टी रॉबर्ट वाड्रा से संबंधित हैं। इनमें दो घर और छह फ्लैट शामिल हैं। ईडी चाहती है कि वाड्रा आएं और अपनी प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी दें।
रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ अनुचित, दुर्भावनापूर्ण और अन्यायपूर्ण तरीके से कार्रवाई की जा रही है, जो राजनीति से प्रेरित है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत में सवाल उठाया कि क्या एजेंसी को किसी राजनीतिक ब्रिगेड की जांच नहीं करनी चाहिए? क्या ऐसा करना राजनीतिक प्रतिशोध कहलाएगा?
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मनोज अरोड़ा की अंतरिम सुरक्षा बढ़ाई गई
इसी मामले में एक और दोषी और वाड्रा के सहयोगी मनोज अरोड़ा की अंतरिम सुरक्षा पटियाला हाउस कोर्ट ने 16 फरवरी तक बढ़ा दी है। वाड्रा से पहले उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा ने भी अदालत में आरोप लगाया था कि उनपर राजनीतिक प्रतिशोध में केस दर्ज किया गया और वाड्रा को फंसाने के लिए उन्हें और उनकी पत्नी को धमकाया गया था।
ईडी ने सभी आरोपों का अदालत में खंडन किया है। यह है मामला लंदन में एक फ्लैट को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने रॉबर्ट वाड्रा के करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा के खिलाफ केस दर्ज किया था, जो फिलहाल छह फरवरी तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत पर हैं। ईडी का आरोप है कि फ्लैट अरोड़ा का नहीं, बल्कि वाड्रा का है।
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