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Monkeypox Alert India: मंकीपॉक्स का किसे है खतरा, कौन है सुरक्षित, क्या है इसका टीका, जाने सबकुछ

Monkeypox Latest Update: मंकीपॉक्स अब एक वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी है, जबकि कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई अभी जारी है।

Ramkrishna Vajpei
Published on: 25 July 2022 8:53 AM IST
Know everything about monkeypox, take it seriously
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जानिए मंकीपॉक्स के बारे में सब कुछ: Photo- Social Media

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Monkeypox: मंकीपॉक्स को लेकर घबड़ाने की जरूरत नहीं है लेकिन सावधानी बरतना जरूरी है। इस संबंध में विशेषज्ञों ने कुछ खास बातें बताई हैं। मंकीपॉक्स (Monkeypox) को वैश्विक महामारी घोषित किये जाने और देश में इसके मरीजों के मिलने के बाद हर आदमी जानना चाहता है कि मंकीपॉक्स का किसे सबसे अधिक खतरा है। क्या मंकीपॉक्स का इलाज है। क्या कोरोना की तरह मंकीपॉक्स फैल सकता है। आइए जानते हैं विशेषज्ञ इस बारे में क्या कहते हैं।

ये सच है कि मंकीपॉक्स अब एक वैश्विक हेल्थ इमरजेंसी है, जबकि कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई अभी जारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उच्चतम चेतावनी देते हुए कहा है कि जो वायरस कभी अफ्रीका तक सीमित था उसके और तेजी से फैलने का खतरा निकट है। इस साल यह वायरस 70 से अधिक देशों में पाया जा चुका है।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने कहा है कि उचित जुड़ाव के साथ इसे प्रबंधित किया जा सकता है। पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने वाले पुरुषों में अधिकांश मामले सामने आए हैं।

नए टीके विकसित

विश्व स्वास्थ्य निकाय के अनुसार, चेचक उन्मूलन कार्यक्रम के दौरान जिन टीकों का उपयोग किया गया है, वे भी मंकीपॉक्स से सुरक्षा प्रदान करते हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा लगाए गए एक फैक्टशीट के अनुसार, "नए टीके विकसित किए गए हैं, जिनमें से एक को मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए अनुमोदित किया गया है।"

इस बीच, शीर्ष अमेरिकी चिकित्सा निकाय, सीडीसी (रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र) के अनुसार, दो टीके - अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा लाइसेंस प्राप्त - मंकीपॉक्स संक्रमण को रोकने के लिए उपलब्ध हैं - JYNNEOS (जिसे Imvamune या Imvanex भी कहा जाता है) ) और ACAM2000

मंकीपॉक्स न जानलेवा और न ही बहुत अधिक संक्रामक

भारत में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. संजय राय के मुताबिक मंकीपॉक्स न तो जानलेवा है और न ही बहुत अधिक संक्रामक। इसलिए घबड़ाएं नहीं लेकिन सावधानी बरतें।

एम्स के विशेषज्ञ ने एक बड़ी जानकारी ये दी है कि मंकीपॉक्स चेचक जैसी बीमारी है और चेचक का टीका इसमें 80 फीसदी तक कारगर है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को चेचक का टीका लग चुका है उन्हें इसके संक्रमण का खतरा कम है।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मंकीपॉक्स के संक्रमण का खतरा 45 साल से कम उम्र के लोगों को अधिक है। लेकिन घबड़ाने की जरूरत नहीं है। मंकीपॉक्स के कोरोना की तरह फैलने की आशंका कम है। इसकी रोकथाम करना आसान होगा। इसके अलावा मंकीपॉक्स चेचक की तरह अधिक संक्रामक और जानलेवा भी नहीं है। इसलिए सभी लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। लेकिन दहशत नहीं फैलानी चाहिए।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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