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मानसून सत्र : 'अविश्वास प्रस्ताव' से जुड़े सभी सवालों के जवाब सिर्फ यहां

Rishi
Published on: 19 July 2018 11:26 AM GMT
मानसून सत्र : अविश्वास प्रस्ताव से जुड़े सभी सवालों के जवाब सिर्फ यहां
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लखनऊ : केंद्र की राजग सरकार के पास पूर्णं बहुमत है लेकिन इसके बावजूद भी सरकार गिराने के लिए विपक्ष मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव ला रहा है। अब सरकार को सदन में विश्वास मत साबित करना होगा। शुक्रवार को लोकसभा में सरकार विश्वास मत साबित करेगी।

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आपको बता दें केंद्र सरकार के पास 310 सदस्य का बहुमत है जो कि बहुमत से लगभग 38 अधिक है।

क्या है अविश्वास प्रस्ताव

विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा या विधानसभा में पेश करता है। इस प्रस्ताव के जरिए विपक्षी दल सरकार के प्रति अपना विरोध दर्ज करता है।

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क्या है अविश्वास प्रस्ताव का नियम

संविधान के अनुच्छेद 118 के अंतर्गत सदन अपनी प्रक्रिया बना सकता है। 198 के तहत सदन का कोई भी सदस्य लोकसभा अध्यक्ष को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकता है। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए संसद के सदस्य को सुबह 10 बजे तक लिखित नोटिस देनी होती है। सदन आरंभ होने के समय लोकसभा अध्यक्ष इस नोटिस को सदन में पढ़ते हैं।

क्या है प्रक्रिया

जो दल अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाला है उसके पास राज्यसभा व लोकसभा के मिनिमम 50 सदस्यों का समर्थन होना चाहिए। समर्थन जुटाने के प्रस्ताव लाने वाला दल लोकसभा या विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस देता है। नोटिस स्वीकार कर अध्यक्ष सरकार को विश्वास मत के लिए आमंत्रित करता है।

मंजूरी मिलने के 10 दिनों के अदंर ही इस पर चर्चा होती है। चर्चा के बाद वोटिंग होती है। सरकार यदि सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाती, तो पीएम को इस्तीफा देना होता है ऐसे में सरकार गिर जाती है।

क्या है गणित

सदन में कुल सांसद 534

बहुमत 268

एनडीए 315

रुख साफ नहीं 72

यूपीए और अन्य 147

ये किसी के साथ नहीं

अन्नाद्रमुक-37

बीजद-20

टीआरएस-11

इनेलो-02

पीडीपी-01

पप्पू यादव-01 समेत 72 सांसद ऐसे हैं जो दोनों पक्षों से बराबर दूरी बनाए हुए हैं।

अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में दल

कांग्रेस, तेलुगुदेशम, माकपा, भाकपा, सपा, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, आप, राजद समेत एक दर्जन से ज्यादा दलों के पास 147 सांसदों का ही समर्थन है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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