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अब क्या होगा! 3 दिन का ही बचा है पेट्रोल-डीजल, थम जाएगी गाड़ियों की रफ्तार
इंदौर के पेट्रोल-डीजल टैंकर संचालकों ने ट्रक ऑपरेटर्स की हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। इस मामलें में संगठन का मानना है कि यदि ये हड़ताल 3 दिन से अधिक चली तो इंदौर में ईंधन की मारा-मारी हो सकती है। संगठन के मुताबिक इंदौर में सिर्फ 3 दिनों के लिए पेट्रोल-डीजल की व्यवस्था है।
नई दिल्ली : इंदौर के पेट्रोल-डीजल टैंकर संचालकों ने ट्रक ऑपरेटर्स की हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। इस मामलें में संगठन का मानना है कि यदि ये हड़ताल 3 दिन से अधिक चली तो इंदौर में ईंधन की मारा-मारी हो सकती है। संगठन के मुताबिक इंदौर में सिर्फ 3 दिनों के लिए पेट्रोल-डीजल की व्यवस्था है। एसोसिएशन ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सीएम से भी मुलाकात की थी। सीएम के साथ बैठक विफल होने के बाद उन्होंने ये कदम उठाया है।
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3 विभिन्न एसोसिएशन हड़ताल के समर्थन में
बता दें कि शुक्रवार से सामान बुकिंग से मना करने के बाद शनिवार से ट्रक ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। सरकार से की गई वार्ता भी असफल रही। इंदौर के लगभग 3200 ट्रक ऑपरेटर इस हड़ताल का सपोर्ट कर रहे हैं।
हड़ताल के चलते शहर और बाहरी हिस्सों में वाहन चालकों ने अपने वाहनों को खड़ा कर दिया है। ट्रक ऑपरेटर्स अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल कर रहे हैं। इंदौर की 3 विभिन्न एसोसिएशन हड़ताल के समर्थन में हैं। जिसमे ट्रक ऑपरेटर्स, पार्सल एंड गुड्स, और टैंकर एसोसिएशन हड़ताल पर चले गए हैं।
हड़ताल में ये हैं मांगें
चल रही हड़ताल में ट्रक ऑपरेटर्स परिवहन विभाग द्वारा पुरानी एवं नई गाडिय़ों पर की गई आजीवन शुल्क वृद्धि वापस लेने और प्रदेश सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर जो 5% वैट (कर) लगाया है, उसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इन्हीं मांगों को लेकर ये हड़ताल चल रही है।
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एसोसिएशन ने रखी अपनी मांगें
बता दें कि ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन के ऑफिसर के अनुसार, शहर की 3 एसोसिएशन की सहमति से प्रदेशव्यापी हड़ताल का समर्थन किया गया है। फिलहाल सभी स्वेच्छा समर्थन जाहिर कर रहे हैं। इससे पहले मंगलवार 1 अक्टूबर को ट्रक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सीएम कमलनाथ से मुलाकात कर उन्हें अपनी परेशानियों से अवगत कराया था। इसी के चलते एसोसिएशन ने उनके सामने अपनी मांगें रखी थीं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम से कोई ठोस आश्वासन न मिल पाने के कारण उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा है।