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MPs ADR Report: जानिए सांसदों का हाल-हवाल: 40 फीसदी के खिलाफ हैं क्रिमिनल केस
MPs ADR Report:एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने देश भर में लोकसभा और राज्यसभा की 776 सीटों में से 763 मौजूदा सांसदों के हलफनामों का विश्लेषण किया है।
MPs ADR Report: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने देश भर में लोकसभा और राज्यसभा की 776 सीटों में से 763 मौजूदा सांसदों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। यह डेटा सांसदों द्वारा अपने पिछले चुनाव और उसके बाद के उप-चुनाव लड़ने से पहले दायर किए गए हलफनामों से निकाला गया है। लोकसभा की 4 सीटें और राज्यसभा की एक सीट खाली है और जम्मू-कश्मीर की 4 राज्यसभा सीटें अपरिभाषित हैं। 1 लोकसभा सांसद और 3 राज्यसभा सांसदों के हलफनामे का विश्लेषण नहीं किया जा सका क्योंकि उनके हलफनामे उपलब्ध नहीं थे।
आपराधिक पृष्ठभूमि
- विश्लेषण किए गए 763 मौजूदा सांसदों में से 306 (40 फीसदी) मौजूदा सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
- 194 (25 फीसदी) मौजूदा सांसदों ने गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध आदि से संबंधित मामले शामिल हैं।
- लक्षद्वीप से 1 सांसद में से 1 (100 फीसदी), केरल से 29 सांसदों में से 23 (79 फीसदी), बिहार से 56 सांसदों में से 41 (73 फीसदी), महाराष्ट्र के 65 सांसदों में से 37 (57 फीसदी) तेलंगाना के 24 सांसदों में से 13 (54 फीसदी) और दिल्ली के 10 सांसदों में से 5 (50 फीसदी) ने अपने स्व-शपथ हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
- गंभीर आपराधिक मामलों वाले मौजूदा सांसदों के उच्चतम प्रतिशत वाला राज्य लक्षद्वीप है जहाँ से 1 सांसद में से 1 (100 फीसदी) ने हलफनामे में यह जानकारी दी है। इस्ल्के बाद बिहार से 56 सांसदों में से 28 (50 फीसदी), तेलंगाना से 24 सांसदों में से 9 (38 फीसदी), केरल के 29 सांसदों में से १० (34 फीसदी, महाराष्ट्र के 65 सांसदों में से 22 (34 फीसदी) और उत्तर प्रदेश के 108 सांसदों में से 37 (34 फीसदी) ने अपने स्व-शपथ हलफनामों में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
आपराधिक मामलों वाले मौजूदा सांसदों का पार्टीवार प्रतिशत
किस पार्टी के संस्साद सदस्यों की क्या स्थिति है इसके बारे में बात करें तो बीजेपी के 385 सांसदों में से 139 (36 फीसदी), कांग्रेस के 81 सांसदों में से 43 (53 फीसदी), तृणमूल कांग्रेस के 36 सांसदों में से 14 (39 फीसदी), राजद के 6 सांसदों में से 5 (83 फीसदी), सीपीआई (एम) के 8 सांसदों में से 6 (75 फीसदी), आप के 11 सांसदों में से 3 (27 फीसदी), वाईएसआरसीपी के 31 सांसदों में से 13 (42 फीसदी) और एनसीपी के 8 में से 3 (38 फीसदी) सांसदों ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।
गंभीर आपराधिक मामलों वाले मौजूदा सांसदों का पार्टीवार प्रतिशत देखने तो बीजेपी के 385 सांसदों में से 98 (25 फीसदी), कांग्रेस के 81 सांसदों में से 26 (32 फीसदी), एआईटीसी के 36 सांसदों में से 7 (19 फीसदी), राजद के 6 सांसदों में से 3 (50 फीसदी), सीपीआई (एम) के 8 सांसदों में से 2 (25 फीसदी), आप के 11 सांसदों में से 1 (9 फीसदी), वाईएसआरसीपी के 31 सांसदों में से 11 (35 फीसदी) और एनसीपी के 8 में से 2 (25 फीसदी) सांसदों ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
मौजूदा सांसदों पर हत्या से संबंधित मामले
- 11 मौजूदा सांसदों ने हत्या (भारतीय दंड संहिता धारा-302) से संबंधित मामलों की घोषणा की है।
- 32 मौजूदा सांसदों ने हत्या के प्रयास (आईपीसी धारा-307) के मामलों की घोषणा की है।
- 21 मौजूदा सांसदों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है।
- 21 सांसदों में से 4 सांसदों ने बलात्कार (आईपीसी धारा-376) से संबंधित मामलों की घोषणा की है।
किसके पास कितना पैसा
मौजूदा सांसदों की औसत संपत्ति देखें तो लोकसभा और राज्यसभा के प्रति सांसद की औसत संपत्ति 38.33 करोड़ रुपये है।
- घोषित आपराधिक मामलों वाले सांसदों की औसत संपत्ति 50.03 करोड़ रुपये है। इसकी तुलना में बिना आपराधिक मामले वाले सांसदों की औसत संपत्ति 30.50 करोड़ रुपये है।
- प्रति सांसद सबसे अधिक औसत संपत्ति वाला राज्य तेलंगाना (24 सांसद) है, जिसकी औसत संपत्ति 262.26 करोड़ रुपये है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (36 सांसद) है, जिसकी औसत संपत्ति 150.76 करोड़ रुपये है और पंजाब (20 सांसद) है जिनकी औसत संपत्ति 88.94 करोड़ रुपये है।
सबसे कम औसत संपत्ति
सांसदों की सबसे कम औसत संपत्ति वाला राज्य लक्षद्वीप (1 सांसद) है, जिसकी औसत संपत्ति 9.38 लाख रुपये है, इसके बाद त्रिपुरा (3 सांसद) है, जिसकी औसत संपत्ति 1.09 करोड़ रुपये है और मणिपुर (3 सांसद) 1.12 करोड़ रुपये की औसत संपत्ति के साथ है।
पार्टीवार औसत संपत्ति
प्रमुख दलों में, विश्लेषण किए गए 385 भाजपा सांसदों की प्रति सांसद औसत संपत्ति 18.31 करोड़ रुपये है, 81 कांग्रेस सांसदों की औसत संपत्ति 39.12 करोड़ रुपये है, 36 तृणमूल कांग्रेस सांसदों की औसत संपत्ति 8.72 करोड़ रुपये है। वाईएसआरसीपी के 31 सांसदों की औसत संपत्ति 153.76 करोड़ रुपये है। टीआरएस के 16 सांसदों की औसत संपत्ति 383.51 करोड़ रुपये है। एनसीपी के 8 सांसदों की औसत संपत्ति 30.11 करोड़ रुपये है। और आप के 11 सांसदों की औसत संपत्ति 119.84 करोड़ रुपये है।
अरबपति सांसद
- विश्लेषण किए गए 763 सांसदों में से 53 (7 फीसदी) अरबपति हैं।
- तेलंगाना के 24 सांसदों में से 7 (29 फीसदी), आंध्र प्रदेश के 36 सांसदों में से 9 (25 फीसदी), दिल्ली के 10 सांसदों में से 2 (20 फीसदी), पंजाब के 20 सांसदों में से 4 (20 फीसदी), उत्तराखंड के 8 सांसदों में से 1 (13 फीसदी), महाराष्ट्र के 65 सांसदों में से 6 (9 फीसदी) और कर्नाटक के 39 सांसदों में से 3 (8 फीसदी) ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है।
- पार्टीवार अरबपति सांसद देखें तो बीजेपी के 385 सांसदों में से 14 (4 फीसदी), कांग्रेस के 81 सांसदों में से 6 (7 फीसदी), टीआरएस के 16 सांसदों में से 7 (44 फीसदी), वाईएसआरसीपी के 31 सांसदों में से 7 (23 फीसदी) आप के 11 सांसदों में से 3 (27 फीसदी), शिरोमणि अकाली दल के 2 सांसदों में से 2 (100 फीसदी) और तृणमूल कांग्रेस के 36 सांसदों में से 1 (3 फीसदी) ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है।
मौजूदा सांसदों की कुल संपत्ति
- 763 मौजूदा सांसदों की कुल संपत्ति 29,251 करोड़ रुपये।
- वर्तमान सांसदों की पार्टीवार कुल संपत्ति के विश्लेषण से निकल कर आया है कि 385 भाजपा सांसदों की कुल संपत्ति 7,051 करोड़ रुपये है। 16 टीआरएस सांसदों के लिए 6,136 करोड़ रुपये, 31 वाईएसआरसीपी सांसदों के लिए 4,766 करोड़ रुपये, 81 कांग्रेस सांसदों के लिए 3,169 करोड़ रुपये और 11 आप सांसदों के पास कुल संपत्ति 1,318 करोड़ रुपये है।
महिला सदस्य
763 सांसदों में से 111 (15 फीसदी) सांसद महिलाएं हैं। महिला सांसदों की सबसे अधिक संख्या 18 (17 फीसदी) उत्तर प्रदेश से है, उसके बाद पश्चिम बंगाल से 13 (22 फीसदी) और महाराष्ट्र से 12 (18 फीसदी) हैं।
पढ़ाई-लिखाई
अशिक्षित - 1 (0.13 फीसदी)
शिक्षित - 1 (0.13 फीसदी)
पांचवीं पास - 4 (0.52 फीसदी)
आठवीं पास - 15 (1.97 फीसदी)
दसवीं पास - 51 (6.68 फ़ीसदी)
12 वीं पास - 89 (11.67 फीसदी)
ग्रेजुएट - 184 (24.12 फीसदी)
ग्रेजुएट प्रोफेशनल - 141 (18.48 फीसदी)
पोस्ट ग्रेजुएट - 201 (26.34 फीसदी)
डॉक्टरेट - 54 (7.08 फीसदी)
डिप्लोमा - 22 (2.88 फीसदी)