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Madhya Pradesh New CM: मध्य प्रदेश में शिवराज के अलावा CM पद के कई अन्य दावेदार, शीर्ष नेतृत्व ले सकता है चौंकाने वाला फैसला
Madhya Pradesh New CM: मध्य प्रदेश के चुनाव नतीजे से साफ हो गया है कि भाजपा की बड़ी जीत तय है और ऐसे में सीएम पद के दावेदारों को लेकर चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं।
Madhya Pradesh New CM: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा था मगर भाजपा ने जिस तरह कांग्रेस पर भारी बढ़त बनाई है,वह सबको हैरान करने वाली है। मध्य प्रदेश के चुनाव नतीजे से साफ हो गया है कि भाजपा की बड़ी जीत तय है और ऐसे में सीएम पद के दावेदारों को लेकर चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं।
मध्य प्रदेश में भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान का दमदार चेहरा होने के बावजूद उन्हें सीएम चेहरा नहीं बनाया था। हालांकि पार्टी की इस बड़ी जीत में शिवराज सिंह चौहान और उनकी योजनाओं की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। चुनावी रुझान स्पष्ट होने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की है। इस मुलाकात के भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
वैसे मध्य प्रदेश में सीएम पद के दावेदारों में कई अन्य नेताओं का नाम भी लिया जा रहा है। अब सबकी निगाहें विधानसभा चुनाव के फाइनल नतीजे और इसके बाद सीएम पद को लेकर किए जाने वाले शीर्ष नेतृत्व के फैसले पर लगी हुई हैं। दावेदारों में शिवराज के अलावा प्रह्लाद पटेल,नरेंद्र सिंह तोमर और कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी प्रमुखता से लिया जा रहा है।
शिवराज सिंह चौहान
मध्य प्रदेश में भाजपा ने इस बार शिवराज सिंह चौहान को सीएम चेहरा नहीं बनाया था मगर इसके बावजूद शिवराज ने चुनाव प्रचार के दौरान कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। कांग्रेस पर तीखे हमले के साथ ही उन्होंने अपनी सरकार की लुभावनी योजनाओं को भी पूरी दमदारी के साथ जनता के बीच रखा। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने फ्रंट फुट पर बैटिंग करते हुए 160 से ज्यादा चुनावी रैलियां की हैं। इन रेलिया के दौरान उन्होंने अपनी लाडली योजना का बढ़-चढ़कर जिक्र करते हुए महिलाओं का पूरा समर्थन हासिल होने का भरोसा जताया था।
अब मध्य प्रदेश में भाजपा की बड़ी जीत के पीछे महिलाओं के समर्थन की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान सीएम पद की दावेदारी को लेकर पूछे गए सवालों का शिवराज सिंह चौहान ने कभी सीधा जवाब नहीं दिया मगर उनकी दावेदारी को अनदेखा करना मुश्किल माना जा रहा है।
प्रह्लाद सिंह पटेल
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को मध्य प्रदेश में सीएम पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। उनके पक्ष में सबसे बड़ी बात यह है कि वे ओबीसी वर्ग से जुड़े हुए हैं। शिवराज के बाद प्रदेश में भाजपा के ओबीसी वर्ग के सबसे बड़े चेहरों में प्रह्लाद पटेल की दावेदारी को सबसे मजबूत माना जा रहा है।
मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 50 फीसदी से अधिक है। ऐसे में अगर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से मध्य प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन करने का फैसला लिया जाता है तो प्रह्लाद सिंह पटेल पहली पसंद बन सकते हैं।
फग्गन सिंह कुलस्ते
मध्य प्रदेश भाजपा में फगन सिंह कुलस्ते को मजबूत नेता माना जाता है। मध्य प्रदेश में आदिवासी चेहरे के रूप में उनकी दावेदारी को भी काफी मजबूत माना जा रहा है। उन्हें मध्य प्रदेश में आदिवासियों का बड़ा नेता माना जाता है। इस बार वे मंडला जिले की निवास विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े में उतरे हैं। अब मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनना तय हो गया है और ऐसे में कुलस्ते को भी मुख्यमंत्री पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इस फैसले के जरिए भाजपा कई राज्यों में आदिवासी वोटो के समीकरण को साध सकती है।
नरेंद्र सिंह तोमर
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की स्थिति भी मजबूत माने जा रही है। मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से चुनावी अखाड़े में उतरे नरेंद्र सिंह तोमर ने मध्य प्रदेश में भाजपा की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए काफी मेहनत की है। चुनाव प्रचार की शुरुआत से ही वे आक्रामक रणनीति के साथ कांग्रेस पर हमलावर रहे हैं। ऐसे में उन्हें भी सीएम पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है।
हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान उनके बेटे के कथित लेनदेन का वीडियो जारी होने को पर काफी विवाद भी पैदा हुआ था। इसके बाद उन्होंने चुप्पी साध रखी थी। वैसे माना जा रहा है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है। उन्हें पार्टी के बड़े नेताओं का समर्थन भी हासिल है।
वीडी शर्मा
मध्य प्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का नाम भी काफी चर्चाओं में है। मध्य प्रदेश की चुनावी रैलियां में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शर्मा को काफी महत्व दिया था और इसे अलग सियासी नजरिए से देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने अपनी चुनावी रैली के दौरान मंच पर ही उनकी पीठ भी थपथपाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंदौर में किए गए रोड शो के दौरान भी उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई थी। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल पूरा होने के बाद भाजपा नेतृत्व ने उन पर भरोसा जताते हुए दोबारा उन्हें मौका दिया था। चुनावी साल में दोबारा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी को भी बड़ा संकेत माना जा रहा है।
कैलाश विजयवर्गीय
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी राज्य में मुख्यमंत्री पद के दावेदार बनकर उभरे हैं। विजयवर्गीय को विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले को काफी हैरानी वाला माना गया था और उसके बाद से ही वे मुख्यमंत्री पद के पद को लेकर दावेदारी करते रहे हैं। नामांकन के बाद उन्होंने खुलकर बयान दिया था कि मैं सिर्फ विधायक बनने के लिए चुनाव मैदान में नहीं उतरा हूं बल्कि मुझे और बड़ी जिम्मेदारी निभानी है।
पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रभारी के रूप में उन्होंने ममता के गढ़ में पार्टी को मजबूत बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का उन्हें समर्थन हासिल रहा है। रविवार को चुनाव नतीजे की घोषणा के साथ ही विजयवर्गीय समर्थक नेताओं ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग भी कर डाली है। ऐसे में उनकी दावेदारी को भी मजबूत माना जा रहा है।