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MP News: मध्य प्रदेश में दलित समीकरण साधने में जुटी भाजपा, पीएम के दौरे का सियासी मायने, राज्य की 84 सीटों पर पड़ेगा असर

MP Elections 2023 Latest Update: मध्य प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शनिवार को सागर में भव्य रविदास मंदिर के शिलान्यास को भाजपा की इसी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।

Anshuman Tiwari
Published on: 13 Aug 2023 7:59 AM GMT
MP News: मध्य प्रदेश में दलित समीकरण साधने में जुटी भाजपा, पीएम के दौरे का सियासी मायने, राज्य की 84 सीटों पर पड़ेगा असर
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No Confidence Motion of PM Modi in Lok Sabha Election

MP Elections 2023 Latest Update: मध्य प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा संघर्ष देखने को मिल रहा है। कांग्रेस की चुनौतियों से निपटने और सत्ता विरोधी रुझान को कम करने के लिए बीजेपी दलित और आदिवासी समीकरण साधने की कोशिश में जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शनिवार को सागर में भव्य रविदास मंदिर के शिलान्यास को भाजपा की इसी रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।

मध्य प्रदेश में दलित समुदाय से जुड़े हुए 16 फ़ीसदी मतदाता चुनाव नतीजे का फैसला करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। राज्य विधानसभा में 35 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं और जानकारों के मुताबिक राज्य की 84 विधानसभा सीटों पर दलित मतदाताओं के वोट निर्णायक साबित होते हैं। यही कारण है कि भाजपा की ओर से दलित मतदाताओं को साधने की कोशिश की जा रही है। दूसरी ओर कांग्रेस भी भाजपा को जवाब देने के लिए अपनी रणनीति बनाने की कोशिश में जुटी हुई है।

पीएम मोदी के दौरे के सियासी मायने

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस 2020 में सत्ता छीने जाने का बदला लेने की कोशिश में जुटी हुई है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की अगुवाई में पार्टी ने इसके लिए आक्रामक अभियान छेड़ रखा है। दूसरी और भाजपा भी कांग्रेस की चुनावी रणनीति का काट खोजने में जुटी हुई है। इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सागर के पास भव्य रविदास मंदिर का शिलान्यास करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी का संबोधन भी दलित समीकरण साधने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना था कि दलितों और गरीबों का सुख-दुख समझने के लिए मुझे किताबों की जरूरत नहीं पड़ती। मैं भी आपके ही परिवार का सदस्य हूं और इसी कारण कोरोना के संकट काल में मैंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की थी जिसके जरिए 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त राशन मुहैया कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने संत रविदास मंदिर और स्मारक के लिए भूमि पूजन किया। यह भव्य मंदिर 11.29 एकड़ जमीन पर 100 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। इस मंदिर की दीवारों पर संत रविदास के दोहे और शिक्षाएं उकेरी जाएंगी। भक्तों के निवास के लिए भी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

दलित वोटो के लिए भाजपा-कांग्रेस में जंग

दरअसल भाजपा की नजर विधानसभा चुनाव के साथ ही लोकसभा चुनावों पर भी लगी हुई है। सागर को बुंदेलखंड इलाके का बड़ा शहर माना जाता है और बुंदेलखंड का इलाका उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दोनों राज्यों में ब॔टा हुआ है। इसके जरिए भाजपा इस इलाके के दलित समीकरणों को साधने की कोशिश में जुटी हुई है। दलित समीकरण और पिछड़ों के दम पर ही बुंदेलखंड इलाके में बसपा ने भी मजबूती हासिल की थी। बसपा के कमजोर होने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की ओर से दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की जोरदार कोशिश की जा रही है।

पिछले चुनाव में कांग्रेस ने दिया था झटका

मध्यप्रदेश विधानसभा में 35 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। वैसे राज्य के 16 फ़ीसदी दलित मतदाता राज्य की अन्य सीटों पर भी प्रभावी भूमिका निभाते हैं। राज्य की 84 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां दलित मतदाताओं का रुख किसी भी प्रत्याशी की हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाता है।
2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 35 सीटों में से 28 सीटों पर जीत हासिल की थी मगर पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने भाजपा को भारी झटका दिया था।
पिछले चुनाव में भाजपा को इनमें से सिर्फ 18 सीटों पर जीत हासिल हुई थी जबकि 17 सीटों पर कांग्रेस ने बाजी मार ली थी।

भाजपा इस बार दिख रही सतर्क

कांग्रेस इस बार आरक्षित सीटों पर और अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश में जुटी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के अगुवाई में कांग्रेस की ओर से दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की जा रही है और यही कारण है कि भाजपा की ओर से सतर्क रुख अपनाया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में लंबे समय से शिवराज सिंह चौहान भाजपा का सबसे मजबूत चेहरा बने हुए हैं और पार्टी पिछड़ों का समर्थन पाने में कामयाब रही है मगर दलितों में पार्टी के प्रति नाराजगी भी दिख रही है। यही कारण है कि पार्टी की ओर से अभी इस दिशा में गंभीर प्रयास किया जा रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश पर विशेष रूप से फोकस कर रखा है और हाल के दिनों में वे मध्य प्रदेश के कई दौर कर चुके हैं। अब ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा की रणनीति कहां तक कामयाब हो पाती है।

Anshuman Tiwari

Anshuman Tiwari

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