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शर्मनाक ! मध्यप्रदेश में 22 दिन में 38 किसानों ने की आत्महत्या

Rishi
Published on: 3 July 2017 8:32 PM IST
शर्मनाक ! मध्यप्रदेश में 22 दिन में 38 किसानों ने की आत्महत्या
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शहडोल : मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला जारी है, रविवार को शहडोल जिले में एक किसान ने पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली। वहीं शनिवार को सागर में कर्ज से परेशान किसान ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या की थी। राज्य में 22 दिनों में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 38 हो गई है। विपक्षी कांग्रेस के मुताबिक, 26 दिनों में 57 किसानों ने आत्महत्या की है। शहडोल जिले के चचाई गांव निवासी किसान शंभू बैसवार (35) ने रविवार की शाम एक पेड़ में फंदा डालकर फांसी लगा ली।

देवलोंद थाना के प्रभारी अभिमन्यु दुबे ने कहा कि किसान शंभू की आत्महत्या की प्राथमिक तौर पर जो वजह सामने आई है, वह उसकी बीमारी है। घर परिवार के लोग भी यही कह रहे हैं।

दुबे से जब किसान के परिवार की आर्थिक स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति ठीक है, उस पर किसी सहकारी समिति या बैंक का कोई कर्ज नहीं है।

वहीं सागर जिले में राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के विधानसभा क्षेत्र में किसान प्रेमलाल अहिरवार (24) ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। प्रेमलाल खुरई थाने के सेमराहाट गांव का रहने वाला था। परिजनों के अनुसार, प्रेमलाल ने अपनी डेढ़ एकड़ जमीन ढाई लाख का कर्ज लेकर सूदखोर को गिरवी रखी थी, जिससे वह परेशान था। फसल भी अच्छी नहीं हुई। इसके अलावा जिनसे उधार लिया था, उनके लगातार फोन आते थे। इसी के चलते उसने यह कदम उठाया, उसकी जेब से 30 हजार रुपये के लेन-देन की पर्ची भी निकली। पुलिस ने रविवार को मामला दर्ज किया।

इस तरह राज्य में बीते 22 दिनों में कर्ज और सूदखोरों से परेशान होकर आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 38 हो गई है। वहीं कांग्रेस की ओर से किसानों की मौत को लेकर जारी किए गए ब्यौरे के मुताबिक, 26 दिन में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 57 हो गई है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का आरोप है कि सरकार के दवाब में पुलिस किसानों की आत्महत्या की संख्या दबाने में लगी है। पुलिस ने रिपोर्ट में 'कर्ज के कारण आत्महत्या' लिखना बंद कर दिया है।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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