×

खजुराहो में राष्ट्रीय जल सम्मेलन आज से, CM करेंगे उद्घाटन

मध्य प्रदेश की पर्यटन नगरी खजुराहो में आज से दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन शुरू हो रहा है। इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। सम्मेलन में

tiwarishalini
Published on: 2 Dec 2017 11:55 AM IST
खजुराहो में राष्ट्रीय जल सम्मेलन आज से, CM करेंगे उद्घाटन
X

खजुराहो: मध्य प्रदेश की पर्यटन नगरी खजुराहो में आज से दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन शुरू हो रहा है। इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। सम्मेलन में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, जलपुरुष राजेंद्र सिंह के अलावा देशभर के पर्यावरण प्रेमी और जल संरक्षण हितैषी हिस्सा लेंगे।

गुजारा-भत्ता मामले में हाई कोर्ट का आदेश: जल्द मामले में शामिल हों उमर

जल-जन जोड़ो के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने बताया, "देश के कई हिस्सों के लिए सूखा और बाढ़ बड़ी समस्या बनती जा रही है। 13 राज्यों में सूखे के हालात हैं। इन राज्यों के 317 जिले इसकी जद में हैं। सबसे बुरा हाल तो बुंदेलखंड का है। औसत बारिश के बावजूद भी यह इलाका सूखे की समस्या से जूझ रहा है। अब तो सूखा अकाल में बदल रहा है।"

सिंह ने बताया कि देश को दुष्काल मुक्त कैसे बनाया जाए, इसके लिए देशभर के पर्यावरणविद् दो से तीन दिसंबर को बुंदेलखंड के खजुराहो में जुट रहे है।

'सूखा मुक्त राष्ट्रीय जल सम्मेलन' में इस बात पर चिंतन-मनन होगा कि इस दुष्काल को बढ़ने से कैसे रोका जाए। क्योंकि आजादी के बाद देश में सूखा प्रभावित जमीन दस गुना बढ़ गई है।

उन्होंने आगे बताया कि भारत को दुष्काल मुक्त बनाने के लिए जल साक्षरता अभियान चलाया जा रहा है। महाराष्ट्र में इस अभियान के तहत अच्छा काम हुआ है। खजुराहो में होने वाले सम्मेलन में सूखे से मुक्ति के लिए देश भर में जल साक्षरता अभियान का संकल्प लिया जाएगा।

निकाय चुनाव 2017: भाजपा दो और सपा व बसपा ने एक-एक सीट पर यहां दर्ज की जीत

सम्मेलन का ब्यौरा देते हुए सिंह ने बताया कि सम्मेलन में अन्ना हजारे सहित देश के विषय विशेषज्ञ, पर्यावरण प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता हिस्सा लेने वाले हैं। 10 सत्रों में इस सम्मेलन में चर्चा होगी।

बुंदेलखंड में कुल 13 जिले आते हैं, इनमें मध्य प्रदेश के छह छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, सागर व दतिया और उत्तर प्रदेश के सात जिले झांसी, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा व चित्रकूट शामिल हैं। इन 13 जिलों से जागरूकता यात्रा निकालकर खजुराहो पहुंच रही है।

सिंह ने बताया, "इस समय बुंदेलखंड की हालत पूरे देश में सर्वाधिक संकट ग्रस्त है। सिंचाई के लिए तो छोड़िए पीने के लिए पानी की कमी अभी से नजर आने लगी है। गांव के लोग पानी और खाद्यान्न व रोजगार के अभाव में व्यापक पैमाने पर पलायन कर गए हैं।"

सिंह का कहना है कि कर्नाटक और महाराष्ट्र ने सूखे से निपटने के लिए जो प्रयास किए हैं, उनके परिणाम दिख रहे हैं। बुंदेलखंड में भी इसी तरह के प्रयास की जरूरत है। इस पर यहां समुदाय की भागीदारी से कैसे काम किया जा सकता है, इस पर मंथन होगा ताकि कभी पानी से सरोबार रहे बुंदेलखंड का पुराना गौरव लौटाया जा सके।

खजुराहो में सम्मेलन से एक दिन पहले शुक्रवार शाम को शिवसागर तालाब से जल यात्रा निकली। इस जलयात्रा में बुंदेलखंड के तमाम गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से आए पर्यावरण प्रेमियों ने हिस्सा लिया।

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story