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गुजरात में गरबा और मूंछ बनी दलितों पर हमले का कारण, अब देंगे विधानसभा पर धरना

Rishi
Published on: 4 Oct 2017 3:05 PM IST
गुजरात में गरबा और मूंछ बनी दलितों पर हमले का कारण, अब देंगे विधानसभा पर धरना
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अहमदाबाद : गांधीनगर के एक गांव में कुछ अज्ञात लोगों ने 17 साल के एक दलित युवक पर मूंछ रखने जैसे मामूली सी बात को लेकर कर मंगलवार की शाम चाकू से हमला करके बुरी तरह से घायल कर दिया। गुजरात के अलग अलग इलाकों में दलितों पर हमले का ये तीसरा मामला है, इससे पहले भी दो दलितों पर इसी प्रकार के हमले हो चुके हैं।

इस हमले का इतना जबरदस्त रोष सानंद जिले के आस पास के गांवों के दलित छात्रों पर हुआ है, कि वहां के 300 युवकों ने इन हमलों के विरोधस्वरुप एक व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाकर उसके लोगो पर एक मूंछ लगाई है और उसपर लिख दिया है मिस्टर दलित।

इससे पहले आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले ही एक मंदिर पर खेले जा रहे गरबा को देखने को लेकर आनंद जिले के बोरसाड गांव के एक दलित युवक की हत्या कर दी गई थी। इस युवक की हत्या में स्थानीय ऊंंची जाति के युवकों का हाथ बताया जा रहा है।

एक और दूसरे मामले में गांधीनगर के लिंबोदरा गांव के एक दलित युवक पर उस वक्त हमला किया गया जब वो परीक्षा देकर शाम को 5.30 बजे घर लौट रहा था। इस युवक ने बाद में बताया कि उस पर और उसके दूसरे दोस्त पर इलाके की अगड़ी जाति के लड़कों ने मूंछ रखने को लेकर पिछले 25 सितंबर को भी हमला किया था। इस मामले में पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया है और जांच जारी है।

गुजरात के कई इलाकों में पिछले कुुछ दिनोंं से दलितों पर बढ़ रहे हमलों को लेकर दलित एक्टिविस्टों ने बुधवार को गुजरात विधानसभा के बाहर धरना देने की योजना भी बनाई है।



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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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