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Mulayam Singh Yadav: मुलायम सिंह का अधूरा ये बड़ा सपना, जानें नेता जी के अनसुने किस्से

Mulayam Singh Yadav Political Unknown Facts: मुलायम के शपथ ग्रहण का समय तक तय हो गया था। लेकिन लालू यादव और शरद यादव अड़ गए और मुलायम के नाम का विरोध कर दिया।

Neel Mani Lal
Published on: 11 Oct 2022 2:01 PM IST (Updated on: 11 Oct 2022 2:03 PM IST)
Mulayam Singh Yadav Death
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Mulayam Singh Yadav Death News

Mulayam Singh Yadav Political Career: मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav Latest News) ने किसानी, पहलवानी और अध्यापक से लेकर यूपी के मुख्यमंत्री और देश के रक्षा अमंत्री तक का सफ़र तो तय कर लिया लेकिन भारत के प्रधानमंत्री बनने का उनका सपना पूरा नहीं हो पाया। एक बार तो लगा था कि शायद मुलायम बाज़ी मार ले जायेंगे लेकिन वह सफल नहीं हो पाए।

क्या हुआ था

1996 के आम चुनाव में 161 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी जबकि कांग्रेस को 141 सीटें मिली थीं। भाजपा ने सरकार बनाने का दावा ठोका। अटल बिहारी वाजपेयी ने पीएम पद की शपथ ली और प्रधानमंत्री बन गए। लेकिन सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण महज 16 दिन में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिर गई।


इसके बाद जोड़तोड़ का दौरा चला और संयुक्त मोर्चा की मिली-जुली सरकार बननी तय हो गई। प्रधानमंत्री के लिए मुलायम सिंह के नाम पर ज्यादातर नेता सहमत थे। बताया जाता है कि मुलायम के शपथ ग्रहण का समय तक तय हो गया था। लेकिन लालू यादव और शरद यादव अड़ गए और मुलायम के नाम का विरोध कर दिया। इसके बाद मुलायम सिंह यादव की जगह एचडी देवगौड़ा के नाम पर सहमति बनी और वे प्रधानमंत्री बने। मुलायम को रक्षा मंत्रालय से ही संतुष्टि करनी पड़ी।

फिर मिला मौक़ा

1997 में एक बार फिर ऐसे समीकरण बने कि मुलायम सिंह यादव के पीएम बनने की स्थिति हो गयी। लेकिन इस बार फिर लालू यादव ने आपत्ति जता दी। लालू प्रसाद अड़ गए कि अगर एक यादव को ही प्रधानमंत्री बनना है तो वे खुद क्यों नहीं बन सकते।


अप्रैल 1997 में कांग्रेस द्वारा समर्थन वापस लिए जाने के बाद एचडी देवेगौड़ा की सरकार गिर गई। संयुक्त मोर्चा फिर नए प्रधानमंत्री की तलाश में जुटा। इस बार लालू प्रसाद भी प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी कर रहे थे। लेकिन चारा घोटाले में फंसे होने के कारण उनका दावा कमजोर हो गया था। टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू की बात चली लेकिन वह संयुक्त मोर्चा की डगमगाती नाव की सवारी नहीं करना चाहते थे।

इस बीच कम्यूनिस्ट पार्टी मुलायम के नाम पर सहमत थी। लेकिन इस बार भी कुछ नेताओं ने अड़ंगा लगा दिया। लालू यादव ने साफ़ कह दिया कि वे मुलायम का समर्थन नहीं करेंगे। दस दिन के ड्रामे के बाद एक नया नाम प्रस्तावित किया गया इंद्र कुमार गुजराल का। 21 अप्रैल 1997 को जनता दल के इंद्र कुमार गुजराल देश के नए प्रधानमंत्री बने।

मुलायम सिंह ने एक बार बयान भी दिया था कि चार लोगों ने मुझे प्रधानमंत्री बनने नहीं दिया। उनमें से लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, चंद्र बाबू नायडू और वीपी सिंह रहे।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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