Mulayam Singh Yadav Death: किंगमेकर की भूमिका में रहे मुलायम सिंह यादव

Mulayam Singh Yadav Personal life: 1960 में राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने के वाले मुलायम सिंह यादव देश के उन चुनिंदा नेताओं में से एक थे जो अपने राजनीतिक जीवन में किंग मेकर से लेकर किंग तक की भूमिका में रहें।

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Published on: 10 Oct 2022 8:20 AM GMT (Updated on: 10 Oct 2022 8:20 AM GMT)
Mulayam Singh Yadav Death News in Hindi
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Mulayam Singh Yadav Death News in Hindi

Mulayam Singh Yadav News in Hindi: समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव देश के उन चुनिंदा नेताओं में से रहे, जिन्होंने करीब 6 दशक से देश की राजनीति को न सिर्फ जिया, बल्कि उस पर अपनी धरतीपुत्र छवि का ठप्पा भी लगाया। मुलायम सिंह यादव करीब 59 वर्ष तक राजनीतिक जीवन में सक्रिय रहें। 1960 में राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने के वाले मुलायम सिंह यादव देश के उन चुनिंदा नेताओं में से एक थे जो अपने राजनीतिक जीवन में किंग मेकर से लेकर किंग तक की भूमिका में रहें। चाहे वह केंद्र की सत्ता हो या उत्तर प्रदेश की, हर जगह मुलायम ने अपना लोहा मनवाया।

केंद्रीय राजनीति में मुलायम सिंह का प्रवेश 1996 में हुआ, जब काँग्रेस पार्टी को हरा कर संयुक्त मोर्चा ने सरकार बनाई। एच. डी. देवेगौडा के नेतृत्व वाली इस सरकार में वह रक्षामंत्री बनाए गए थे, किंतु यह सरकार भी ज़्यादा दिन चल नहीं पाई।

भारतीय जनता पार्टी के साथ उनकी विमुखता से लगता था, वह काँग्रेस के नज़दीक होंगे, लेकिन 1999 में उनके समर्थन का आश्वासन ना मिलने पर काँग्रेस सरकार बनाने में असफल रही और दोनों पार्टियों के संबंधों में कड़वाहट पैदा हो गई।

मुलायम सिंह यादव का निजी जीवन

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के सैफई गाँव में मूर्ति देवी व सुधर सिंह यादव के किसान परिवार में हुआ। मुलायम सिंह यादव के पाँच भाई बहन हैं। पिता सुधर सिंह उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे।

पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु चौधरी नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात मुलायम सिंह राजनीति में उतर गए। उन्होंने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।


राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादव आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और बीटी करने के बाद इन्टर कालेज में प्रवक्ता नियुक्त हुए थे। मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी थीं जिनका स्वर्गवास हो चुका है, जबकि दूसरी पत्नी साधना गुप्ता हैं। इनकी पहली पत्नी से एक बेटा अखिलेश यादव है। दूसरी पत्नी से भी इनको एक बेटा हुआ जिसका नाम प्रतीक यादव है।

मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफ़र

चौधरी नत्थूसिंह के संपर्क में आने के साथ मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफ़र शुरू हुआ। वे जसवंत नगर और फिर इटावा की सहकारी बैंक के निदेशक चुने गए। इसके बाद 1967 में विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता। विधायक का चुनाव भी उन्होंने सोशलिस्ट पार्टी और फिर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से लड़ा था।

पहली बार मंत्री बनने के लिए मुलायम सिंह यादव को 1977 तक इंतज़ार करना पड़ा, जब कांग्रेस विरोधी लहर में उत्तर प्रदेश में भी जनता सरकार बनी थी। 1980 में भी कांग्रेस की सरकार में वे राज्य मंत्री रहे और फिर चौधरी चरण सिंह के लोकदल के अध्यक्ष बने और विधान सभा चुनाव हार गए। चौधरी साहब ने विधान परिषद में मनोनीत करवाया, जहाँ वे प्रतिपक्ष के नेता भी रहे।


1996 में मुलायम सिंह यादव ग्यारहवीं लोकसभा के लिए मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र से चुने गए थे और उस समय जो संयुक्त मोर्चा सरकार बनी थी, उसमें मुलायम सिंह भी शामिल थे और देश के रक्षामंत्री बने थे। यह सरकार बहुत लंबे समय तक चली नहीं।

1992में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई। वे तीन बार क्रमशः 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री रहें। इसके अतिरिक्त वे केन्द्र सरकार में रक्षा मन्त्री भी रहे थे।

मुलायम सिंह यादव के जीवन की ख़ास तारीखें (Mulayam Singh Yadav Politics)


-1967 में उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य चुने गए।

- 1977 में वह पहली बार उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री बने।

- 1980 में वह लोकदल के अध्यक्ष बने।

- 1982 से 1985 तक, उन्होंने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता के रूप में पद संभाला।

- 1989 में, वह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

- 1990 में वह चंद्रशेखर की पार्टी जनता दल (समाजवादी) में शामिल हुए।

- 1992: में समाजवादी पार्टी (सोशलिस्ट) की स्थापना की।

- 1993 में दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

- 1996 में मैनपुरी क्षेत्र से 11 वीं लोकसभा के सद्स्य चुने गए।

- 1999 में संयुक्त मोर्चा गठबंधन सरकार के अंतर्गत भारत के रक्षा मंत्री बने।

- 1999 में दो लोकसभा सीटों - संभल, कन्नौज से चुनाव लड़ा और दोनों ही सीटें जीतीं।

- 2003 में वह तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

- 2004: में उन्होंने 183,8 99 वोटों के अंतर से गन्नौर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी, जो अब तक की सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड माना जाता है।

- 2004 में उन्होंने मैनपुरी क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता।

- 2014 में उन्होंने 16 वीं लोकसभा चुनाव के दौरान दो सीटों आज़मगढ़, मैनपुरी से चुना लड़ा और दोनों ही सीटों पर जीत दर्ज की।किंगमेकर की भूमिका में रहे मुलायम सिंह यादव


Durgesh Sharma

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