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'एंटीलिया' बम केस: तिहाड़ जेल से कनेक्शन, सुरक्षा एजेंसियों ने ट्रैक किया नंबर

उद्योगपति मुकेश अंबानी के 'एंटीलिया' आवास के बाहर खड़ी स्कॉर्पियो से जिलेटिन बरामद होने के मामले में अब नया खुलासा हुआ है। इस पूरे मामले के तार दिल्ली के तिहाड़ जेल से जुड़ रहे हैं।

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Published on: 11 March 2021 5:40 AM GMT
एंटीलिया बम केस: तिहाड़ जेल से कनेक्शन, सुरक्षा एजेंसियों ने ट्रैक किया नंबर
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'एंटीलिया' बम केस: तिहाड़ जेल से कनेक्शन, सुरक्षा एजेंसियों ने ट्रैक किया नंबर

मुंबई: उद्योगपति मुकेश अंबानी के 'एंटीलिया' आवास के बाहर खड़ी स्कॉर्पियो से जिलेटिन बरामद होने के मामले में अब नया खुलासा हुआ है। इस पूरे मामले के तार दिल्ली के तिहाड़ जेल से जुड़ रहे हैं। जिस टेलीग्राम चैनल से जैश-उल-हिंद ने धमकी दी थी, उसे तिहाड़ जेल में बनाया गया था।

सुरक्षा एजेंसियों ने ट्रैक किया नंबर

जानकारी मिली है कि सुरक्षा एजेंसियों ने नंबर को ट्रैक किया है। अब इस मामले की इस बीच स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हीरेन की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस अधिकारी सचिन वाजे का नाम आया है। मनसुख के परिवारवालों ने सचिन वाजे पर हत्या का आरोप लगाया है। वहीं विपक्ष के दबाव में आकर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने एलान किया कि सचिन वाजे का क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर कर दिया गया है।

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दूसरी ओर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि मनसुख हीरेन का का मर्डर बहुत प्लानिंग के साथ किया गया और महाराष्ट्र की सरकार चाहती ही नहीं है कि इस केस की निष्पक्ष जांच हो। गौरतलब है कि 5 मार्च को ठाणे क्रीक में मनसुख हीरेन की लाश मिली थी।

वहीं एटीएस की ठाणे यूनिट में बुधवार को मनसुख हीरेन की पत्नी और उनके बेटे बयान दर्ज कराने पहुंचे थे और करीब पांच घंटे वहां रहे। इसके अलावा एटीएस ने बुधवार को मनसुख की मौत मामले में सचिन वाजे का बयान भी दर्ज किया। वाजे ने अपने बयान में मनसुख स्कॉर्पियो अपने पास रखने के आरोप से इनकार किया। बता दें, एंटीलिया के सामने इसी स्कॉर्पियो में जिलेटन की छड़े रखी मिली थीं।

विवादास्पद पुलिस अधिकारी हैं सचिन वाजे

सचिन वाजे को विवादास्पद पुलिस अधिकारी के रूप में जाना जाता है। सचिन वाजे 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं और उन्हें मुंबई पुलिस विभाग में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कहा जाता है। 30 साल के करिअर में सचिन वाजे ने 63 अपराधियों का एनकाउंटर किया है। सचिन वाजे साल 2004 में निलंबित किये गए थे। उनपर और उनके सहयोगी तीन पुलिस कर्मियों पर घाटकोपर ब्लास्ट के आरोपी ख्वाजा यूनुस की पुलिस कस्टडी में हत्या का आरोप लगाया गया था। वझे पर यूनुस की हत्या और फिर उसके सबूत मिटाने के आरोपों का मुकदमा चल रहा है।

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2008 में दशहरा रैली में सचिन वाजे शिवसेना में शामिल हो गए, लेकिन वो पार्टी में ज्यादा सक्रिय नहीं दिखे, 16 साल तक पुलिस की नौकरी से दूर रहे सचिन वाजे ने 9 जून, 2020 को फिर से नौकरी में वापसी की और उन्हें क्राइम ब्रांच में अहम पोस्टिंग दी गई।

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