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मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट के दोषी मुस्तफा दोसा को पड़ा दिल का दौरा, मौत

साल 1993 में मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के मामले के दोषियों में से एक मुस्तफा दोसा का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

tiwarishalini
Published on: 28 Jun 2017 4:06 PM IST
मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट के दोषी मुस्तफा दोसा को पड़ा दिल का दौरा, मौत
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मुंबई विस्फोट के दोषी मुस्तफा दोसा को पड़ा दिल का दौरा, मौत

मुंबई: साल 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले के दोषियों में से एक मुस्तफा दोसा का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।

सर जे.जे. हॉस्पिटल के डीन टी.पी.लहाने ने कहा, "उच्च रक्तचाप, मधुमेह तथा दिल से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे दोसा को बुधवार को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। इलाज के दौरान दोपहर 2.35 बजे उसकी मौत हो गई।"

उन्होंने कहा कि सीने में दर्द की शिकायत के बाद उसे बुधवार सुबह जेल वार्ड में एडमिट कराया गया, जहां उसका उच्च रक्तचाप, मधुमेह और इससे संबंधित संक्रमण का इलाज चल रहा था।

मार्च 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में दोषी करार दिया गया दोसा सुप्रीम कोर्ट से सजा के फैसले का इंतजार कर रहा था।

दोसा उर्फ मुस्तफा मजनू के परिवार में उसका भाई मोहम्मद दोसा, उसकी दूसरी पत्नी तथा चार बच्चे हैं। मोहम्मद दोसा भी इसी मामले में आरोपी है और फरार चल रहा है।

दोसा को विस्फोट से पहले महाराष्ट्र के रायगढ़ तट पर तीन टन आरडीएक्स तथा एके56 असॉल्ट राइफलों को उतारने का दोषी करार दिया गया था।

उसपर दुबई स्थित अपने भाई (मोहम्मद दोसा) के आवास पर मुंबई हमलों की साजिश के लिए हुई बैठक में हिस्सा लेने का भी आरोप था।

दिसंबर 1992 और जनवरी 1993 के बीच हुई उन बैठकों में माफिया डॉन और विस्फोट का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम कास्कर तथा टाइगर मेमन भी शामिल था, जिसने साजिश को अंजाम तक पहुंचाया। दोनों आरोपी फरार हैं।

दक्षिण मुंबई के अगरीपाड़ा के निवासी दोसा ने अपना अधिकांश समय दुबई में व्यापार करने में बिताया। साल 2003 की शुरुआत में एक स्थानीय मामले में उसे गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उसे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से निर्वासित किया जाना था। उसने भारत आने का फैसला किया और 20 मार्च को नई दिल्ली पहुंचने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

चूंकि वह 1993 के विस्फोट मामलों की सुनवाई से फरार रहा था, इसलिए उसका नाम अबु सलेम सहित गिरफ्तार अन्य आरोपियों के साथ दूसरी (वर्तमान) सुनवाई के साथ जोड़ दिया गया।

मुंबई को दहलाने वाले विस्फोटों के लगभग 24 वर्षो बाद 16 जून को टाडा अदालत के न्यायाधीश जी.ए.सनप ने उसे तथा पांच अन्य को मामले में दोषी पाया। पिछले कुछ दिनों से विशेष न्यायाधीश के समक्ष दोषियों की सजा पर बहस चल रही है।

दोसा सुप्रीम कोर्ट से सजा के फैसले का इंतजार कर रहा था। विशेष लोक अभियोजक दीपक साल्वे ने मंगलवार को सजा को लेकर हुई बहस के दौरान विस्फोट में संलिप्तता के लिए दोसा को मौत की सजा देने की मांग की थी।

--आईएएनएस



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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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