×

Rhythm House : अब क्या होगा मुंबई के आइकोनिक "रिदम हाउस" का? सोनम कपूर ने खरीदा 47.8 करोड़ में

Rhythm House : सोनम कपूर और उनके पति आनंद आहूजा ने मुंबई में मशहूर म्यूज़िक स्टोर "रिदम हाउस" खरीद लिया है।

Neel Mani Lal
Published on: 23 Oct 2024 3:14 PM IST
Rhythm House : अब क्या होगा मुंबई के आइकोनिक रिदम हाउस का? सोनम कपूर ने खरीदा 47.8 करोड़ में
X

Rhythm House : सोनम कपूर और उनके पति आनंद आहूजा ने मुंबई में मशहूर म्यूज़िक स्टोर "रिदम हाउस" खरीद लिया है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, इस दंपति की कंपनी "भाने ग्रुप" ने 3,600 वर्ग फुट के रिदम हाउस को लगभग 47.8 करोड़ रुपये में खरीदा है। म्यूज़िक स्टोर चलाने वाली "फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट" के मालिक नीरव मोदी द्वारा अरबों डॉलर के बैंक लोन न चुकाने के बाद 2018 में स्टोर बंद कर दिया गया था। रिदम हाउस मुंबई में काला घोड़ा इलाके में स्थित एक बेहद लोकप्रिय और मशहूर म्यूजिक स्टोर रहा है।

भाने ग्रुप दरअसल शाही एक्सपोर्ट्स प्राइवेट की एक ब्रांच है, जिसका स्वामित्व आनंद के पिता हरीश आहूजा के पास है और यह भारत में सबसे बड़े परिधान निर्माताओं में से एक है। यह यूनिक्लो, डेकाथलॉन और एचएंडएम सहित कई अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों को आपूर्ति करता है।

कुछ हफ़्ते पहले, सोनम कपूर के ससुर हरीश आहूजा ने लंदन के नॉटिंग हिल जिले में 231.47 करोड़ रुपये में एक प्रॉपर्टी खरीदी थी। ब्लूमबर्ग के अनुसार, सोनम और आनंद ने इस प्रॉपर्टी के रीडेवलपमेंट के बाद इसके एक हिस्से को अपने आवास के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। इस प्रॉपर्टी में 20,000 वर्ग फुट जगह है। प्रॉपर्टी के दूसरे हिस्से को फ्लैट में बदला जाएगा। सोनम दंपत्ति के पास दिल्ली में 173 करोड़ रुपए का आलीशान बंगला भी है। यह बंगला 3170 वर्ग गज में फैला हुआ है और इसमें 9000 वर्ग फीट का बिल्ट-अप स्पेस है। परिवार ने यह संपत्ति 2015 में खरीदी थी।

रिदम हाउस

- 1940 में स्थापित रिदम हाउस ने कभी पंडित रविशंकर, जेथ्रो टुल के इयान एंडरसन और बॉलीवुड सितारों के एक समूह जैसे संगीतकारों की मेजबानी की थी।

- रिदम हाउस उन लोगों के दिलों में एक खास जगह रखता है जो अक्सर यहां आते रहे हैं। यह शानदार स्टोर एक ऐतिहासिक आकर्षण रहा है।

- इस स्टोर की स्थापना 1948 में सुलेमान नेन्सी ने की थी और शुरुआत में यहां संगीत उपकरण बेचे जाते थे। हालाँकि, व्यवसाय में उछाल नहीं आया और मम्मू करमली इसमें भागीदार बन गए। साथ मिलकर उन्होंने विनाइल रिकॉर्ड बेचना शुरू करने का फैसला किया। 70 के दशक के मध्य तक, मम्मू करमली ने अपने भाई आमिर को शामिल करने का फैसला किया, जो कलकत्ता में इंपीरियल टोबैको कंपनी में वरिष्ठ प्रबंधक थे। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और व्यवसाय चलाने में मदद करने के लिए बॉम्बे आ गए।

- 80 के दशक की शुरुआत में रिदम हाउस का ‘लिसनिंग रूम’ बहुत लोकप्रिय हुआ। आसपास के कॉलेज के छत्र क्लास छोड़ कर म्यूज़िक स्टोर के लिसनिंग रूम में जाना ज़्यादा पसंद करते थे। स्टोर में रखे विनाइल को खरीदने के बजाय, संगीत के शौकीनों ने अपनी पसंद का संगीत सुनने का एक आसान तरीका खोज लिया। रिदम हाउस ने इस गतिविधि को हतोत्साहित करने का एक तरीका खोज लिया और जल्द ही स्टोर का विस्तार करके लिसनिंग रूम को हटा दिया।

- पहले रिकार्ड फिर कैसेट्स का युग खत्म होने का भारी असर रिदम हाउस पर पड़ा। 2016 में रिदम हाउस को बंद कर दिया गया, क्योंकि वह बिक्री को बनाए रखने में फेल रहा था। 2000 के दशक तक, संगीत उद्योग लगभग पूरी तरह से एमपी3 और म्यूजिक सीडी में बदल गया था। फिर इंटरनेट के साथ म्यूजिक का परिदृश्य एकदम बदल गया।

- 2016 में स्टोर बंद होने के बाद, कई लोगों ने स्टोर की याद को ज़िंदा रखने की कोशिश की। उद्योगपति आनंद महिंद्रा द्वारा पेश किए गए एक आईडिया ने काफ़ी गति पकड़ी। उन्होंने क्राउडफ़ंडिंग के ज़रिए म्यूज़िक स्टोर को फिर से चालू करने और इसे म्यूज़िक हब में बदलने का सुझाव दिया। लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं पाया।

- कुणाल रावल के फैशन लेबल ने 2019 में रिदम हाउस की बिल्डिंग को अपने कब्जे में ले लिया था। प्रतिष्ठित इमारत की पहली मंजिल पर खोले गए इस म्यूज़िक स्टोर से डिज़ाइनर के कई कनेक्शन और यादें जुड़ी हुईं थीं। उनका विचार स्टोर की विरासत से जुड़ना था। उन्होंने यहां एक फैशन शोरूम खोला।

- 2017 में इस प्रतिष्ठित इमारत का स्वामित्व कुख्यात जौहरी नीरव मोदी के पास चला गया, जिसने इस संपत्ति को अपने ब्रांड के लिए शोरूम में बदलने की उम्मीद में खरीदा था। जाहिर है, कानूनी मुद्दे सामने आए और प्रवर्तन निदेशालय ने मोदी के खिलाफ़ अपनी कार्रवाई के तहत इस संपत्ति को अपने कब्ज़े में ले लिया।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

Next Story