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Mustard Oil Price: सरसों का तेल फिर होगा महंगा, जानें इसके पीछे का कारण

खाद्य तेल की कीमतों में फिर से बढ़ोतरी होने लगी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेशी बाजारों में आई तेजी के कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में उछाल आया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 28 Jun 2022 4:51 PM IST
Mustard oil Price
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Mustard oil Price। (Social Media) 

Mustard Oil Price: महंगाई की मार से एकबार फिर लोगों के किचन का बजट गड़बड़ा सकता है। खाद्य तेल की कीमतों (edible oil rate) में फिर से बढ़ोतरी होने लगी है। दिल्ली तेल तिलहन बाजार (Delhi Oil Oilseeds Market) में सरसों, मूंगफली और पामोलीन के भाव में तेजी देखी जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेशी बाजारों में आई तेजी के कारण घरेलू बाजार में खाद्य तेल (edible oil rate) की कीमतों में उछाल आया है। बाजार सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मलेशिया एक्सचेंज में 5.5 प्रतिशत की तेजी और शिकागो एक्सचेंज में लगभग 1.25 प्रतिशत की तेजी देखऩे को मिली।

बता दें कि भारत अपनी जरूरत का 60 प्रतिशत से अधिक खाद्य तेल अन्य देशों से आयात करता है। भारत (India) अर्जेंटीना और ब्राजील से सोया तेल (Soya Oil) और रूस (Russia) एवं यूक्रेन (Ukraine) से सूरजमुखी तेल (Sunflower oil) का आयात करता है। वहीं पॉम ऑयल मलेशिया और इंडोनेशिया से खरीदता है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय कारकों से भारत में खाद्य तेल की कीमतें भी प्रभावित होती हैं।

सरसों तेल हुआ महंगा

कच्ची घानी सरसों तेल का भाव पिछले सप्ताह के आखिरी दिन 2405-2510 रूपये प्रति टिन पर बंद हुआ था। वहीं इस सप्ताह सोमवार को यह 20 रूपये प्रति टन महंगा होकर 2425-2530 रूपये प्रति टन पर बंद हुआ। यहां आपको बता दें एक टिन में 15 किलो तेल होता है। कच्ची घानी के अलावा सरसों पक्की घानी तेल में भी 20 रूपये प्रति टिन की बढ़ोतरी हुई है। अब यह 2385-2465 रूपये प्रति टिन हो गया है। बीते सप्ताह सरसों पक्की घानी तेल की भाव 2365-2445 पर बंद हुआ था।

त्योहारी सीजन में और बढ़ेंगे दाम

सरसों तेल (Mustard Oil) में आई यह तेजी इसबार लंबे समय तक बनी रह सकती है। क्योंकि इसबार सहकारी खरीद एजेंसियों के पास भी सरसों का भंडार नहीं है। फसलों की अगली फसल आने में अभी आठ माह से अधिक का समय है। ऐसे में आने वाले त्योहारी सीजन में इसकी डिमांड बढ़ने पर इसके भाव का चढ़ना तय है। देश में सरसों तेल के किल्लत को खत्म करने के लिए सरकार को लॉन्ग टर्म प्लान पर काम करना होगा। सरकार को किसानों को तिलहन की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

बता दें कि अभी हाल ही में केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा आयात शुल्क कम किए जाने के बाद खाद्य तेल कंपनियों ने अपने उत्पाद के दाम कम किए गए थे। अडानी विल्मर ने फॉर्च्यून रिफाइंड सनफ्लावर तेल के एक लीटर पैक का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 220 रुपये से घटाकर 210 रुपये कर दिए। इसी तरह फॉर्च्यून सोयाबीन और फॉर्च्यून कच्ची घानी सरसों तेल के एक लीटर तेल की कीमत 205 रूपये से घटाकर 195 रूपये कर दी गई।



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Deepak Kumar

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