TRENDING TAGS :
Nafe Singh Murder: बीजेपी नेता समेत सात पर मुकदमा दर्ज, नफे सिंह के बेटे का बड़ा खुलासा
Nafe Singh Murder Case: नफे सिंह राठी को जिस तरह रविवार शाम को मौत के घाट उतारा गया, उसको लेकर कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में है।
Nafe Singh Murder Case: किसान आंदोलन के कारण इन दिनों पंजाब-हरियाणा की सियासत गरमाई हुई है। युवा प्रदर्शनकारी किसान शुभकरण सिंह की मौत हरियाणा पुलिस की गोली से होने के आरोपों को लेकर राज्य की बीजेपी-जेजेपी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। इस बीच एक प्रमुख विपक्षी पार्टी के नेता की दिनदहाड़े सरेआम गोलियों से भूनकर हुई हत्या ने सियासी तापमान को और चढ़ा दिया है।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी को जिस तरह रविवार शाम को मौत के घाट उतारा गया, उसको लेकर कानून व्यवस्था सवालों के घेरे में है। मृतक नफे सिंह के भांजे राकेश उर्फ संजय के बयान पर सात लोगों के खिलाफ नामजद और पांच अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। घटना के वक्त राकेश ही नफे सिंह की कार को ड्राइव कर रहा था।
किन-किन पर हुआ मुकदमा दर्ज
इनेलो नेता नफे सिंह राठी की हत्या के मामले में बहादुरगढ़ के पूर्व विधायक और बीजेपी नेता नरेश कौशिक, रमेश राठी, कर्मवीर राठी, कमल राठी, पूर्व मंत्री मांगेराम राठी के पुत्र सतीश नंबरदार, पोते गौरव राठी व राहुल राठी और पांच अन्य के खिलाफ लाइनपार थाने में केस दर्ज किया गया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
राकेश ने पुलिस को क्या बताया ?
राकेश ने बताया कि उसके मामा नफे सिंह आसौदा गांव में एक युवक की मौत पर उनके परिजनों को सांत्वना देकर बहादुरगढ़ लौट रहे थे। गाड़ी (फॉर्च्यूनर) ड्राइव कर रहे राकेश के बगल में नफे सिंह और पीछे की सीट पर तीनों गनमैन बैठे थे। सफेद हुंडई आई10 कार से हमलावर उनका पीछा कर रहे थे। उन्होंने गाड़ी भगानी चाही लेकिन रेलवे फाटक बंद होने के कारण उन्हें रूकना पड़ा। इतनी देर पांच हमलावर अपनी कार से उतरे और ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे।
राकेश ने आगे बताया कि हमलावरों ने ललकारते हुए कहा, आज इन्हें ‘सतीश, कर्मबीर राठी और नरेश कौशिक से दुश्मनी करने का सबक सिखा दो।’ उनमें से एक हमलावर ड्राइवर खिड़की पर आया व बोला तुझे जिंदा छोड़ रहे हैं। जाकर इनके घर बता देना कि नरेश कौशिक, कर्मबीर राठी, सतीश राठी, रमेश राठी, गौरव राठी, राहुल व कमाल के खिलाफ किसी भी अदालत में गए तो सारे परिवार को मार देंगे। इसके बाद वे सभी फरार हो गए।
अभी तक एक भी हमलावर नहीं पकड़ाए
इस हाईप्रोफाइल मर्डर को 15 घंटे से अधिक का समय हो चुका है लेकिन पुलिस अभी तक एक भी हमलावर को दबोच नहीं पाई है। पुलिस ने घटनास्थल के नजदीक बराही गांव के पास लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगाला है, जिसमें हमलावर नफे सिंह की कार का पीछा करते हुए दिख रहे हैं। करीब 15 मिनट बाद वापस उसी कार में भागते हुए दिख रहे हैं। झज्जर एसपी अर्पित जैन ने बताया कि सीआईए और एसटीएफ की टीमें मामले की जांच में जुटी हैं।
बेटे ने सीएम खट्टर पर लगाए गंभीर आरोप
नफे सिंह राठी के बेटे जितेंद्र राठी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी उनके पिता को कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी थीं। दर्जनों बार पिता ने सीएम खट्टर से मुलाकात कर उन्हें अपनी जान को खतरा बताया था और पुलिस प्रोटेक्शन मुहैया कराने की मांग की थी। लेकिन उन्होंने सुरक्षा नहीं दी और मरने के लिए छोड़ दिया।
नफे सिंह की हत्या की वजह ?
इंडियन नेशनल लोक दल के वरिष्ठ नेता नफे सिंह राठी की मौत को सियासी रंजिश के तौर पर देखा जा रहा है। उनके बेटे ने कहा कि कुछ लोग उनके पिता को बहादुरगढ़ से अगले विधायक के रूप में नहीं देखना चाहते थे। दरअसल, नफे सिंह की हत्या के मामले में जिस भाजपा नेता नरेश कौशिक के ऊपर केस दर्ज किया गया है, उनका भी चुनाव क्षेत्र बहादुरगढ़ ही है। इन दोनों नेताओं के बीच सियासी अदावत के अलावा दोनों के बीच जमीनी विवाद का मामला भी सामने आया है।
कौन थे नफे सिंह राठी ?
नफे सिंह राठी हरियाणा की प्रभावशाली जाट समुदाय से आते थे। बहादुरगढ़ के जाटवाड़ा गांव से ताल्लुक रखने वाले राठी को जमीनी नेता के तौर पर जाना जाता था। बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से उन्होंने दो बार जीत हासिल की। पहली जीत साल 1996 में समता पार्टी के टिकट पर मिली और दूसरी बार इनेलो के टिकट पर साल 2000 में।
नफे सिंह चार बार के मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला के काफी नजदीकी माने जाते थे। उनके राजनीति से दूर होने के बाद बेटे अभय सिंह चौटाला के साथ उनकी घनिष्ठता बनी। चौटाला परिवार में टूट होने के बावजूद उन्होंने इनेलो का साथ नहीं छोड़ा। राठी कुछ समय के लिए बीजेपी में भी रहे थे।
कई आपराधिक मामले हैं दर्ज
इनेलो नेता नफे सिंह राठी पर कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं। उन पर जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और आपराधिक विश्वासघात जैसे आरोप हैं। इन सब मामलों को लेकर विभिन्न धाराओं में उन पर मुकदमा दर्ज है। राठी की मुश्किलें उस समय बढ़ गईं जब उन्हें पूर्व मंत्री मांगेराम नंबरदार के बेटे और स्थानीय बीजेपी नेता जगदीश नंबरदार के सुसाइड मामले में आरोपी बनाया गया। इनेलो नेता पर भाजपा नेता पर आत्महत्या करने के लिए उकसाने का आरोप था। दोनों के बीच जमीन का विवाद चल रहा था।