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नगालैंड में 75 फीसदी विधायक करोड़पति, शपथपत्र के आधार पर विश्लेषण

raghvendra
Published on: 9 March 2018 11:50 AM IST
नगालैंड में 75 फीसदी विधायक करोड़पति, शपथपत्र के आधार पर विश्लेषण
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कोहिमा: 60 सदस्यीय नवनिर्वाचित नगालैंड विधानसभा मे 45 यानी 75 फीसदी करोड़पति हैं। जबकि 2013 में 36 यानी 61 फीसदी करोड़पति थे। दलगत आधार पर एनपीएफ के 27 विधायकों में 20 यानी 74 प्रतिशत, एनडीपीपी के 17 में 13 विधायक यानी 77 प्रतिशत, भाजपा के 12 विधायकों में नौ यानी 75 प्रतिशत और जदयू व एनपीपी से एक एक विधायक करोड़पति हैं। नगालैंड इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने राज्य के सभी 60 विधायकों का उनके द्वारा दिये गए शपथपत्र के आधार पर विश्लेषण किया है। पांच करोड़ से अधिक संपत्ति वाले 22 विधायक हैं। दो से पांच करोड़ के बीच संपत्ति वाले 17 विधायक हैं। पचास लाख से दो करोड़ के बीच संपत्ति वाले 14 विधायक है। दस लाख से पचास लाख के बीच संपत्ति वाले छह व दस लाख से कम संपत्ति वाला एक है।

शैक्षिक स्तर के मामले में 33 फीसदी विधायकों ने अपनी शैक्षिक योग्यता आठवीं से 12वीं पास बतायी है। इनकी संख्या 20 है जबकि 65 फीसदी विधायकों ने जिनकी संख्या 39 है ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक या उससे अधिक बतायी है जबकि एक ने खुद को अनपढ़ बताया है। इसी तरह 13 फीसद यानी आठ विधायकों ने अपनी उम्र 31 से 40 के बीच बतायी है जबकि 53 फीसदी यानी 32 ने अपनी उम्र 41 से 60 के बीच बतायी है। 19 (32 फीसद) विधायकों ने अपनी उम्र 61 से 80 के बीच घोषित की है जबकि एक ने अपनी उम्र 80 से ऊपर बताई है।

विधानसभा में एक भी महिला निर्वाचित होकर नहीं आई है 2013 के चुनाव में भी यही स्थिति थी। विधानसभा में दस फीसदी विधायक ऐसे हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति की घोषणा नहीं की है। राज्य विधानसभा में नागा पीपुल्स फ्रंट की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत है। नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की 28, भारतीय जनता पार्टी की 20, नेशनल पीपुल्स पार्टी की 3, जनता दल (यूनाइटेड) की 2 व निर्दलीयों की दो प्रतिशत भागीदारी है। जिसमें एनपीएफ के 27, एनडीपीपी के 17, भाजपा के 12, एनपीपी के दो, जनता दल यूनाइटेड व निर्दलीय विधायक एक-एक हैं।

साठ सदस्यीय विधानसभा में मात्र दो विधायक यानी तीन प्रतिशत आपराधिक छवि वाले हैं। 2013 में 59 विधायकों में सिर्फ एक विधायक यानी दो प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की घोषणा की थी। इसी तरह गंभीर प्रकृति के आपराधिक छवि वाले विधायकों की संख्या तीन फीसद यानी दो है जबकि 2013 में यह संख्य दो फीसद यानी एक थी। एनडीपीपी के 17 विधायकों में एक यानी 6 फीसद आपराधिक छवि के हैं तथा भाजपा के 12 विधायकों में एक यानी आठ फीसद आपराधिक छवि के है। यह विधायक गंभीर प्रकृति के अपराधों में भी लिप्त हैं। इसलिए यही अनुपात उसमें भी है।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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