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बिहार: इधर सिर पर नगर निकाय चुनाव, उधर नगर निगम खुद कर रहा सरकारी नियमों की ऐसी-तैसी

बिहार में निगम लंबे समय से राजधानी पटना में अतिक्रमण हटाने का अभियान नहीं चला पा रहा था। इसका कारण सिर्फ इतना है कि नगर निगम स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट 2014 को अब तक लागू नहीं कर सका है। इस कारण जब

tiwarishalini
Published on: 20 May 2017 3:34 PM IST
बिहार: इधर सिर पर नगर निकाय चुनाव, उधर नगर निगम खुद कर रहा सरकारी नियमों की ऐसी-तैसी
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पटना: बिहार में निगम लंबे समय से राजधानी पटना में अतिक्रमण हटाने का अभियान नहीं चला पा रहा था। इसका कारण सिर्फ इतना है कि नगर निगम स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट 2014 को अब तक लागू नहीं कर सका है। इस कारण जब भी सडक़, सडक़ किनारे या सार्वजनिक-सरकारी स्थलों से स्ट्रीट वेंडर्स को हटाने की बात उठती थी, इसी एक्ट के नाम पर दब जाती थी। लेकिन, अब जहां निकाय चुनावों के लिए आचार संहिता लागू हो गई है। इस दौरान इस एक्ट के तहत वेंडिंग जोन की बैठक बुलाने की घोषणा की गई और जिस दिन यह बैठक होनी थी, उसी दिन पटना के एक बड़े हिस्से में अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू कर दिया गया।

वेंडिंग जोन समिति की बैठक आचार संहिता में कैसे

- सबसे पहला सवाल यही उठता है कि राजधानी में रहते हुए भी अधिकारियों को वेंडिंग जोन चयन समिति की बैठक आचार संहिता में नहीं करने की समझ कैसे नहीं आई।

- 15 मई को वेंडिंग जोन चयन के लिए बैठक रखी गई थी। यह वही बैठक है, जो कई बार अलग-अलग कारणों से स्थगित हो चुकी है।

- 2014 में स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट लागू होने के बाद से जब भी वेंडिंग जोन की बात उठी, सरकारी तंत्र ने हर बार झूठ ही कहा।

- हाईकोर्ट तक में हलफनामा दे आए कि दर्जनभर जगह चिह्नित हैं, जबकि हलफनामा की तारीख के बाद भी निगम के कागजातों में ही सिर्फ दो ही जगह की विस्तृत जानकारी दर्ज थी।

- इस बार निकाय चुनाव की आचार संहिता के बीच 15 मई को बैठक रखी गई और इसे उसी दिन आचार संहिता के नाम पर ही रद्द किया गया।

- निगम के अफसरों ने बताया कि इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी गई थी, लेकिन नहीं मिली। बैठक रद्द किए जाने के साथ ही यह जानकारी भी दी गई कि राजधानी में 125 की जरूरत के मुकाबले अब तक वेंडिंग जोन के लिए 23 स्थलों का चयन हो सका है, जिसमें 10 की ही सर्वे रिपोर्ट पूरी तरह तैयार हो सकी है।

- मतलब साफ है कि 2014 से 2017 तक, करीब तीन साल में सिर्फ 10 वेंडिंग जोन पर कागजी काम हो सका है।

जमीनी काम के बारे में अधिकारी फिलहाल कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी विशाल आनंद के अनुसार अगली बैठक तक सभी 23 स्थलों का सर्वे तैयार कराने का प्रयास किया जाएगा।

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वेंडिंग जोन बना नहीं तो दुकानदारों को हटाया कैसे

- स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेग्युलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग) 2014 के चैप्टर 2 के पैरा 3 (3) में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि एक्ट के लागू होने के बाद से तब तक स्ट्रीट वेंडर्स को उनकी जगह से नहीं हटाया जाएगा, जब तक उनके लिए वेंडिंग जोन का सर्वे कर उन्हें वेंडर के रूप में स्थापित करने का प्रमाणपत्र नहीं दे दिया जाए।

- ऐसे में पटना के व्यस्ततम बोरिंग कैनाल रोड के करीब डेढ़ किलोमीटर के हिस्से में पटना नगर निगम ने आचार संहिता के दौरान बड़ी कार्रवाई करते हुए दुकानदारों को उजाड़ दिया।

- सैकड़ों दुकानदारों के सामान भी जब्त कर लिए गए। पाॄकग एरिया के रूप में चिह्नित किए जाने के बावजूद इन इलाकों में 200 से ज्यादा ठेले-खोमचे और कुछ अस्थायी निर्माण कर लोग रोजीरोटी चला रहे थे।

-नगर आयुक्त और प्रमंडलीय आयुक्त ने सख्ती से स्ट्रीट वेंडर्स पर कार्रवाई की। इस कार्रवाई के बाद संगठनों की एकजुटता का प्रयास हो रहा है।

- वेंडर्स ग्रीष्मावकाश के बाद इसपर अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की तैयारी कर रहे हैं। पटना व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता बी.के. मैजरवार के अनुसार स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन प्रमाणित होने पर अफसरों के लिए बचना मुश्किल होगा।

चुनाव के समय ऐसा करना भी गलत

पार्षदों की मानें तो कुछ प्रत्याशियों ने अपने घोषणापत्र में सडक़ों की सफाई, स्ट्रीट वेंडर्स से मुक्ति आदि की भी बात कही थी, इसलिए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कुछ खास लोगों के इशारे पर योजनाबद्ध तरीके से इस अभियान की पहले जमीन तैयार की गई और फिर उजाडऩे का काम किया गया।

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Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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