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हैरतअंगेज! टॉर्च की रोशनी में चलता है 'नागलोक' का अस्पताल

Rishi
Published on: 23 July 2017 8:19 PM IST
हैरतअंगेज! टॉर्च की रोशनी में चलता है नागलोक का अस्पताल
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रायपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में सांपों की भरमार है, इसलिए यह 'नागलोक' के नाम से मशहूर है। जिले के फरसाबहार विकासखंड का अस्पताल भगवान भरोसे चल रहा है। यहां बिजली नहीं के बराबर रहती है। इमरजेंसी लाइट और सोलर लाइट दोनों महीनों से खराब हैं।

आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के नाते यहां ज्यादातर सर्पदंश और डिलेवरी के मरीज आते हैं। बिजली गुल होने पर ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और नर्स गांव वालों की टॉर्च के भरोसे ही जिंदगी बचाने में लग जाते हैं। अस्पताल की वॉयरिंग भी जहां तहां झूल रही है।

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यहां भर्ती एक मरीज सोमारू मंडावी ने बताया कि दिन में तो सब कुछ ठीक चलता है, मगर रात को बहुत परेशानी होती है। यहां न तो जनरेटर ठीक है और न ही सोलर लाइट। रात को मच्छर भी बहुत ज्यादा परेशान करते हैं।

एक और मरीज खोरबहारिन बाई ने भी उसकी हां में हां मिलाते हुए कहा, "रोशनी नहीं होने की बात सही है, यहां तो दवाइयां भी नहीं मिलतीं। दवाइयां बाहर से खरीदकर लानी पड़ती है।"

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अस्पताल की बीएमओ डॉ. सुषमा कुजूर का कहना है, "हमने जनरेटर के मिस्त्री को सूचना दे दी है, वो आकर ठीक कर देगा।" सोलर लाइट के सवाल पर वह थोड़ा चौंकी और फिर संभलकर बोलीं, "उसकी भी संबंधित व्यक्ति को सूचना दी जा चुकी है, जल्दी ही इसको भी सुधार दिया जाएगा।" इसके बाद वह तेज कदमों से वार्ड की ओर बढ़ गईं।

सवाल तो यह है कि सारी व्यवस्थाएं ठीक करवाने की सूचना संबंधित व्यक्तियों को दे देना क्या काफी है? ऐसे में अगर किसी की मौत हो जाती है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? बीएमओ, सीएमओ या फिर अस्पताल प्रशासन? अलग राज्य बने 25 साल हुए, डॉ. रमन सिंह चौथी बार मुख्यमंत्री बनने का दावा कर रहे हैं। डॉक्टर मुख्यमंत्री के राज में अस्पतालों का यह हाल!

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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