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कब्र से भी खोद निकालेंगे, दंगाइयों को सीएम फडणवीस ने दी चेतावनी, बोले- दोषियों पर सख्त से सख्त होगी कार्रवाई

Nagpur Violence: नागपुर हिंसा पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि यह एक सुनियोजित साजिश है और 1992 के बाद नागपुर में ऐसी घटना नहीं हुई। फडणवीस ने बताया कि नागपुर हिंसा की पुलिस जांच जारी है।

Newstrack          -         Network
Published on: 19 March 2025 7:59 PM IST
Devendra Fadnavis
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Devendra Fadnavis  (photo: social media )

Nagpur Violence: नागपुर में हाल ही में हुई हिंसा पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कड़ी प्रतिक्रिया दी और स्पष्ट किया कि जो लोग पुलिस पर हमला करेंगे, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जरूरी हुआ, तो हम उन आरोपियों को कब्र से निकालकर सजा देंगे। मुख्यमंत्री ने नागपुर में शांति बनाए रखने का दावा करते हुए कहा कि 1992 के बाद से इस शहर में कभी भी बड़े पैमाने पर दंगे नहीं हुए हैं, और हाल की हिंसा जानबूझकर भड़काई गई थी।

विधानसभा में कानून व्यवस्था से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने जानबूझकर अफवाह फैलाने की कोशिश की थी, विशेष रूप से यह दावा किया था कि औरंगजेब की कब्र जलाने के दौरान उस पर धार्मिक सामग्री लिखी गई थी, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था। इस झूठी जानकारी के चलते ही माहौल गरमाया और हिंसा की घटनाएं हुईं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और जब तक ऐसा नहीं होगा, सरकार शांत नहीं बैठेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने नागपुर पुलिस कमिश्नर से इस मामले पर चर्चा की है और उन्हें निर्देश दिया है कि पुलिस पर हमला करने वालों को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ा जाएगा। अन्य मामलों में आरोपियों को माफी मिल सकती है, लेकिन पुलिस पर हमला करने वालों को सख्त सजा मिलेगी।

सीएम फडणवीस ने इस दौरान यह भी बताया कि हाल की छापेमारी में पुलिस को कई हथियार मिले हैं और कई स्थानों पर छतों में पत्थर छिपाकर रखे गए थे। इससे यह जाहिर होता है कि हिंसा पूरी तरह से योजनाबद्ध थी। 17 मार्च को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा औरंगजेब की कब्र तोड़ने के खिलाफ किए गए आंदोलन में प्रतीकात्मक कब्र बनाई गई थी, जिसे जलाया गया था। इसके बाद अफवाह फैलाई गई कि कब्र पर धार्मिक सामग्री लिखी थी, जिसके बाद उग्र भीड़ ने हिंसा शुरू कर दी। मुख्यमंत्री ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए प्रशासन को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं और कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।



औरंगजेब को लेकर क्या है विवाद

नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा का सीधा संबंध महाराष्ट्र के संभाजीनगर जिले (जो पहले औरंगाबाद के नाम से जाना जाता था) के 25 किलोमीटर दूर स्थित ख़ुल्दाबाद में स्थित मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब की कब्र से है। मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब की मृत्यु 1707 में अहमदनगर (अब अहिल्यानगर) में हुई थी, और उनका शव ख़ुल्दाबाद लाया गया था। तब से लेकर अब तक उनकी कब्र उस स्थान पर स्थित है।


हाल के वर्षों में, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और कुछ अन्य हिंदू संगठनों ने इस कब्र को हटाने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि औरंगज़ेब ने अपने शासनकाल में अत्याचार किए थे, विशेष रूप से मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी महाराज के साथ किए गए अमानवीय व्यवहार के कारण। इन संगठनों का आरोप है कि औरंगज़ेब ने संभाजी महाराज को कड़ी यातनाएं दीं और उनकी हत्या की, इसलिए ऐसे शासक की कब्र यहां नहीं होनी चाहिए।

सोमवार को विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मराठवाड़ा क्षेत्र में औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन किए थे। इसी प्रदर्शन के बारे में अफवाहें फैल गईं कि प्रदर्शनकारियों ने औरंगज़ेब की कब्र में रखे गए एक पवित्र प्रतीक को नुकसान पहुंचाया। इस अफवाह के बाद मंगलवार को नागपुर के महाल इलाके में कुछ असामाजिक तत्वों ने दुकानों में तोड़-फोड़ शुरू कर दी और कई वाहनों में आग लगा दी, जिससे हिंसा भड़क गई।

Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

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