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बंगाल की जीत में उज्जवल पारीक का भी नाम

पारीक बताते हैं कि लंदन में आराम से जीवन बीत रहा था लेकिन जल्द ही मैं बोर हो गया क्योंकि मुझे तो अपने देश की राजनीति में जाना था। मैं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिव प्रकाश का आभारी हूं कि उन्होंने मेरे राजनीतिक स्वप्न को साकार करने का मुझे मौका दिया।’

Shivakant Shukla
Published on: 31 May 2019 7:32 PM IST
बंगाल की जीत में उज्जवल पारीक का भी नाम
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में भाजपा की जबर्दस्त जीत के पीछे मोदी और अमित शाह की जोड़ी के अलावा का नाम अगर लिया जाए तो वह उज्जवल पारीक का है।

39 वर्षीय उज्जवल आईटी प्रोफेशनल हैं और एक अग्रणी आईटी फर्म में काम करते हैं। लंदन में बढिय़ा नौकरी छोड़ कर उज्जवल फरवरी 2018 में अपने घर कोलकाता लौट आए, अपने राजनीतिक मिशन को पूरा करने के लिए। उज्जवल कोलकाता में मुरलीधर स्ट्रीट स्थित भाजपा कार्यालय में नहीं बैठे बल्कि उत्तरी कोलकाता में अपने चार बेडरूम के शानदार फ्लैट से अपनी टीम के साथ चुपचाप काम करते रहे।

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उज्जवल कहते हैं, ‘मेरा काम पर्दे के पीछे रह कर सोशल मीडिया के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश लोगों तक पहुंचाना था। मेरे विचार से यह चुनाव व्हाट्सअप चुनाव था और हमने व्हाट्सअप का अच्छी तरह से इस्तेमाल करके मोदी जी के संदेश को प्रचारित किया।’ उज्जवल और उनकी टीम ने भाजपा के प्रचार अभियान के लिए ही काम नहीं किया बल्कि पार्टी प्रत्याशियों के लिए उनके निर्वाचन क्षेत्रों का संपूर्ण डेटा उपलब्ध कराया। पारीक कहते हैं कि इस डेटा की बहुत उपयोगिता रही।

बंगाल में व्हाट्सअप पर भाजपा के 50 हजार ग्रुप हैं और ये चुनाव में गेम चेंजर साबित हुए। राज्य भर में 10 हजार लोगों की टीम के साथ पारीक ने यह सुनिश्चित किया कि पिछले एक महीने में ‘बीजेपी फॉर बंगाल’ फेसबुक पर पर २ करोड़ लोगों तक पहुंच जाए। इसी नाम का ट्विटर हैंडल चालीस लाख लोगों तक पहुंचा और शेयर चैट पर 20 लाख लोगों को भाजपा के संदेश मिले। यही नहीं, पारीक और उनकी टीम ने तमाम वीडियो वायरल किए। इन सब कामों के लिए अपनी टीम को तैयार करने में पारीक ने राज्य में 80 वर्कशाप आयोजित किए थे।

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भाजपा के संग पारीक का रिश्ता 2013 में शुरू हुआ लेकिन बंगाल में 2014 के लोकसभा चुनाव और 2016 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के चलते पारीक बोरिया बिस्तर बांध कर विदेश चले गए। पारीक बताते हैं कि लंदन में आराम से जीवन बीत रहा था लेकिन जल्द ही मैं बोर हो गया क्योंकि मुझे तो अपने देश की राजनीति में जाना था। ‘मैं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिव प्रकाश का आभारी हूं कि उन्होंने मेरे राजनीतिक स्वप्न को साकार करने का मुझे मौका दिया।’



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Shivakant Shukla

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