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कांग्रेस-सोनिया गांधी से नरसिम्हा राव के भाई के कड़े सवाल, पूछा- पीएम मोदी ने दिया सम्मान, आपने क्या दिया?
पूर्व PM मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर राजनीति में उबाल आ गया है, इस बीच, पीवी नरसिम्हा राव के भाई मनोहर राव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर राजनीति में उबाल आ गया है, और बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर हैं। कांग्रेस ने निगम बोध घाट पर अव्यवस्था का आरोप लगाया, जबकि बीजेपी ने इसे सस्ती राजनीति करार दिया है। इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के भाई मनोहर राव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी है।
मनोहर राव ने कहा, "कांग्रेस को यह देखना चाहिए कि उन्होंने अपने नेता पीवी नरसिम्हा राव को कितना सम्मान दिया। सोनिया गांधी भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुईं। कांग्रेस ने राव के लिए कोई प्रतिमा नहीं बनाई और न ही उन्हें भारत रत्न दिया। अगर कांग्रेस अपनी औपचारिकताएं पूरी करे, तो बीजेपी डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जमीन देने के लिए तैयार है। कांग्रेस ने तो पीवी नरसिम्हा राव के लिए AICC कार्यालय के द्वार तक नहीं खोले।" उन्होंने आगे कहा, “मनमोहन सिंह के निधन का दुख है, वह 10 साल प्रधानमंत्री रहे। इससे पहले, पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वे वित्त मंत्री थे और राव ने उन्हें पूरी स्वतंत्रता दी थी। दोनों ने मिलकर देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।”
मेरे भाई को नहीं मिला सम्मान
कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ठीक से नहीं हुआ। लेकिन क्या कांग्रेस ने राव के सम्मान में कुछ किया? उन्हें दिल्ली में दो गज जमीन तक नहीं मिली। मनमोहन सिंह के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पूरी कैबिनेट मौजूद थे, लेकिन पीवी नरसिम्हा राव के समय कोई नहीं आया, सोनिया गांधी भी नहीं आईं।"
पीएम मोदी ने किया सभी पूर्व PM का सम्मान
मनोहर राव ने आरोप लगाया, "पीवी नरसिम्हा राव की प्रतिमा तक नहीं लगाई गई। उनकी सरकार में भारत रत्न नहीं दिया गया। अब कांग्रेस मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर आरोप लगा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का सम्मान किया है, और मनमोहन सिंह का भी सम्मान होगा। कांग्रेस ने तो अपने कार्यालय का दरवाजा तक नहीं खोला था। यह और कितनी बदतमीजी हो सकती थी?"