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नारायण मूर्ति ने इंफोसिस बोर्ड के खराब प्रशासन को किया उजागर

aman
By aman
Published on: 30 Aug 2017 4:53 AM GMT
नारायण मूर्ति ने इंफोसिस बोर्ड के खराब प्रशासन को किया उजागर
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नारायण मूर्ति ने इंफोसिस बोर्ड के खराब प्रशासन को किया उजागर

बेंगलुरू: प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने कहा, कि पिछले निदेशक मंडल ने घटिया कॉरपोरेट प्रशासन का परिचय दिया। मूर्ति ने संस्थागत निवेशकों के एक सम्मेलन में कहा, 'शेयरधारक के रूप में मेरी चिंता पिछले निदेशक मंडल द्वारा संचालित खराब प्रशासन है।'

वर्ष 2015 के अक्टूबर में कंपनी द्वारा अपने पूर्व मुख्य वित्तीय अधिकारी राजीव बंसल को सेपरेशन पैकेज में दी गई मोटी रकम को लेकर मूर्ति ने कहा, कि 'कंपनी ने बंसल को अत्यधिक रकम देने के लिए असामान्य करार किया है, जैसा कि अमेरिका की प्रतिभूति विनिमय आयोग (एसईसी) की नियामकीय रिपोर्ट में भी कहा गया है।'

नारायण मूर्ति ने याद करते हुए कहा, कि 'कृपया ध्यान दें। कंपनी ने अभी तक न ही किसी पिछले सीएफओ और न ही वर्तमान सीएफओ को उनके कांट्रैक्ट में इतनी बड़ी रकम देने का वादा किया है।' उन्होंने कहा, '18 जून, 2016 को आर शेशासाई (पूर्व निदेशक-मंडल अध्यक्ष) ने शेयरधारकों को एजीएम (आमसभा) में बताया कि निदेशक-मंडल ने उस राशि को बंसल में देने के लिए सहमति दी थी, क्योंकि वह 'सीएफओ के रूप में बहुत अधिक मूल्य संवेदनशील जानकारी रखने वाले' थे।'

मूर्ति ने कहा, कि बंसल को इतनी बड़ी रकम के भुगतान पर प्रतिकूल मीडिया रिपोटरें के बाद, मौजूदा गैर-कार्यकारी अध्यक्ष नंदन नीलेकणि और अन्य सह-संस्थापकों ने 28 जून 2016 को शेशासायी से कहा था कि निदेशक मंडल ने इस तरह के एक बड़े राशि का भुगतान करने के लिए एक अजीब निर्णय कैसे लिया?' उन्होंने कहा, 'शेशासायी ने हमें बताया कि यह निर्णय कंपनी के पूर्व महाधिवक्ता डेविड कैनेडी ने लिया था। जब हमने आगे की जांच की, कि रिम्यूनरेशन कमेटी, ऑडिट कमेटी और निदेशक मंडल ने इस मुद्दे पर क्या अपने दिमाग का इस्तेमाल किया है तो सेशासाई ने चुप्पी साध ली थी।'

जब 15 जुलाई, 2016 को मूर्ति ने स्वतंत्र निदेशक जेफरी एस लेहमैन से नीलेकणि और एक अन्य सह-संस्थापक आर. दिनेश की उपस्थिति में पूछा कि वे (निदेशक-मंडल सदस्य) इतनी बड़ी राशि का भुगतान करने पर क्यों करने पर सहमत हुए, तो उन्होंने जवाब दिया, 'यह गोपनीय है और इसका खुलासा नहीं किया जा सकता!'

हालांकि, शेशासायी और लेहमैन ने 24 अगस्त को सह-अध्यक्ष रवि वेंकटेशन, कार्यकारी उपाध्यक्ष विशाल सिक्का और निदेशक मंडल के एक अन्य स्वतंत्र निदेशक जॉन एट्केमेंडी ने एक साथ इस्तीफा दे दिया था, जिसने नीलेकणि की वापसी के लिए रास्ता बनाया। उन्होंने 8 साल पहले 10 अरब डॉलर की इस कंपनी को छोड़ दिया था।

मूर्ति ने बताया, 'रूपा कुड़वा (स्वतंत्र निदेशक) ने कहा कि अगर हम इस कारण को जानना चाहते हैं, तो हमें एनडीए (गैर-प्रकटीकरण करार) पर हस्ताक्षर करना होगा! शेयरधारक पारदर्शिता और लोकतंत्र के लिए यह बहुत कुछ जाहिर करता है! 'शेशासायी ने मूर्ति और अन्य सह-संस्थापकों को 14 अक्टूबर 2016 को बताया कि निदेशक मंडल ने बंसल को एक भारी राशि देने पर सहमति व्यक्त की, क्योंकि वे दरियादिल हैं!

मूर्ति ने कहा, 'निदेशक मंडल से मिली एसी असंगत प्रतिक्रियाओं को देखते हुए, क्या कोई भी संबंधित शेयरधारक इस निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाया कि निदेशक मंडल पारदर्शी नहीं है और शायद हमें और शेयरधारकों को भ्रमिक कर रहा है?'

आईएएनएस

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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