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Narayan Rane: केंद्रीय मंत्री राणे को HC से बड़ा झटका, बंगले के अवैध निर्माण पर चलेगा बुलडोजर, 10 लाख जुर्माना
Narayan Rane Case: बीएमसी के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ली गई थी मगर हाईकोर्ट ने भी राणे परिवार को झटका देने वाला फैसला सुनाया है।
Narayan Rane Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के जुहू स्थित बंगले के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने का निर्देश दिया है। राणे को बड़ा झटका देते हुए हाईकोर्ट ने 10 लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका है। बीएमसी की ओर से राणे के बंगले में अवैध निर्माण को लेकर नोटिस भेजे जाने के बाद यह मामला सियासी रूप से भी काफी गरमा गया था।
बीएमसी के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ली गई थी मगर हाईकोर्ट ने भी राणे परिवार को झटका देने वाला फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने इस अवैध निर्माण को गिराने की मियाद तय करते हुए दो हफ्ते का समय दिया है।
बीएमसी ने जारी किया था नोटिस
दरअसल आरटीआई एक्टिविस्ट संजय दौंधकर ने इस बंगले में अवैध निर्माण को लेकर बीएमसी के पास कई शिकायतें दर्ज कराई थीं। इन शिकायतों के बाद बीएमसी की टीम ने राणे के बंगले का निरीक्षण भी किया था। बंगले में किए गए बदलाव और अवैध निर्माण को लेकर बीएमसी की ओर से राणे को नोटिस भी जारी किए गए थे।
मुंबई नगर निगम की धारा 351 के तहत 25 फरवरी और 4 मार्च को नोटिस जारी किए गए थे। पहले नोटिस में अवैध निर्माण का जिक्र नहीं किया गया था मगर दूसरे नोटिस में बंगले के भीतर अवैध निर्माण कराने की बात कही गई थी।
नोटिस में बीएमसी का कहना था कि बंगले के बेसमेंट से लेकर पूरे बंगले में व्यापक बदलाव किया गया है। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने बंगले में कोई भी अवैध निर्माण न कराए जाने की बात कही थी। उनका कहना था कि वे 2009 से ही जुहू स्थित इस बंगले में रह रहे हैं और उनके पास बीएमसी की ओर से जारी सर्टिफिकेट भी है।
दस लाख का जुर्माना ठोका
अब इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए दो हफ्ते के भीतर अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने का निर्देश जारी कर दिया है। बंगले की ऊंचाई 11 मीटर से ऊंची नहीं होनी चाहिए थी मगर इसे 32 मीटर ऊंचा बनाया गया है। हाईकोर्ट के जस्टिस आर डी धनुका और कमल खाता की बेंच ने नारायण राणे के परिवार को बड़ा झटका देते हुए 10 लाख का जुर्माना भी लगाया है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि यह राशि महाराष्ट्र स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के पास जमा कराई जानी चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक इस अवैध निर्माण को गिराने में करीब 10 लाख का खर्च आने का अनुमान है। इसलिए हाईकोर्ट की ओर से नारायण राणे पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। राणे की ओर से इस निर्माण को लेकर नियमितीकरण याचिका दायर की गई थी मगर हाईकोर्ट ने उस याचिका पर विचार करने पर भी रोक लगा दी।
कार्रवाई पर रोक लगाने से इनकार
इस मामले में राणे परिवार की ओर से पेश वकील शार्दुल सिंह ने बीएमसी की कार्रवाई को 6 हफ्ते तक रोकने का अनुरोध किया था मगर हाईकोर्ट ने इस अनुरोध को भी ठुकरा दिया। दरअसल राणे परिवार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने की कोशिश में जुटा हुआ है। हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता ने मंजूर सीमा से 3 गुना अधिक निर्माण किया है। इसीलिए अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया जाना चाहिए।