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PM मोदी का अमेरिका दौरा: पहले ही दिन ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी डील, साइन हुआ एमओयू
ह्यूस्टन के होटल पोस्ट ओक में हुई इस बैठक में टेल्यूरियन और पेट्रोनेट के साथ लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) के लिए मेमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर ह्यूस्टन पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिका दौरे के पहले दिन ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों के सीईओ राउंड टेबल में शिरकत की।
ह्यूस्टन के होटल पोस्ट ओक में हुई इस बैठक में टेल्यूरियन और पेट्रोनेट के साथ लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) के लिए मेमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। पांच मिलियन टन एलएनजी के लिए एमओयू साइन किया गया।
टेल्यूरियन और पेट्रोनेट ने इसके लिए ट्रैन्ज़ैक्शन एग्रीमेंट को मार्च, 2020 तक अंतिम रूप देने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार देर रात को अमेरिका के ह्यूस्टन शहर पहुंचे। यहां से पहले वह जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर में दो घंटे रुके। ह्यूस्टन के जार्ज बुश इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भारतीय समुदाय के लोगों की जबरदस्त भीड़ ने पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया।
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आज वे ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, जिसे पोप के बाद किसी विदेशी नेता का अमेरिका में सबसे बड़ा कार्यक्रम बताया जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी पीएम मोदी के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
यह पहली बार होगा जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कार्यक्रम में भारतीय प्रधानमंत्री के साथ हिस्सेदारी करेगा। एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम में होने वाले इस कार्यक्रम में करीब 50 हजार भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के पहुंचने की संभावना है।
बलोच, सिंधी और पश्तो लोग लगाएंगे पाकिस्तान से आजादी की गुहार
ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात से पहले ही बलोच, सिंधी और पश्तो लोगों के प्रतिनिधि समूह एनआरजी स्टेडियम के बाहर प्रदर्शन के लिए एकत्र हो गए हैं। दरअसल इसके पीछे उनका लक्ष्य दोनों ही नेताओं का ध्यान खींचकर उन्हें पाकिस्तान से आजादी दिलाने में मदद की गुहार लगाना है।
इन समूहों में बलोची अमेरिकी,सिंधी अमेरिकी और पश्तो अमेरिकी समुदायों के सदस्य शामिल हैं। ये सभी शनिवार को अमेरिका के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचे हैं। ताकि अपनी तरह से इस पहले प्रदर्शन में हिस्सा ले सकें।
जिसमें वे अपनी मांग उठाएंगे। बता दें कि इन समूहों के सदस्यों ने शनिवार को आरोप लगाया था कि पाकिस्तान और एजेंसियां इन समुदायों के खिलाफ मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन कर रहा है।
ट्रंप से मंगलवार को भी मिलेंगे मोदी
ह्यूस्टन से पीएम नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क के लिए उड़ान भरेंगे, जहां वे 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र को संबोधित करेंगे। इससे पहले पीएम मोदी मंगलवार को न्यूयॉर्क में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक में भाग लेंगे।
यह इन दोनों नेताओं के बीच हालिया महीनों में चौथी मुलाकात होगी। इस बैठक में दोनों देशों के अगले कुछ सालों के संबंधों का खाका खींचे जाने की संभावना है।
रविवार को ह्यूस्टन में वह ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में शिरकत करेंगे, जिसे पोप के बाद किसी विदेशी नेता का अमेरिका में सबसे बड़ा कार्यक्रम बताया जा रहा है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी पीएम मोदी के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। यह पहली बार होगा जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कार्यक्रम में भारतीय प्रधानमंत्री के साथ हिस्सेदारी करेगा।
एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम में होने वाले इस कार्यक्रम में करीब 50 हजार भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के पहुंचने की संभावना है। यहां पहुंच कर पीएम मोदी ने टृवीट कर कहा कि 'हैलो ह्यूस्टन'।
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि अगले दो दिन आज और कल कई कार्यक्रमों के लिए यह गतिशील और ऊर्जावान शहर तैयार है। भारतीय समय के अनुसार सुबह 4 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई कंपनियों के सीईओ से भी मिलेंगे।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी ये जानकारी
बता दें कि ह्यूस्टन में भारतीय समयानुसार सुबह 4.30 बजे से कार्यक्रम शुरू हो जाएगा हाउडी मोदी को लेकर लोगों में काफी उत्साह है।
मोदी के ह्यूस्टन पहुंचने से पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ह्यूस्टन जाने के दौरान अल सुबह पीएम मोदी फ्रैंकफर्ट पहुंचे। दो घंटे के विराम के दौरान भारत की राजदूत मुक्ता तोमर और महावाणिज्य दूत प्रतिभा पारकर ने उनका स्वागत किया।
ह्यूस्टन में मोदी कई अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों के कार्यकारी अधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे, जिसका लक्ष्य भारत-अमेरिकी ऊर्जा सहयोग में बढ़ोतरी करना है।
भारत की कूटनीतिक जीत
पुलवामा आतंकी हमला हो या कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने का मुद्दा अथवा पाक के जैश सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराना, भारत के रुख को पूरी दुनिया में जबरदस्त समर्थन मिला है।
अमेरिका ने ऐसे मामलों में भारत को खुला साथ देकर पाकिस्तान को हर मोर्चे पर शिकस्त दी है। जिस तरह से ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा करने की उत्सुकता दिखाई है। उससे दुनिया में भारत का नाम शिखर पर आया है। ऐसे में यदि ट्रंप इस मंच से कुछ बड़ा ऐलान करते हैं तो यह भी भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत होगा।
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