मध्य प्रदेश में फसल अवशेष जलाने पर रोक, पकड़े गए तो लगेगा जुर्माना

Rishi
Published on: 16 May 2017 3:31 PM GMT
मध्य प्रदेश में फसल अवशेष जलाने पर रोक, पकड़े गए तो लगेगा जुर्माना
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भोपाल : मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय हरित न्यायाधीकरण (एनजीटी) के निर्देशों का पालन करते हुए खेतों में फसलों के अवशेषों को जलाने पर रोक लगा दी गई है। जो भी व्यक्ति या संस्था इस निर्देश का उल्लंघन करेगी, उससे पर्यावरण की क्षतिपूर्ति के एवज में अर्थदंड वसूला जाएगा। राज्य के कृषि कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव राजेश राजौरा ने मंगलवार को राज्य के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा एनजीटी के निर्देशों पर आधारित नोटीफिकेशन का जिक्र करते हुए समस्त जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर फसल कटाई के बाद खासकर धान और गेहूं के खेतों में आग लगाने को प्रतिबंधित कर दिया है।

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राजौरा द्वारा जारी आदेश में आगे कहा गया है कि जो भी व्यक्ति या निकाय इन निर्देशों का उल्लंघन करेगा, उसे पर्यावरण क्षतिपूर्ति के एवज में अर्थदंड देना होगा।

पर्यावरण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव राजीव शर्मा द्वारा जारी नोटीफिकेशन में कहा गया है कि फसल कटाई के बाद खेतों में आग लगाने से जहां पर्यावरण को नुकसान होता है, वहीं बीमारियों का भी अंदेशा रहता है।

विभाग ने तय किया है कि इस पर रोक लगाई जाए, इसका उल्लंघन करने पर दो एकड़ से कम के खेत में आग लगाने पर ढ़ाई हजार, दो से पांच एकड़ तक पर पांच हजार और पांच एकड़ से ज्यादा के खेत के मालिक पर 15 हजार का पर्यावरण क्षतिपूर्ति दंड वसूला जाएगा।

ज्ञात हो कि हार्वेस्टर से गेहूं या धान की फसल की कटाई के बाद खेतों में किसान आग लगा देते हैं, क्योंकि फसल की सूखी तना और जड़ पड़ी रह जाती है। इसमें आग लगा दिए जाने से जो धुआं निकलता है, उससे पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान होता है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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