TRENDING TAGS :
बड़े कमाल का गाय गोबर: रोक सकता है रेडिएशन, अब हुई ये बड़ी मांग
गाय का गोबर रेडिएशन रोक सकता है, जिसका इस्तेमाल मोबाइल में हो सकता है। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन वल्लभभाई कथीरिया ने सोमवार को 'कामधेनु दीपावली अभियान' के राष्ट्रव्यापी अभियान के दौरान गाय के गोबर से बनी एक चिप का अनावरण किया।
नई दिल्ली: ये तो सबको पता है गाय हमारे लिए कितना उपयोगी है। गाय को शास्त्रों में बहुत महत्वपूर्ण स्थान मिला है। ऐसे में गाय को लेकर एक बयान फिलहाल चर्चा में है।ये बयान दिया है राष्ट्रीय कामधेनु अयोग के अध्यक्ष वल्लभ भाई कथीरिया ने।
उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से हर किसी की रक्षा होती है। “यह (गोबर) एंटी रेडिएशन है, यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है। गाय का गोबर एक रेडिएशन चिप है, रेडिएशन को कम करने के लिए मोबाइल फोन में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। यह लोगों की बीमारियों से रक्षा करोगा।
गाय का गोबर रेडिएशन रुकेगा
बता दें कि वल्लभभाई कथीरिया ने कहा गाय का गोबर रेडिएशन रोक सकता है, जिसका इस्तेमाल मोबाइल में हो सकता है। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन वल्लभभाई कथीरिया ने सोमवार को 'कामधेनु दीपावली अभियान' के राष्ट्रव्यापी अभियान के दौरान गाय के गोबर से बनी एक चिप का अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि यह चिप मोबाइल हैंडसेट से निकलने वाले रेडिएशन को काफी कम कर देता है।
गाय के गोबर से बने इस चिप को अपने मोबाइल में रखते हैं, तो यह रेडिएशन को काफी कम कर देता है। अगर आप बीमारी से बचना चाहते हैं, तो इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस चिप को गौसत्व का कवच कहा गया है।गौसत्व कवच को गुजरात के राजकोट स्थित श्रीजी गौशाला द्वारा निर्मित किया गया ।
गोबर और पंचगव्य के बहुआयामी
गौरतलब है कि मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना केंद्र ने फरवरी, 2019 में की थी ।इसका उद्देश्य 'गायों का संरक्षण और विकास' है. राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के चेयरमैन वल्लभभाई कथीरिया हैं।
राष्ट्रीय कामधेनु अयोग आयोग की ओर से एक बयान में कहा गया कि यह कोशिश गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही यह उम्मीद भी जताई कि इस पहल से स्वदेशी आंदोलन को प्रोत्साहन मिलेगा और इससे चीन निर्मित दीयों का बहिष्कार भी सुनिश्चित करेगा।
आयोग के अध्यक्ष वल्लभ भाई कथीरिया ने कहा, अभियान के तहत आयोग दीपोत्सव के दौरान गोबर और पंचगव्य के बहुआयामी उपयोग को प्रोत्साहित करेगा। दीप पर्व के लिए गोबर आधारित दीये, मोमबत्तियां, धूप, अगरबत्तियां, शुभ- लाभ , स्वास्तिक, समरानी, हार्डबॉर्ड, हवन सामग्री, भगवान गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमाओं का निर्माण प्रारंभ हो चुका है।’