6 महीने से रह रहे हैं तो वहीं दर्ज कराना ही होगा NPR, जानें क्या है नियम

24 दिसंबर को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने की मंजूरी दे दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने NPR के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह हर 10 साल में होने वाली सामान्य जनगणना (Census) जैसी प्रक्रिया है।

Roshni Khan
Published on: 25 Dec 2019 6:17 AM GMT
6 महीने से रह रहे हैं तो वहीं दर्ज कराना ही होगा NPR, जानें क्या है नियम
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नई दिल्ली: 24 दिसंबर को हुई मोदी कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने की मंजूरी दे दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने NPR के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह हर 10 साल में होने वाली सामान्य जनगणना (Census) जैसी प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, अप्रैल-2020 में घरों की मैपिंग होनी है और यह प्रक्रिया 2021 में पूरी होगी। इसके तहत देश में एक ही जगह पर छह महीने या उससे ज्यादा वक्‍त तक रहने वाले हर नागरिक को अनिवार्य रूप से अपना नाम दर्ज करवाना होगा।

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NPR में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए हर नागरिक को ये डिटेल्स देनी होगी:-

  • व्यक्ति का नाम
  • परिवार के मुखिया से उसका संबंध
  • पिता का नाम
  • माता का नाम
  • पति/पत्नी का नाम>>लिंग
  • जन्म तिथि
  • वैवाहिक स्थिति
  • जन्म स्थान
  • नागरिकता
  • वर्तमान पता
  • पते पर रहने की अवधि
  • स्थायी पता
  • व्‍यवसाय
  • शैक्षणिक स्थिति

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क्या है NPR?

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के अंदर 1 अप्रैल, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक नागरिकों का डेटाबेस तैयार करने के लिए देशभर में घर-घर जाकर जनगणना की तैयारी है। देश के सामान्य निवासियों की व्यापक पहचान का डेटाबेस बनाना NPR का खास काम है। इस डेटा में जनसांख्यिकी के साथ बायोमीट्रिक जानकारी भी होगी।

कितना आएगा खर्चा

कैबिनेट से जनगणना 2021 के लिए 8,754।23 करोड़ और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के अपडेशन के लिए 3,941।35 करोड़ की मंजूरी मिली है।

कितना लगेगा वक्त?

NPR को तैयार करने में लगभग तीन साल का समय लग सकता है। इसकी प्रक्रिया तीन चरणों में होगी। पहले चरण की शुरुआत एक अप्रैल 2020 से होगी। 30 सितंबर के बीच केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर जनसंख्या के आंकड़े जुटाएंगे। इसका दूसरा चरण 2021 में 9 फरवरी से 28 फरवरी के बीच पूरा किया जाएगा। इसके तीसरे चरण के तहत 1 मार्च से 5 मार्च के बीच संशोधन की प्रक्रिया होगी।

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NRC से कितना अलग है NPR?

NPR और NRC में अंतर है। NRC के पीछे जहां देश में अवैध नागरिकों की पहचान का उद्देश्य है, वहीं 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले किसी भी निवासी को NRP में अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। कोई भी व्यक्ति देश के किसी हिस्से में छह महीने से रह रहा है, तो उसे उसी जगह NPR में अपनी डिटेल दर्ज करानी होगी।

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किसने शुरू की थी योजना?

NPR की पहल सबसे पहले 2010 में UPA सरकार ने की थी। तब 2011 में जनगणना के पहले इस पर काम शुरू हुआ था। अब फिर 2021 में जनगणना होनी है। अब इसमें NPR पर भी काम शुरू हो रहा है।

Roshni Khan

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