बच्चों के खिलाफ अपराध 300 फीसदी बढ़े : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की अध्यक्ष स्तुति कक्कड़ ने शनिवार को कहा कि 2009 के बाद से छह सालों के दौरान भारत में बच्चों के खिलाफ अपराध में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

tiwarishalini
Published on: 25 Nov 2017 3:59 PM GMT
बच्चों के खिलाफ अपराध 300 फीसदी बढ़े : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग
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बच्चों के खिलाफ अपराध 300 फीसदी बढ़े : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग

कोलकाता : राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की अध्यक्ष स्तुति कक्कड़ ने शनिवार को कहा कि 2009 के बाद से छह सालों के दौरान भारत में बच्चों के खिलाफ अपराध में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि बाल तस्करी से निपटने के लिए बहु-क्षेत्रीय कार्रवाई योजना की आवश्यकता है।

कोलकाता मैरी वॉर्ड सोशल सेंटर द्वारा आयोजित 'मानव तस्करी रोधी' सम्मेलन में कक्कड़ का एक लिखित बयान पढ़ा गया, जिसमें उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो ने कहा है कि 2009 के बाद से बच्चों के खिलाफ अपराध में वृद्धि हुई है। साल 2009 में बाल अपराध के 24,203 मामले थे, जो 2015 में की बढ़कर 92,172 हो गए। इस हिसाब से छह सालों के दौरान बाल अपराधों में लगभग 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई।"

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उन्होंने कहा, "गहन विश्लेषण से पता चलता है कि अपराध दर में 2009 और 2015 के बीच अधिक वृद्धि हुई है। जिसमें नाबालिग लड़कियों के विवाह, अपहरण और वेश्यावृत्ति के लिए नाबालिगों की बिक्री शामिल है।"

कक्कड़ ने गरीबी, बेरोजगारी, आर्थिक और लैंगिक असमानताओं जैसे किसी भी तरह के मानव तस्करी के प्रमुख कारणों से निपटने के लिए देश में एक कार्य योजना का सुझाव दिया है।

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उन्होंने कहा, "वैश्विक बाल तस्करी की वजहें विविध और जटिल हैं, लेकिन इसमें गरीबी, अवसर की कमी, आर्थिक असमानता, भूमि की सीमा, लैंगिक भेदभाव और भेदभावपूर्ण सांस्कृतिक प्रथाएं शामिल हैं।"

उन्होंने कहा, "हमें अपने बच्चों को हिंसा और अपराध से बचाने की जरूरत है, ताकि वे अंतर को पहचान सकें, जो तस्करों को एक अवसर प्रदान करता है। साथ ही बाल तस्करी का मुकाबला करने के लिए बहु क्षेत्रीय कार्रवाई योजना तैयार करने की आवश्यकता है।"

--आईएएनएस

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