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Women Safety In India: एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों ने महिला सुरक्षा के दावों की खोली पोल
Women Safety In India: एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों ने महिला सुरक्षा के दावों की सच्चाई सामने रख दी।
Women Safety In India: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के ताजा आंकड़ों ने महिला सुरक्षा के दावों की सच्चाई सामने रख दी। देश भर में चुनाव करीब आते ही आधी आबादी का वोट अपने खाते में डालने की नियत से हर पार्टी महिला सुरक्षा के मुद्दे को खूब बढ़ा चढ़ा कर जनता के बीच पेश करती है। लगभग हर राज्य सरकार, महिला सुरक्षा के मुद्दे को अपना चुनावी एजेंडा बनाकर बड़े - बड़े दावे पेश करती है। मगर आंकड़ों की बात आने पर, इन सभी दावों से चमक धूमिल हो जाती हैं।
प्रतिदिन औसतन 86 दुराचार के किए मामले दर्ज
ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में हर घंटे 49 महिलाओं की इज्जत, हर घंटे औसतन 82 हत्याएं हो रही हैं। एनसीआरबी डेटा के मुताबिक 2021 में हर घंटे महिलाओं के खिलाफ 49 अपराध और प्रतिदिन औसतन 86 दुराचार के मामले दर्ज किए गए। वर्ष के दौरान हर एक घंटे में 11 से अधिक अपहरण की सूचना भी मिली। नवीनतम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में पूरे भारत में अपराध के मामलों की समीक्षा की गई।
एनसीआरबी की 'क्राइम इन इंडिया 2021' रिपोर्ट के मुताबिक, प्रति एक लाख की आबादी पर हत्या की दर झारखंड में सबसे ज्यादा है, जबकि दिल्ली में अपहरण और अपहरण की दर सबसे ज्यादा है।2021 में दुराचार के 31,677 मामले दर्ज किए। 2020 में दुराचार के मामलों की संख्या 28,046 थी। 2019 में रेप के 32,033 मामले सामने आए थे।
महिलाओं के खिलाफ अपराध की राज्यवार रिपोर्ट
- राजस्थान (6,337)
- मध्य प्रदेश (2,947)
- महाराष्ट्र (2,496)
- उत्तर प्रदेश (2,845)
- दिल्ली में 2021 में 1,250 ।
दुराचार के मामलों में अपराध की दर
दुराचार के मामलों में अपराध की दर (प्रति लाख जनसंख्या) राजस्थान (16.4) में सबसे अधिक रही। दूसरे नंबर पर चंडीगढ़ (13.3), उसके बाद दिल्ली (12.9), हरियाणा (12.3) और अरुणाचल प्रदेश (11.1) का स्थान है। एनसीआरबी के अनुसार भारत में औसत दर 4.8 दर्ज की गई। 2021 में देश भर में 'महिलाओं के खिलाफ अपराध' के कुल 4,28,278 मामले दर्ज किए गए, जिनमें अपराध की दर (प्रति एक लाख आबादी पर) 64.5 थी। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि ऐसे अपराधों में चार्ज-शीट फाइल करने की दर 77.1 रही।
नंबर वन बना उत्तर प्रदेश
2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या घटकर 3,71,503 रही , जो 2019 में 4,05,326 थी। NCRB के मुताबिक महिला वर्ग के खिलाफ अपराधों में दुराचार,हत्या के साथ दुराचार , दहेज, एसिड हमले, आत्महत्या के लिए उकसाना, अपहरण, जबरन शादी, मानव तस्करी, ऑनलाइन उत्पीड़न जैसे अपराध शामिल हैं। 2021 में, महिलाओं के खिलाफ अपराधों के सबसे अधिक मामलों वाले शीर्ष पांच राज्य--
- उत्तर प्रदेश (56,083)
- राजस्थान (40,738)
- महाराष्ट्र (39,526)
- पश्चिम बंगाल (35,884)
- ओडिशा (31,352)
महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर के मामले में शीर्ष पर असम (168.3) है। इस सूची में असम के बाद दिल्ली (147), ओडिशा (137), हरियाणा (119.7) और तेलंगाना (111.2) का स्थान है।
किडनैपिंग के मामलों में राज्य
2021 के दौरान 1,04,149 पीड़ितों का अपहरण हुआ। अपहरण के 1,01,707 मामले दर्ज किए गए। 2020 में 84,805 मामले रिपोर्ट किए गए।
एक साल में किडनैपिंग में 19.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालाँकि लगभग एक लाख लोगों को किडनैपर से मुक्त भी कराया गया। हत्याओं की रिपोर्ट करने वाले शीर्ष पांच राज्य
- उत्तर प्रदेश (3,717 मामले, 3,825 लोग)।
- बिहार (2,799 मामले, 2,826 लोग)।
- महाराष्ट्र (2,330 मामले, 2,381 लोग)।
- मध्य प्रदेश (2,034 मामले, 2075 लोग)।
- पश्चिम बंगाल (1,884 मामले, 1,919 लोग)।
किडनैपिंग के मामले
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार किडनैपिंग के दिल्ली में 459 मर्डर केस दर्ज किए गए। इन मामलों में कुल 478 लोगों की हत्या की गई। हत्या के मकसद पर NCRB ने कहा, 'विवाद' के 9,765 मामले हत्या का सबसे अहम कारण पाया गया। 2021 के दौरान हुई हत्या में दूसरे नंबर पर 'व्यक्तिगत प्रतिशोध या दुश्मनी' का कारण रहा। personal vendetta or enmity के कुल 3,782 मामले और 'लाभ' के 1,692 मामले दर्ज किए गए।
अपहरण और अगवा करने (kidnapping and abduction) के मामले 2020 से 19.9 प्रतिशत अधिक रिपोर्ट किए गए। 2021 में कुल 1,01,707 किडनैपिंग केस दर्ज हुए।
लैंगिक आधार पर किडनैपिंग
- 17,605 पुरुष
- 86,543 महिलाएं
- एक ट्रांसजेंडर
वयस्कों की किडनैपिंग
सभी पीड़ितों में 69,014 (10,956 पुरुष और 58,058 महिलाएं) बच्चे थे। 35,135 वयस्कों की किडनैपिंग हुई जिसमें (6,649 पुरुष, 28,485 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर) शामिल रहे। 2021 के दौरान कुल 99,680 अपहृत लोगों (17,477 पुरुष, 82,202 महिला और एक ट्रांसजेंडर) को किडनैपर से मुक्त कराया गया। इनमें से 98,860 लोग 'जिंदा बरामद' हुए और 820 लोग मृत पाए गए।
अपहरण की रिपोर्ट के मामले में टॉप पांच राज्य
- उत्तर प्रदेश (14,554 मामले, 14,714 लोग)।
- बिहार (10,198 मामले, 2,826 लोग)।
- महाराष्ट्र (10,502 मामले, 10,680 लोग)।
- मध्य प्रदेश (2,034 मामले, 2075 लोग)।
- पश्चिम बंगाल (1,884 मामले, 1,919 लोग)।
- महिला सुरक्षा के लिए काम कर रहे जानकारों का कहना है कि महिलाओं से जुड़े हिंसा के ज्यादातर मामले सरकारी कागजों में दर्ज नहीं हो पाते, वो पीड़ित महिला तक ही सीमित रह जाते हैं।