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Presidential Election 2022: द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना लगभग तय, लेकिन इस राज्य से नहीं मिलेगा एक भी वोट
एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू जल्द राज्यों में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के लिए निकल सकती हैं। लेकिन केरल से द्रौपदी मुर्मू को शून्य वोट मिलना लगभग तय है, यदि कोई विधायक या सांसद क्रॉस वोटिंग न करें
Presidential Election 2022: 18 जुलाई को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए होने जा रहे चुनाव के लिए दो उम्मीदवार आमने-सामने हैं। सत्तारूढ़ एनडीए (NDA) की तरफ से जहां आदिवासी नेत्री द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) मैदान में हैं, वहीं विपक्ष ने पूर्व भाजपाई यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) पर दांव खेला है। इन्हीं दोनों के बीच सीधी लड़ाई है। दोनों उम्मीदवार नामांकन कर चुके हैं। साथ ही प्रचार अभियान का भी आगाज कर चुके हैं। विधानसभा और लोकसभा में एनडीए के आंकड़े को देखें तो मुर्मू का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। इसके अलावा उन्हें विपक्ष के भी कछ दलों से समर्थन प्राप्त हुआ है।
एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) जल्द राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए निकल सकती हैं। देश के लगभग तमाम राज्यों में बीजेपी (BJP) या तो उसके सहयोगियों की मौजूदगी है। लेकिन एक राज्य ऐसा है जहां न तो बीजेपी है और न ही उसके सहयोगी हैं। ऐसे में इस राज्य में राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को शून्य वोट मिलना लगभग तय है, यदि कोई विधायक या सांसद क्रॉस वोटिंग न करें तो। ये राज्य है केरल।
केरल – एनडीए के पास शून्य वोट
सीपीएम शासित केरल में न तो बीजेपी और न ही उसकी सहयोगी भारत धर्म जन सेना (बीडीजेएस) का विधानसभा और संसद के दोनों सदनों में प्रतिनिधित्व है। केरल में पहली बार 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का कोई उम्मीदवार चुनाव जीता था। पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल बीजेपी के वयोवृद्ध नेता ओ राजगोपाल (Veteran leader O Rajagopal) ने तब नेमोम सीट से चुनाव जीतकर पहली बार केरल विधानसभा (Kerala Assembly) में बीजेपी का खाता खोला था। हालांकि, 2021 के विधानसभा में बीजेपी एकबार फिर शून्य पर चली गई। वर्तमान में केरल की सत्ताधारी लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और विपक्षी यूनआईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को यहां शून्य वोट मिलना तय है।
केरल से चुनाव प्रचार की शुरूआत करेंगे यशवंत सिन्हा
राष्ट्रपति चुनाव के लिहाज से देखें तो विपक्ष सबसे मजबूत स्थिति में केरल में है। जहां उनका एक भी वोट बर्बाद होता नहीं नजर आ रहा है। यही वजह है कि विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने अपने चुनावी अभियान का आगाज केरल से किया है। उनके राष्ट्रव्यापी प्रचार अभियान के लिए 11 सदस्यीय अभियान समिति बनाई गई है। इस अभियान के तहत सिन्हा आज केरल पहुंच रहे है। वे विधानसभा जाकर विधायकों से मिलेंगे। उन्हें उम्मीद है कि केरल के सभी 20 लोकसभा सांसदों, 9 राज्यसभा सांसदों और सभी 140 विधायकों का समर्थन मिलेगा। बता दें कि केरल विधानसभा (Kerala Assembly) में विधायकों की संख्या के मुताबिक, राष्ट्रपति चुनाव के लिए 21,280 वोट हैं, वहीं लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को मिलाकर कुल 20,300 वोट हैं।
द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय
बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) में कुल वोटों की संख्या 10,86,431 है। इस प्रकार राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को आधे से एक अधिक यानि 5,43,216 वोट चाहिए। एनडीए के पास 5.26 लाख वोट हैं। ऐसे में एनडीए के उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए 13 हजार अतिरिक्त वोटों की दरकार है। आदिवासी नेत्री द्रौपदी मुर्मू के ऐलान के बाद से विपक्ष के खेमे के कई दल जैसे बीजेडी, बसपा, वाईएसआर कांग्रेस और झामूमो ने उनके समर्थन का ऐलान कर दिया है। ऐसे में राजनीतिक जानकार उनकी जीत लगभग तय मान रहे हैं। वहीं विपक्षी खेमे के कुछ दल जैसे शिवसेना और आप ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। चुनाव के समय इनका क्या स्टैंड होगा, कहना मुश्किल है।