AIADMK के साथ आने से राज्यसभा में NDA को मिली बड़ी ताकत, जानिए कैसे बदल गया उच्च सदन का गणित

Tamil Nadu Politics: तमिलनाडु में भाजपा ने एआईडीएमके के साथ गठबंधन कर लिया है। दोनों दलों के बीच पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले 2023 में गठबंधन टूट गया था मगर राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दलों ने एक बार फिर हाथ मिला लिया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 13 April 2025 12:51 PM IST (Updated on: 13 April 2025 3:50 PM IST)
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Tamil Nadu Politics: तमिलनाडु में भाजपा ने एआईडीएमके के साथ गठबंधन कर लिया है। दोनों दलों के बीच पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले 2023 में गठबंधन टूट गया था मगर राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले दोनों दलों ने एक बार फिर हाथ मिला लिया है। इस गठबंधन का राज्यसभा के गणित पर भी बड़ा असर पड़ा है और अब उच्च सदन में एनडीए ने मनोनीत सदस्यों के बिना ही बहुमत हासिल कर लिया है।

एआईडीएमके के राज्यसभा में चार सदस्य हैं और इन सदस्यों के साथ आने से एनडीए की ताकत काफी बढ़ गई है जबकि पहले से कमजोर विपक्ष और कमजोर हो गया है। एआईडीएमके के साथ आने से मनोनीत सदस्यों को मिलाकर एनडीए की ताकत बढ़कर 129 सांसदों की हो गई है। अब राज्यसभा में भी सरकार कोई भी विधायक आसानी से पारित कराने की स्थिति में आ गई है।

राज्यसभा में बढ़ गई एनडीए की ताकत

यदि राज्यसभा के समीकरण को देखा जाए तो मौजूदा समय में सदन में 236 सदस्य हैं और सदन में से नौ सीटें खाली हैं। एनडीए के पास राज्यसभा में 119 सदस्य हैं। इनमें हरियाणा के निर्दलीय सांसद कार्तिकेय शर्मा भी शामिल हैं जिन्होंने बीजेपी के समर्थन से राज्यसभा का चुनाव जीता था। एआईडीएमके के चार सांसदों के साथ आ जाने के बाद अब भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के सांसदों की संख्या बढ़कर 123 पर पहुंच गई है। ऐसी स्थिति में जब सदन अपनी पूर्ण सदस्यता 245 तक पहुंचेगा तब भी राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत रहेगा।

राज्यसभा में आमतौर पर छह मनोनीत सदस्य भी एनडीए का ही साथ देते रहे हैं और यदि इन सदस्यों को भी जोड़ दिया जाए तो उच्च सदन में एनडीए की ताकत 129 सांसदों तक पहुंच जाती है।

अभी और ताकतवर हो जाएगा एनडीए

वैसे जानकारों का मानना है कि राज्यसभा में खाली सीटें भरे जाने के बाद एनडीए की ताकत 134 या इससे अधिक सांसदों तक पहुंच सकती है। राज्यसभा में खाली नौ सीटों में से चार सीटें नामांकित सदस्यों की होगी जिनकी नियुक्ति केंद्र सरकार की ओर से की जानी है। जम्मू-कश्मीर की चार और आंध्र प्रदेश की एक सीट खाली है।

आंध्र प्रदेश में भाजपा की सहयोगी पार्टी टीडीपी की सरकार है। राज्यसभा में भाजपा के 98 सदस्य हैं। अन्य सहयोगी दलों को मिलाकर एनडीए के पास 123 सांसदों की ताकत हो गई है। वैसे एक उल्लेखनीय बात यह है कि वक्फ संशोधन बिल के दौरान एआईडीएमके के सांसदों ने बिल का विरोध किया था मगर अब वे एनडीए के साथ आ गए हैं।

राज्यसभा में विपक्ष की ताकत

दूसरी ओर कांग्रेस के पास राज्यसभा में 27 सांसद हैं। विपक्ष में शामिल दूसरे दलों के पास 58 सांसद हैं। ऐसे में राज्यसभा में इंडिया गठबंधन के पास कुल 85 सांसदों की ताकत है। राज्यसभा में वाईएसआर कांग्रेस के 9, बीजू जनता दल के सात और एआईडीएमके के चार सांसद हैं।

छोटे दलों और निर्दलीयों को मिलाकर तीन सांसद हैं जो किसी भी गठबंधन के साथ नहीं हैं।

राज्यसभा में किसी बिल पारित करने के लिए 119 सांसदों के समर्थन की जरूरत है और यहां भी मोदी सरकार के सामने किसी बिल को पारित कराने में कोई मुश्किल नहीं दिख रही है।

Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

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