Parliament Security Breach: संसद के बाहर अरेस्ट नीलम के बचाव में उतरा संयुक्त किसान मोर्चा, बुलाई खाप पंचायत

Parliament Security Breach: संसद में दो युवक सदन के भीतर पहुंचे थे जबकि एक युवक और एक युवती ने पार्लियामेंट के बाहर कलर स्टिक के साथ प्रदर्शन किया था। उस युवती का नाम नीलम आज़ाद है। अब गिरफ्तार नीलम के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा आगे आया है।

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Published on: 14 Dec 2023 1:58 PM GMT (Updated on: 14 Dec 2023 2:11 PM GMT)
Parliament Security Breach
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संसद के बाहर अरेस्ट नीलम (Social Media)

Parliament Security Breach: संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करते पकड़ी गई नीलम आजाद के बचाव में संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) एक्टिव हो गया है। किसान मोर्चे ने इस मसले पर 'खाप पंचायत' बुलाई है। जींद की उचाना तहसील में गुरुवार (14 दिसंबर) की शाम हुई बैठक में ही आगामी रणनीति तैयार होगी। दूसरी तरफ, किसान नेताओं का कहना है कि, नीलम ने कुछ भी गलत नहीं किया। उसने किसानों, मजदूरों और बेरोजगारी की बात की और इसी संबंधित मुद्दा उठाया।

गौरतलब है कि, संसद भवन के बाहर बुधवार को कलर स्टिक छोड़ने वाले दो लोगों में से एक नीलम भी थीं। नीलम आज़ाद को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था। नीलम हरियाणा के जींद की उचाना तहसील की रहने वाली है। हालांकि, गिरफ्तारी के बाद नीलम को कहां रखा गया है, इसके बारे में परिजनों को कोई जानकारी नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा के आजाद पालवां, सिक्किम सफाखेड़ी (Sikkim Safa Khedi) समेत कई किसान नेता नीलम के घर पहुंचे। उन्होंने नीलम का समर्थन करते हुए साथ खड़े रहने का ऐलान किया। साथ ही, खाप पंचायतों को भी बुलाया है।

किसान आंदोलन समेत कई मौकों पर रहीं सक्रिय

पार्लियामेंट के बाहर नारेबाजी करते हुए गिरफ्तार नीलम आज़ाद किसान आंदोलन सहित कई स्थानीय मुद्दों को लेकर हुए आंदोलनों में सक्रिय रही हैं। नीलम की दोस्त सिक्किम सफाखेड़ी के अनुसार, 'वह भी सभी आंदोलनों में नीलम के साथ रही। चाहे वह टोल का मुद्दा हो या दिल्ली में किसान आंदोलन। सिक्किम कहती हैं, नीलम ने रोजगार की खातिर आवाज उठाई है। वह किसान आंदोलन में भी सक्रिय थी। वहीं, जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरने के दौरान भी अरेस्ट हुई थी।

पालवां- हमेशा किसान, मजदूर की आवाज उठाई

किसान नेता आजाद पालवां (Farmer Leader Azad Palawan) ने मीडिया को बताया कि, 'जब भी मंच मिला नीलम ने किसान, मजदूर और बेरोजगारों की आवाज उठाई। सरकार के कान तक आवाज पहुंचाने का उन्होंने सशक्त जरिया चुना। अगर, संसद की सुरक्षा में चूक हुई है तो ये सरकार की कमी है। नीलम को आजाद कराने के लिए खाप आगे जाएंगी। आजाद पालवां कहते हैं, किसान बैठक में जो सहमति बनती है उसके हिसाब से ही आगे कदम बढ़ाया जाएगा।'

नीलम पर से संगीन धाराएं हटाए पुलिस

वहीं, नीलम आज़ाद के भाई राम निवास ने मीडिया के माध्यम से कहा, कि 'नीलम ने नौकरी का मुद्दा उठाया। उसे संसद के बाहर से पकड़ा गया है। वह भीतर नहीं गई। वह स्टूडेंट है। उस पर कई संगीन धाराएं लगाई गई हैं, जिसे हटाया जाए। राम निवास ने आगे कहा, कि हमें नहीं पता था कि नीलम दिल्ली जा रही है। नहीं तो उसे जाने ही नहीं देते।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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