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Neemuch Lynching Case: बुलडोजर के खौफ से आरोपी बीजेपी नेता ने किया सरेंडर, पुलिस ने दिया था अल्टीमेटम
Neemuch Lynching Case: इस जघन्य अपराध का आरोपी नीमच का भाजपा नेता दिनेश कुशवाह फरार हो गया था। लेकिन पुलिस के अल्टीमेटम के बाद शाम को उसके खुद ही सरेंडर कर दिया।
Neemuch Lynching Case: देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में एक बुजुर्ग को बुरी तरह से पिट कर हत्या कर देने के मामले ने देश को दंग कर दिया है। मृतक बुजुर्ग भंवरलाल जैन (65) को मुसलमान होने के शक के कारण पीट – पीटकर मारा डाला गया। इस जघन्य अपराध का आरोपी नीमच का भाजपा नेता दिनेश कुशवाह फरार हो गया था। लेकिन पुलिस के अल्टीमेटम के बाद शाम को उसके खुद ही सरेंडर कर दिया।
बुलडोजर के खौफ से किया सरेंडर
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस – प्रशासन एक्टिव हो गया और आरोपी बीजेपी नेता दिनेश कुशवाह के धर – पकड़ की कोशिश शुरू कर दी। पुलिस – प्रशासन पूरे दल बल के साथ जेसीबी मशीन लेकर आरोपी के घर पहुंचा था। आरोपी को शाम तक सरेंडर करने का वक्त दिया गया था। मकान टूटने की खबर लगते ही फरार भाजपा नेता ने सरेंडर कर दिया।
आरोपी का मकान तोड़ेगी पुलिस
यूपी की तर्ज पर इन दिनों पड़ोस के एमपी में भी बुलडोजर कार्रवाई काफी देखने को मिल रही है। इस घटना में भी पुलिस – प्रशासन इसे अपनाने जा रही है। जानकारी के मुताबिक, अब घर तोड़ने की कार्यवाही को लेकर घर के दस्तेवाजों को खंगालने में जुटा हुआ है। आरोपी का जो मकान है, वो उसके भाई के नाम पर होने की जानकारी सामने आई है, इसलिए कार्यवाही में देरी हुई है। जैसे ही प्रशासन आरोपी दिनेश के हिस्से के मकान की पुष्टि कर लेता है, उसे जमींदोज कर दिया जाएगा।
मरने और मारने वाला का कनेक्शन
नीमच मॉब लिंचिंग कांड सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को इसलिए असहज करने वाला है क्योंकि इस कांड के आरोपी और पीड़ित दोनों का बीजेपी से कनेक्शन है। रतलाम जिले के मनासा का रहने वाला दिनेश कुशवाह भाजपा युवा मोर्चा और नगर ईकाई का पदाधिकारी रहा है। उसकी पत्नी मनासा नगर परिषद में वार्ड नंबर 3 से भाजपा की पार्षद रही है। वहीं मृतक भंवरलाला जैन भी एक अन्य बीजेपी नेता का भाई बताया जा रहा है।
वहीं इस हत्याकांड के बाद सूबे की सियासत भी गरमा गई है। विपक्षी कांग्रेस ने प्रदेश में बीते कुछ समय से लगातार हो रही लिंचिंग की घटनाओं को लेकर शिवराज सरकार को घेरा है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने एमपी में ला एंड ऑर्डर की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।