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NEET-UG 2024 : पेपर लीक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उठाए ये अहम सवाल, जो सभी छात्रों को जानना जरूरी
NEET-UG Paper Leak : नीट-यूजी, यूजीसी-नेट, यूपी पुलिस सहित कई परीक्षाओं के पेपर लीक को लेकर देशभर के छात्रों में आक्रोश है। छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी भी खूब हो रही है।
NEET-UG Paper Leak : नीट-यूजी, यूजीसी-नेट, यूपी पुलिस सहित कई परीक्षाओं के पेपर लीक को लेकर देशभर के छात्रों में आक्रोश है। छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। इस मामले पर राजनीतिक बयानबाजी भी खूब हो रही है। सुप्रीम कोर्ट में नीट-यूजी पेपर लीक मामले को लेकर सोमवार को सुनवाई है। इस मामले में करीब 38 याचिकाएं दायर हुईं, इनमें ज्यादातर पेपर रद्द करने को लेकर थीं, जबकि कुछ याचिकाओं में पेपर रद्द न करने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार और संबंधित एजेंसी और याचिकाकर्ताओं से कई सवाल किए। इन सवालों के जवाब के आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट परीक्षा को रद्द करने या रद्द नहीं करने का फैसला सुना सकता है। इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार यानी 11 जुलाई को होगी।
सरकार ने दाखिल किया हलफनामा
नीट-यूजी पेपर लीक मामले में केंद्र सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने परीक्षा रद्द न किए जाने की वकालत की है। सरकार ने तर्क दिया कि ऐसे तथ्य अभी सामने नहीं आए हैं कि देशभर में बड़े स्तर पर धांधली या धोखाधड़ी हुई है। ऐसे में यदि परीक्षा रद्द होती है तो लाखों छात्रों का नुकसान होगा, जिन लोगों ने ईमानदारी से परीक्षा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, एनटीए और याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद कई सवाल भी किए हैं, आइये जानते हैं -
सुप्रीम कोर्ट ने किए ये अहम सवाल
- सुप्रीम कोर्ट कहा, यह स्पष्ट है कि पेपर लीक हुआ है, परीक्षा का पवित्रता प्रभावित हुई है। यदि पेपर स्थानीय स्तर पर लीक हुआ था, ऐसे में हमें यह पता नहीं चलता कि कितने छात्र इसमें शामिल थे तो परीक्षा दोबारा कराने का आदेश देना पड़ेगा।
- सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, पेपर लीक की घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों, इसको लेकर कैसी और क्या तैयारियां है? साइबर क्राइम न हो या इससे कैसा निपटा जाए, इसे लेकर हमारे पास कौन सी तकनीक है? क्या डेटा एनालिटिक्स से हम मार्क कर सकते हैं? क्या हम मल्टी डिसिप्लिनरी कमेटी बना सकते हैं?
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस परीक्षा में 23 लाख से ज्यादा छात्र शामिल हुए थे, इसलिए यह जरूरी है इस पर पूरी जानकारी हमारे पास होनी चाहिए। परीक्षा में जो चूक हुई है, वह क्या कुछ केंद्रों तक सीमित थी या फिर बड़े पैमाने पर?
- सुप्रीम कोर्ट ने पेपर कराने वाली एजेंसी एनटीए से पूछा, पेपर लीक की प्रकृति क्या थी? इसकी टाइमलाइन क्या थी? पेपर सबसे पहले कहां लीक हुआ और किस समय हुआ?
- सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए से पूछा, पेपर को बैंक लॉकर में कब भेजा गया था और परीक्षा का समय क्या था? देश के अलग-अलग केंद्रों पर पेपर कैसे भेजे गए या किसी अधिकारी के जरिए भेजे गए। विदेश में पेपर कैसे भेज गए थे?
- सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि जो भी लोग परीक्षा दोबारा हो, इसकी मांग कर रहे हैं, वह एक साथ बैठें और एक नोडल वकील को चुनें, जो अपनी दलीलें रखे। हम सबको अलग-अलग नहीं सुन सकते। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं के सवालों का जवाब अगली सुनवाई में केंद्र और एनटीए देगी।
- सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से भी सवाल पूछा आखिर हमें बताएं कि परीक्षा दोबारा कराना क्यों जरूरी है?
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 24 लाख छात्रों की दोबारा परीक्षा होना मुश्किल है, लेकिन हमें यह भी देखना है कि पेपर लीक और परीक्षा का अंतराल किता था? यदि अंतराल अधिक है तो पेपर लीक व्यापक था। यही नहीं, अगर यह पेपर लीक सोशल मीडिया- टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर हुआ है तो यह बहुत ही व्यापक है। इसलिए सभी सवालों के जवाब को जानना जरूरी है।
अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान उक्त सवाल केंद्र सरकार, एनटीए और याचिकाकर्ताओं से पूछे हैं। उक्त सवालों के जवाब में केंद्र सरकार, एनटीए और याचिकाकर्ताओं ने भी अपनी दलीलें रखीं हैं। अब इस मामले में गुरुवार यानी 11 जुलाई को सुनवाई होगी, इसके बाद सुप्रीम कोर्ट फैसला आने की उम्मीद है।