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NEET-UG: 'दोबारा परीक्षा तभी हो सकती है अगर...', नीट-यूजी विवाद पर CJI ने की सख्त टिप्पणी, सुनवाई जारी
NEET-UG Row: इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कर रही है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा और एनटीए और सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में अपनी दलीलें रख रहे हैं।
NEET-UG Row सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को फिर NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित पेपर लीक और गड़बड़ी से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहा है। नीट यूजी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 40 याचिकाएं डाली गई हैं, जिसमें अधिक याचिकाएं परीक्षा रद्द कर दोबारा कराने की मांग की हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में जल्दबाजी है और लाखों छात्र इस मामले में नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। पेपर रद्द की मांग पर कोर्ट ने कहा कि उन्हें दोबारा परीक्षा का दावा करने के लिए यह दिखाना होगा कि पेपर लीक की घटना सुनियोजित थी। आपको यह दिखाना होगा कि लीक इतनी व्यवस्थित थी और इसने पूरी परीक्षा को प्रभावित किया, जिससे पूरी परीक्षा को रद्द करने की आवश्यकता हो। वहीं, सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह सूचित किया गया है कि इस मामले की जांच से संबंध सीबीआई ने दूसरी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है।
कोर्ट का जवाब, साबित करें कि बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कर रही है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा और एनटीए और सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्ट में अपनी अपनी दलीलें रख रहे हैं। इसमें अधिकांश याचिकाएं परीक्षा रद्द की मांग की हैं, पर याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से नीट यूजी परीक्षा को रद्द की मांग की। इस पर, सीजेआई ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप हमें संतुष्ट करिए कि पेपर लीक बड़े पैमाने पर हुआ और परीक्षा रद्द होनी चाहिए। दूसरी इस मामले में जांच की दिशा क्या होना चाहिए वो भी हमें बताएं। उसके बाद हम सॉलिसिटर जनरल को सुनेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से यह भी कहा कि अगर आप हमारे सामने यह साबित कर देते हैं कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई तभी दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया जा सकता है।
सीजेआई और याचिकाकर्ता के बीच सवाल-जवाब
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील और पीठ के बीच कुछ देर सवाल जवाब भी चला। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि कुछ ऐसे छात्र भी आए हैं, जिनकी रैंक एक लाख आठ हजार छात्रों के बीच है, लेकिन उनको सरकारी कॉलेज नहीं मिला। एनटीए ने सभी लोगों का रिजल्ट घोषित नहीं किया है, जबकि दूसरी परीक्षाओं में पूरे रिजल्ट घोषित होते है। वकील के पश्न पर सीजेआई ने पूछा चंद्रचूड़ ने पूछा कि सरकारी कॉलेजों में कितनी सीटें हैं? वकील ने कहा कि 56 हजार सीटें। कम से कम एक लाख का रिजल्ट घोषित हों। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या आपके हिसाब से कुछ लोग एक लाख आठ हजार के केटेगरी में आ गए है? आप (याचिकाकर्ता) पहले तथ्यों पर बात करें। एक लाख आठ हजार में से कितने याचिकाकर्ता है और कितने छात्र सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
अदालत ने कहा कि 131 छात्र दोबारा परीक्षा चाहते है। 254 छात्र दोबारा परीक्षा के खिलाफ है। दोबारा परीक्षा चाहने वाले 131 छात्र ऐसे हैं, जो एक लाख आठ हजार के अंदर नहीं आते और दोबारा परीक्षा का विरोध करने वाले 254 छात्र एक लाख आठ हजार के अंदर आते हैं। अगर 1 लाख 8 हजार लोगों को एडमिशन मिलता है, बाकी 22 लाख लोगों को दाखिला नहीं मिलता तो इसका मतलब ये तो नहीं कि पूरी परीक्षा को रद्द कर दिया जाए?
सीबीआई ने कोर्ट में दाखिल की दूसरी स्टेट्स रिपोर्ट
नीट यूजी विवाद मामले की जांच सीबीआई कर कही है। सीबीआई ने कोर्ट इस मामले पर दूसरी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है, जिसकी जानकारी बीच सुनवाई में सीजेआई को दी गई। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, सीबीआई ने इस मामले में कल एक और स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल की है। सीजेआई ने कहा कि, हां हमने दूसरी स्टेट्स रिपोर्ट भी पढ़ी है। याचिकाकर्ता की वकील ने कहा कि सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट हमे नहीं दी गई गई। इस पर अदालत ने कहा, 'हालांकि हम पारदर्शिता की वकालत करते हैं। मगर सीबीआई जांच चल रही है। अगर सीबीआई ने हमें जो बताया है उसका खुलासा होता है तो यह जांच को प्रभावित करेगा।