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New Congress President: राहुल के समर्थन में खुलकर उतरे दो कांग्रेस शासित राज्य, गहलोत और बघेल ने की वकालत
New Congress President: राहुल गांधी ने अभी तक इस मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वैसे शुरुआती संकेतों से पता चलता है कि वे इस बार कांग्रेस अध्यक्ष बनने के मूड में नहीं हैं।
New Congress President: कांग्रेस के नए अध्यक्ष को चुनने की प्रक्रिया 22 सितंबर से शुरू होने वाली है और इस प्रक्रिया की शुरुआत से पहले राहुल गांधी को एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग तेज होने लगी है। हालांकि राहुल गांधी ने अभी तक इस मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वैसे शुरुआती संकेतों से पता चलता है कि वे इस बार कांग्रेस अध्यक्ष बनने के मूड में नहीं हैं। दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं की ओर से राहुल को कमान सौंपने की मांग एक बार फिर तेज होने लगी है।
कांग्रेस शासित प्रदेशों राजस्थान और छत्तीसगढ़ के इकाइयों की ओर से बाकायदा प्रस्ताव पारित करके राहुल को पार्टी की कमान सौंपने की मांग की गई है। इन दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत और भूपेश बघेल का मानना है कि 2024 की सियासी जंग में पार्टी के लिए राहुल का नेतृत्व काफी जरूरी है। राहुल गांधी इन दिनों दक्षिण भारत में भारत जोड़ो यात्रा की अगुवाई कर रहे हैं और इस यात्रा के जरिए उन्होंने और सियासी मजबूती हासिल की है।
गहलोत ने खुद रखा राहुल के लिए प्रस्ताव
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थिति मजबूत मानी जाती है और इन दोनों राज्यों की इकाइयों की ओर से राहुल को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। हालांकि नए कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम की अटकलें भी लगती रही हैं। अशोक गहलोत की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद इन अटकलों ने जोर पकड़ा था।
हालांकि गहलोत के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ना चाहते और इसी कारण वे लगातार राहुल गांधी को ही अध्यक्ष बनाने की वकालत करते रहे हैं। कांग्रेस की राजस्थान इकाई के बैठक के दौरान गहलोत ने खुद राहुल को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा जिसे पार्टी प्रतिनिधियों का भारी समर्थन हासिल हुआ। गहलोत के इस रूख से साफ हो गया है कि वे राहुल को अध्यक्ष बनाने की मुहिम में पूरी मजबूती के साथ डटे हुए हैं।
छत्तीसगढ़ इकाई भी राहुल के समर्थन में
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस प्रतिनिधियों की बैठक के दौरान भी राहुल को ही पार्टी की कमान सौंपने की वकालत की गई। इस बाबत प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि अभी तक दो राज्यों की ओर से राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। आने वाले दिनों में कई और राज्यों से भी इस आशय का प्रस्ताव पारित हो सकता है। ऐसे में राहुल गांधी को पार्टी की कमान फिर संभालने के बारे में पुनर्विचार करना चाहिए।।
उन्होंने कहा कि 2024 की सियासी जंग के लिए दो साल से भी कम समय बचा है। पार्टी को पूरी मजबूती के साथ यह सियासी जंग लड़नी है और इसके लिए पार्टी को राहुल गांधी के नेतृत्व की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न वर्गों में राहुल गांधी को मजबूत समर्थन हासिल है। ऐसे में उनकी अगुवाई में पार्टी मजबूत तरीके से भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ सकती है।
अन्य राज्य भी पारित कर सकते हैं प्रस्ताव
कांग्रेस शासित दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में राहुल को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित होने के बाद कई और राज्यों में भी इस आशय का प्रस्ताव पारित किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जल्द ही तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, तेलंगाना और कर्नाटक के पदाधिकारियों की ओर से भी राहुल गांधी को फिर पार्टी का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया जा सकता है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इन राज्यों में भी इस आशय का प्रस्ताव पारित किए जाने के लिए आपसी चर्चा का दौर जारी है और जल्द ही इस दिशा में कदम उठाया जा सकता है।
22 से होना है नए अध्यक्ष का नामांकन
कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नामांकन की तारीख 22 सितंबर नजदीक आ गई है। ऐसा में पार्टी के भीतर सियासी हलचलें लगातार तेज होती जा रही हैं। कांग्रेस में राहुल गांधी का समर्थक माने जाने वाला खेमा पहले से ही राहुल के समर्थन में सक्रिय बना हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 24 सितंबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकते हैं और अभी तक राहुल गांधी ने इस बाबत सस्पेंस खत्म नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के संबंध में उन्होंने अपना फैसला कर लिया है,लेकिन अपने फैसले की जानकारी में चुनाव के समय ही देंगे। राहुल गांधी के इस बयान ने पार्टी नेताओं का सस्पेंस और बढ़ा दिया है।
भारत जोड़ो यात्रा से दावेदारी और मजबूत
कांग्रेस में नए अध्यक्ष का मामला काफी दिनों से उलझा हुआ है और पार्टी नेतृत्व इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रहा है। नए अध्यक्ष के लिए चुनाव के लिए तय कार्यक्रम के मुताबिक 30 सितंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं जबकि जरूरी होने पर 17 अक्टूबर को मतदान कराया जाएगा।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को दक्षिण भारत में अच्छा समर्थन हासिल हुआ है। इस यात्रा ने राहुल की दावेदारी को और मजबूत बना दिया है और माना जा रहा है कि नए अध्यक्ष को लेकर राहुल अपने सियासी पत्ते जल्द ही खोलेंगे।
गुजरात इकाई भी राहुल के समर्थन में
इस बीच गुजरात कांग्रेस की प्रदेश इकाई की ओर से भी राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने की वकालत की गई है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बाद गुजरात तीसरा ऐसा राज्य है जिसने इस आशय का प्रस्ताव पारित किया है। कांग्रेस की गुजरात इकाई का मानना है कि मौजूदा सियासी हालात में राहुल गांधी ही पूरी मजबूती के साथ पार्टी को नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं।
उधर पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम का कहना है कि राहुल गांधी ने अभी तक भले ही कांग्रेस अध्यक्ष बनने से इनकार किया हो मगर वे अपना मन बदल सकते हैं। उन्होंने आम सहमति से पार्टी का नया अध्यक्ष चुने जाने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में निष्पक्षता और पारदर्शिता को लेकर कोई विवाद पैदा नहीं होगा।