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मॉक टेस्ट में ही फेल हो गई दिल्ली यूनिवर्सिटी, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने कहा कि मॉक टेस्ट का आयोजन छात्रों और शिक्षकों को ओपन बुक सिस्टम से परिचित कराने के लिए किया जा रहा है।

Newstrack
Published on: 4 July 2020 2:17 PM GMT
मॉक टेस्ट में ही फेल हो गई दिल्ली यूनिवर्सिटी, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
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नई दिल्ली: पहले ही कई सवालों के घेरे में घरी दिल्ली यूनिवर्सिटी को लेकर एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। दिल्ली यूनिवर्सिटी अपने पहले ही मॉक टेस्ट में फेल हो गई है। ओपन बुक एग्जामिनेशन की परीक्षा के हिसाब से छात्रों को तैयार करने के लिए आयोजित हो रहे इस मॉक टेस्ट में कहीं पर प्रश्न पत्र ही नहीं डाउनलोड नहीं हुए तो कहीं बीकॉम के छात्रों को हिंदी का प्रश्न पत्र दे दिया गया।

छात्र कर रहे शिकायत

छात्रों ने शिकायत की है कि मुख्य परीक्षा के लिए दिए गये आईकार्ड की सही जानकारी भरने के बाद भी सिस्टम उन्हें ‘पहचान’ नहीं पा रहा था और उनके पेपर डाउन लोड नहीं हुए। वहीं, जिनके प्रश्नपत्र डाउनलोड हुए, उनसे पाठ्यक्रम के बाहर से सवाल पूछे गए। छात्र सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा कर रहे हैं। छात्रों की भारी संख्या के कारण परीक्षा के अंत तक परीक्षा का अयोजन करा रही वेबसाइट ही क्रेश हो गई। सत्यवती कॉलेज के छात्र उत्कर्ष सिंह ने बताया कि वे बीए (ओनर्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। आज जब मॉक टेस्ट देने के लिए प्रश्न पत्र डाउनलोड किया जाने लगा तब प्रश्न पत्र ही डाउनलोड नहीं हुआ।

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बीकॉम के छात्रों को हिंदी विषय का प्रश्न पत्र दे दिया गया था। उनके कई दोस्तों को यह परेशानी सामने आई कि मुख्य परीक्षा के लिए दिए गये। आईकार्ड की सही जानकारी भरने के बाद भी उनके प्रश्न पत्र डाउनलोड नहीं हुए और सिस्टम उन्हें गलत (error) दिखा रहा था। राजधानी कॉलेज के दिव्यांग छात्र गौरव कुमार (राजनीति विज्ञान, ऑनर्स) ने बताया कि दिल्ली हाई कोर्ट में यूनिवर्सिटी ने स्वीकार किया था कि दिव्यांग छात्रों को परीक्षा के दौरान पांच घंटे का समय दिया जायेगा।

यूनिवर्सिटी ने दी सफाई

लेकिन जब आज उन्होंने अपना प्रश्न पत्र डाउनलोड किया तब उन्हें केवल तीन घंटे का ही समय दिया गया। अगर इसी प्रकार की गलती मुख्य परीक्षा के दौरान होगी, तो यह उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा। इतना ही नहीं, राजनीति विज्ञान के छात्रों के प्रश्न पत्र में अनेक सवाल ऐसे थे, जो उनके पाठ्यक्रम में कहीं नहीं हैं। ऐसे में छात्र ऐसे प्रश्नों के जवाब नहीं दे पाएंगे। राजधानी कॉलेज के एक छात्र ने बताया कि वे रसायन शास्त्र के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। लेकिन उनके प्रश्नपत्र में उनके सिलेबस की बजाय रसायन शास्त्र के सामान्य विषयों (पास प्रोग्राम) के प्रश्न पूछ लिए गये। तृतीय वर्ष के छात्रों के प्रश्न पत्र में सेकंड ईयर के सिलेबस के सवाल भी पूछ लिए गये हैं।

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दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने कहा कि मॉक टेस्ट का आयोजन छात्रों और शिक्षकों को ओपन बुक सिस्टम से परिचित कराने के लिए किया जा रहा है। यह सिस्टम खुद यूनिवर्सिटी के लिए भी नया है। इस तरह हम अपनी तैयारियों की भी समीक्षा कर रहे हैं। सिस्टम में कहीं भी कोई कमी पाई जाती है, तो उसे समय रहते ठीक किया जायेगा। जिससे मुख्य परीक्षा के दौरान किसी को कोई परेशानी नहीं आए। छात्रों को ओपन बुक एग्जामिनेशन के सिस्टम से परिचित कराने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी ने चार जुलाई से आठ जुलाई के बीच 12 मॉक टेस्ट का आयोजन किया है। कोरोना काल में छात्रों को संक्रमण से बचाने और छात्रों के शैक्षणिक सत्र को समय से जारी रखने के लिए ओपन बुक सिस्टम की पद्धति से 10 जुलाई से 22 जुलाई तक मुख्य परीक्षाओं को आयोजित कराने का निर्णय लिया गया है।

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