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नई डिस्चार्ज पॉलिसी से बढ़ा मरीजों का रिकवरी रेट, अभी भी यह प्रदेश है फिसड्डी
देश में अब तक कोरोना से संक्रमित 51784 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि इस वायरस से 3720 लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना संक्रमित मरीजों की रिकवरी दर 41.39 फीसदी है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। लॉकडाउन के चौथे चरण में तमाम रियायतों के बाद देश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पिछले तीन दिनों के दौरान 18 हजार से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं और कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या सवा लाख के ऊपर पहुंच चुकी है। यह वायरस अभी तक 37 सौ से अधिक लोगों की जान ले चुका है। हालांकि इन सबके बीच राहत देने वाली खबर यह है कि रिकवरी रेट भी बढ़ाकर 41 फीसदी से ज्यादा हो गया है। वैसे रिकवरी रेट के साथ जुड़ी एक सच्चाई यह भी है कि कोरोना मरीजों के बारे में नई डिस्चार्ज पॉलिसी आने के बाद रिकवरी रेट में यह बढ़ोतरी दर्ज की गई है। महाराष्ट्र का रिकवरी रेट अभी भी सबसे कम दर्ज किया गया है।
देश में रिकवरी दर 41 फ़ीसदी से ऊपर
देश में अब तक कोरोना से संक्रमित 51784 मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि इस वायरस से 3720 लोगों की जान जा चुकी है। कोरोना संक्रमित मरीजों की रिकवरी दर 41.39 फीसदी है। 30 अप्रैल तक देश में कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 25 फ़ीसदी से भी कम था। हालांकि अब इस में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इसके पीछे कोरोना संक्रमित मरीजों की नई डिस्चार्ज पॉलिसी को बड़ा कारण माना जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की नई डिस्चार्ज पॉलिसी
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से गत 8 मई को कोरोना मरीजों के संबंध में नई पॉलिसी जारी की गई थी। नई पॉलिसी के तहत डिस्चार्ज से पहले केवल गंभीर मरीजों का ही कोरोना टेस्ट कराना जरूरी किया गया है। ऐसे मरीज जो बिना लक्षण वाले हैं या जिनके लक्षण बहुत हल्के हैं तो ऐसे मरीजों को 10 दिन में बिना कोरोना टेस्ट के ही डिस्चार्ज किया जा सकता है।
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हालांकि ऐसे मरीजों को डिस्चार्ज के बाद भी सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होगा। बिना लक्षण वाले और कम गंभीर मरीजों को डिस्चार्ज करने से पहले कोरोना की जांच के लिए होने वाला आरटी-पीसीआर टेस्ट भी नहीं कराना होगा। कोरोना के गंभीर मरीजों को 10 दिन बाद तभी डिस्चार्ज किया जाएगा जब उनका बुखार भर्ती होने के तीन दिन बाद ही उतर जाए।
पहले थी दूसरी पॉलिसी
पहले मरीजों को डिस्चार्ज करने की दूसरी नीति थी। इस नीति के तहत किसी मरीज का टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी उसे 14 दिन तक डॉक्टरों की निगरानी में रखने के बाद डिस्चार्ज किया जाता था। जिन मरीजों के टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आती थी, उन्हें डिस्चार्ज करने से पहले कोरोना टेस्ट कराना होता था। इस टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें डिस्चार्ज किया जाता था।
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महाराष्ट्र फिसड्डी, आंध्र प्रदेश अव्वल
देश में कोरोना का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में दिख रहा है और महाराष्ट्र का रिकवरी रेट सबसे कम 28 फ़ीसदी है। यहां 23 मई तक मिले 44582 मरीजों से 12583 मरीज ठीक होकर घर लौटे हैं। सबसे ज्यादा रिकवरी रेट आंध्र प्रदेश का है जहां 65 फ़ीसदी मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं यानी यहां मिले मरीजों में से आधे से अधिक मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
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