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नये साल में आ सकती है क्लीनिकल रिसर्च की नई गाइडलाइन: वेंकैया नायडू

देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को 70 वें इंडियन फार्मास्युटिकल्स कांग्रेस का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि अगले साल तक क्लीनिकल रिसर्च को लेकर लंबित नई गाइडलाइन आ सकती है।

Aditya Mishra
Published on: 21 Dec 2018 7:08 PM IST
नये साल में आ सकती है क्लीनिकल रिसर्च की नई गाइडलाइन: वेंकैया नायडू
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नोएडा: देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को 70 वें इंडियन फार्मास्युटिकल्स कांग्रेस का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि फार्मा उद्योग का भविष्य काफी उज्ज्वल है। अगले वर्ष क्लीनिकल रिसर्च को लेकर लंबित नई गाइडलाइन आ सकती है।

केंद्र सरकार की विशेष समिति इस पर काम लगभग पूरा कर चुकी है। लंबे समय से फॉर्मा उद्योग को इस गाइड लाइन का इंतजार है। उन्होंने कहा कि नई गाइडलाइन आने के बाद पीड़ितों को और ज्यादा मुआवजा मिल सकता है।

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सस्ती जैनरिक दवाइयां हर व्यक्ति को मिलनी चाहिए

दवा कंपनियों को सलाह देते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि दवा की संख्या बढ़ाने से अधिक उसकी गुणवत्ता पर जोर डालें। सस्ती जैनरिक दवाइयां हर व्यक्ति को मिलनी चाहिए व कंपनियों को इस दिशा में कदम बढ़ाने ही होंगे। उन्होंने कहा कि जेनेरिक दवाएं प्रभाव, सुरक्षा,शुद्धता, शक्ति एवं गुणवत्ता के लिहाज से अन्य ब्रांडेड दवाओं के समतुल्य होती हैं। इन किफायती दवाइयों से मरीजों को काफी लाभ मिलता है।

उपराष्ट्रपति ने स्वच्छ व स्वस्थ भारत की दिशा में प्रधामनंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास अतुलनीय हैं। भारत स्वच्छ और स्वस्थ बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। आज योग को न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में स्थापित एवं प्रचारित करने का श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है। उन्होंने भारतीय खान-पान व व्यंजनों की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के व्यंजन व संस्कृति ही मिलकर वसुधैव कुटुम्बकम को चरितार्थ करते हैं।

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सस्ती दवाइयां मुहैया कराने का प्रयास

इस मौके पर इंडियन फार्मास्युटिकल्स कांग्रेस के अध्यक्ष तथा सनफार्मा के प्रबंध निदेशक दिलीप सांघवी ने कहा कि अगले दशक में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर पर करीब 200 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर सस्ती दवाइयां मुहैया कराने का प्रयास चल रहा है।

फार्मा विजन 2020 के अनुसार भारत को दवाइयों के निर्माण में ग्लोबल लीडर के रूप में उभरने का मौका मिलेगा। फार्मा विजन को लागू करने व अनुसंधान व विकास के संबंध में अभी जागरूकता की जरूरत है। मौजूदा समय में फार्मा सेक्टर करीब 20 फीसद की दर से बढ़ रहा है। 2020 तक भारत विश्व में दवाओं का तीसरा बड़ा बाजार होगा।

इससे करीब 26 लाख लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष व शिक्षाविद डॉ अशोक चौहान, उत्तर प्रदेश के आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह के अलावा फार्मास्युटिकल्स उद्योग के कई उद्यमी और वैज्ञानिक उपस्थित थे।

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Aditya Mishra

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