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नई गाइडलाइंस: नाक, कान और गले की बीमारी के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिए ये निर्देश
सरकार ने ENT स्पेशलिस्ट और मरीजों के लिए गाइडलाइन जारी की है। यानी अगर आपको कान, नाक और गले से जुड़ी कोई बीमारी है तो इन गाइडलाइंस को फॉलो करना होगा।
नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आंख, कान और गले को लेकर गाइडलाइंस जारी कि है ताकि ईएनटी (Ear, Nose, Throat) डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सपोर्ट स्टाफ, और मरीजों एवं उनके अटेंडेंट में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। कोरोना वायरस का संक्रमण देश भर में लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
हर दिन 9 हजार से ज्यादा नए मरीज़
गौरतलब है कि सरकार हर किसी से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कह रही है। कोरोना के चलते दूसरे बीमारियों से परेशान लोगों को भी इलाज कराने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। औसतन हर दिन 9 हजार से ज्यादा नए मरीज़ सामने आ रहे हैं।
सरकार ने ENT स्पेशलिस्ट और मरीजों के लिए गाइडलाइन जारी की है। यानी अगर आपको कान, नाक और गले से जुड़ी कोई बीमारी है तो इन गाइडलाइंस को फॉलो करना होगा।
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टेली कंसल्टेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। यानी फोन पर ही पहले मरीजों से शुरुआती जानकारी ली जाएगी। इसके बाद जरूरत पड़ने पर मरीजों को हॉस्पिटल या क्लीनिक में बुलाया जाएगा।
ये होंगे नियम-
-पहले से ही अप्वाइंटमेंट लेने वाले मरीजों को प्राथमिकता दी जाए। कोशिश ये हो कि सारे मरीज़ अप्वाइंटमेंट लेकर ही डॉक्टर के पास पहुंचे।
-एग्जामिनेशन रूम में मरीजों को बिना किसी अटेंडेंट के जाने की इजाजत होगी। एक बार में यहां एक ही मरीज़ जा सकता है।
-ओपीडी में आने से पहले सारे मरीजों की स्क्रीनिंग होगी। शरीर का तापमान चेक किया जाएगा
-ओपीडी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। साथ ही हर किसी के लिए मास्क लगाना भी अनिवार्य होगा।
-डॉक्टरों को पीपीई किट पहनना होगा। साथ ही उन्हें ग्लब्स भी लगाने होंगे। समय-समय पर ग्लब्स भी बदलने होंगे
-एंडोस्कोपी जल्दी न करें। अगर जरूरी हो तो अलग एरिया में करें
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोशिश ये की जाए की दूसरी बार मरीजों को क्लीनिक न आने के लिए कहा जाए। कोशिश करें की सारी चीज़ें फोन पर सुलझ जाएं। यानी फोन पर मरीजों से ज्याद से ज्यादा जानकारी साझा की जाएगी