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पहली बार श्रमिकों पर इतनी मेहरबान हो रही है केंद्र और राज्य सरकारें!
दिल्ली ब्यूरो: अब आर्थिक तंगी से गंभीर तौर पर बीमार और रिटायर हो चुके वृद्ध श्रमिकों को उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधाओं के दायरे में लाने की योजना को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है। श्रमिकों को रिझाने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से औद्योगिक श्रमिकों के मासिक मेहनताने में 35 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा पहले ही हो चुकी है। अब केंद्र सरकार की ओर से इस तरह उच्च कोटि के हेल्थ कवर की ताजा पहल हुई है।
ईएसआई के दायरे में आने वाले श्रमिकों को रिटायर व वृद्ध श्रमिकों को सुपर स्पेशियलिटी ईलाज की सुविधाएं मुहैया कराने की सुध केंद्र सरकार और श्रम मंत्रालय ने पहली बार ली है। श्रमिकों की यह मांग लंबे अरसे से चली आ रही थी कि ऐसे श्रमिक जो रिटायर होने के बाद असहाय हैं और काम करने की हालत में नहीं हैं, उन्हें इस तरह के महंगे इलाज की पात्रता की परिधि में लाया जाना जरूरी है।
ईएसआई एक्ट के प्रावधानों में विस्तार
श्रम मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि रिटायर और ऐसे श्रमिक जो काम करने की हालत में नहीं हैं और गंभीर तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं, उन्हें उच्च कोटि का इलाज मुहैया कराने के लिए ईएसआई एक्ट के प्रावधानों का विस्तार किया गया है।
अब तक ऐसा है श्रमिकों का हाल
श्रम मंत्रालय का दावा है कि ईएसआई के दायरे में आ चुके श्रमिकों को उसके औषधालयों से उपचार और दवाएं निःशुल्क सुलभ हो रही हैं। अब तक होता यह था कि उन्हें मामूली रोगों के उपचार का लाभ तो मिलता था लेकिन जब रोग गंभीर किस्म का हो, तो उन्हें पात्रता के अभाव में सुपर स्पेशियलिटी उपचार से वंचित रहना पड़ता था। नतीजा यह कि आर्थिक तंगी और बेबसी में उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं होता था। श्रमिकों की मुश्किल यह होती थी कि खतरनाक औद्योगिक ईकाइयों में काम कर चुके श्रमिकों को उम्र के अंतिम पड़ाव में ही इस तरह की मुश्किलों से जूझना पड़ता था।
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1 अप्रैल 2017 से होगा लागू
कर्मचारी राज्य बीमा निगम बोर्ड की ओर से बताया गया कि रिटायर श्रमिकों की इस योजना को आगामी एक माह बाद यानी 1 अप्रैल 2017 से लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत श्रमिक व उसकी पत्नी या पति को सुपर स्पेशियलिटी उपचार के लिए एक वित्त वर्ष में 10 लाख रूपए व जीवन काल में 15 लाख रुपए के उच्च कोटि के इलाज की सीमा का लाभ दिया जा सकता है।
ये है नया प्रस्ताव
योजना के तहत प्रावधान रखा गया है कि रिटायर श्रमिकों को इस इलाज के बदले एक प्रीमियम का भुगतान करना होगा। इस तरह के उच्च कोटि के इलाज में मासिक प्रीमियम का भुगतान मात्र 1,700 रुपए प्रति माह और वार्षिक प्रीमियम का भुगतान 20,400 रुपए तय किया गया है। हालांकि इएसआई बोर्ड मानता है कि यह राशि ज्यादा है। इससे गरीब और रिटायर श्रमिक भुगतान नहीं कर सकेंगे। लिहाजा यह प्रस्ताव किया गया है कि यह 500 रुपए प्रतिमाह और 6,000 रुपए सालाना तय होनी चाहिए।
योजना में ये होंगे लाभार्थी
इस योजना के तहत उन तमाम श्रमिकों को लाभार्थी बनाया जाएगा जो आगामी 1 अप्रैल के पहले या बाद में रिटायर हो चुके हैं या उसके बाद रिटायर होने वाले हैं।