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Jharkhand: झारखंड में सोरेन कैबिनेट का फॉर्मूला तय, नए मंत्रियों का शपथग्रहण कल, इन दावेदारों के नाम चर्चा में
Jharkhand: झारखण्ड में राजभवन में कल दोपहर 12:30 बजे नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया है।
Jharkhand: झारखंड में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद अब हर किसी की निगाहें सोरेन कैबिनेट के विस्तार पर लगी हुई हैं। राजभवन में कल दोपहर 12:30 बजे नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस दौरान 11 नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। सोरेन कैबिनेट में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से छह, कांग्रेस से चार और राजद से एक मंत्री को शपथ दिलाए जाने की संभावना है।
राजद कोटे से मंत्री बनने वाले विधायक का नाम तय कर लिया गया है मगर कांग्रेस की ओर से अभी भी कई दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। कांग्रेस कोटे से मंत्री पद के दावेदार रांची और दिल्ली में अपना समीकरण साधने की कोशिश में जुटे हुए हैं। वैसे जानकारों का कहना है कि नए मंत्रियों के बारे में फैसला लिया जा चुका है हालांकि कोई भी इस बाबत खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है।
लुईस मरांडी को मिल सकता है मंत्री पद का तोहफा
झारखंड में इस बार के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की अगुवाई में इंडिया गठबंधन 56 सीटों पर कामयाब रहा है। झामुमो ने 34, कांग्रेस ने 16, राजद ने चार और भाकपा माले ने दो सीटों पर जीत हासिल की है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने पिछले गुरुवार को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद के शपथ ली थी मगर इस दौरान किसी अन्य नेता को मंत्री पद की शपथ नहीं दिलाई गई थी। अब नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के लिए कल की तारीख तय की गई है। झामुमो से इस बार दुमका जिले की जामा सीट से चुनाव जीतने वाली लुईस मरांडी को मंत्री पद मिलने की संभावना है। लुईस मरांडी रघुवर दास की सरकार में भी मंत्री रह चुकी हैं और इस बार उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले झामुमो में शामिल होकर जीत हासिल की है।
सीता सोरेन के झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद लुईस मरांडी को मंत्री बनाकर पार्टी बड़ा संदेश भी देना चाहती है। पार्टी दल छोड़ने वाले नेताओं को यह बताना चाहती है कि अगर वे पार्टी में रहते तो उन्हें भी इनाम मिलता।
झामुमो से इन दावेदारों के नाम भी चर्चा में
मरांडी के अलावा देवघर जिले की मधुपुर सीट से जीतने वाले हाफिजुल हसन को फिर मंत्री बनाया जाना तय माना जा रहा है। घाटशिला विधायक रामदास सोरेन, चाईबासा विधायक दीपक बिरुआ, भवनाथपुर विधायक अनंत प्रताप देव के नाम भी नए मंत्रियों के रूप में चर्चाओं में हैं। टुंडी से चुनाव जीतने वाले मथुरा प्रसाद महतो और ईचागढ़ की विधायक सविता महतो को भी मंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
कल्पना सोरेन पर टिकी हैं सबकी निगाहें
सबसे ज्यादा इंतजार इस बात का हो रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मंत्री बनाते हैं या नहीं। झारखंड मुक्ति मोर्चा की जीत में कल्पना सोरेन की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। झामुमो प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने पूरे राज्य में बड़ा अभियान चलाया था। उन्होंने एक बार फिर गांडेय विधानसभा सीट से जीत हासिल की है मगर उन्हें मंत्री बनाने का फैसला हेमंत सोरेन के लिए आसान नहीं माना जा रहा है।
इसका एक कारण यह भी है कि हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन ने भी इस बार परिवार की परंपरागत दुमका सीट से जीत हासिल की है और उन्हें भी मंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। चंपई सोरेन की सरकार में बसंत मंत्री के रूप में काम भी कर चुके हैं। हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन पहले ही भाजपा में शामिल हो चुकी हैं और ऐसे में माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन अपने भाई को नाराज करना नहीं चाहेंगे। जानकारों का कहना है की कल्पना सोरेन को कैबिनेट मंत्री के दर्जे वाला कोई दूसरा पद दिया जा सकता है।
कांग्रेस में मंत्री पद के लिए जबर्दस्त जोड़-तोड़
यदि कांग्रेस के दावेदारों की बात की जाए तो लोहरदगा सीट से जीत हासिल करने वाले रामेश्वर उरांव का नाम तय माना जा रहा है। जामताड़ा के विधायक इमरान अंसारी की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है। दीपिका पांडेय सिंह को महिला कोटे से फिर मौका मिल सकता है।
कांग्रेस में चौथे मंत्री पद के लिए जबर्दस्त खींचतान की स्थिति दिख रही है। चौथे मंत्री पद के लिए राधा कृष्ण किशोर, प्रदीप यादव और नमन विक्सल कोंगाड़ी के नाम चर्चाओं में हैं। वैसे कांग्रेस में कुछ और दावेदारों ने भी मंत्री पद हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है।
राजद में देवघर से चुनाव जीतने वाले सुरेश पासवान और गोड्डा से जीत हासिल करने वाले संजय यादव का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है हालांकि जानकारों का कहना है कि सुरेश पासवान का पलड़ा ज्यादा भारी दिख रहा है। अब सबकी निगाहें कल आयोजित होने वाले नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह पर टिकी हैं। नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद सोरेन सरकार पूरी ताकत के साथ काम करना शुरू करेगी।